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Sunday, December 22, 2013

नव वर्ष ले आया नया विहान है (कविता)

नव वर्ष ले आया नया विहान है


नयी चेतना है  नवीन   है चिंतन,
नयी करवटें ले रहा, नवजीवन,
नवीन संकल्प लिए प्रण महान है
नव वर्ष ले आया नया विहान है।

व्यथाओं को विराम दें,
वेदना का करें विस्मरण,
चेतना के उच्च शिखर पर,
करुणा का हो प्रष्फुटण ।

प्रणय अनुमोदन लिए भरा
प्राण है
नव वर्ष ले…

गीति लहरिओं पर नया राग है,
नवीन पुष्पों पर नया पराग है,

प्रकृति पट खोल रही,
जीवन रस घोल रही,
दिग - दिगंत में खुला नया वितान है,
नव वर्ष ले…।

नया जोश है,  नयी उमंग है,
तन मन में बज रहा जलतरंग है ।



नवीन कल्पनाये हैं,
नवीन रचनाये हैं,
नवीन संवेदनाएं संग नयी उड़ान है ।
नव वर्ष ले….....।

नए क्षेत्र में नयी शोध है,
नए विचारों कि नयी पौध है,
मन में नयी खोज है,
निरंतर नया ओज है,
नए क्षेत्र के लिए नया ज्ञान है ।
नव वर्ष ले…।

हिंसा, प्रतिहिंसा  का विनाश हो',
शांति प्रस्तावों पर नया प्रयास हो,
अनाचार सिमट रहा,
व्यभिचार मिट रहा,
अहिंसा  से प्रतिबद्ध सारा जहान है ।
नव वर्ष ले….......।


इस कविता को मेरे इस साइट के लिंक पर भी पढ़ सकतेहैं:
http://www.poemhunter.com/brajendra-nath-mishra/poems/

2 comments:

Marmagya - know the inner self said...

This poem gives the poetic talent of Mr Mishra.
I wish him write more poems in his Blog

bodhisatwa misra

Unknown said...

The poem initiates a bright and fresh beginning to 2014..

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