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Friday, December 27, 2013

नव वर्ष अभिनन्दन (कविता)

नव वर्ष अभिनन्दन,
नव वर्ष अभिनन्दन.

नवीन कल्पना, नवीन साधना
नवीन प्रेरणा, नवीन स्पंदन.
नव वर्ष अभिनन्दन.

नव प्रीत हो, नव मीत हो,
मुस्कान हो हर होठ पर,
और ख़ुशी के गीत हो.
नव उपासना, नवीन प्रार्थना,
नव प्रभात का हो नवीन वंदन
नव वर्ष अभिनन्दन.

नव स्पर्श हो, नव हर्ष हो
नए शिखर कि ओर, नवीन उत्कर्ष हो
नयी फुहार हो, नयी बहार हो ,
नयी पौध का हो नवीन सिंचन.
नव वर्ष अभिनन्दन।

नए क्षितिज की  ओर नयी उड़ान हो
नए आयाम के लिए
प्रण महान हो
किसी गली में न हो
उदास बचपन
नव वर्ष अभिनन्दन….

न मन निराश हो,
न दिल हताश हो,
स्फूर्ति हो तन में,
नवीन स्वाश हो,
न हो अत्याचार,
न हो बलात्कार,
न खौफ हो मन में,
न लगे कहीं ग्रहण.
नव वर्ष अभिनन्दन.




2 comments:

Unknown said...

nice.. its very gud poem.. inspiring one.. happy new year..

Unknown said...

it's a very gud poem.. inspiring one... happy new year.. nav varsh ki aapko b subhkamna.. 3

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