#essay#9/11attack#binobaji
#BnmRachnaWorld
9/11, 2011, की 14 वीं वर्षी आज है , जिसे याद रखना चाहिए। इसकी खौफनाक तश्वीर जेहन में ताजी है जो आतंक के पूर्ण खात्मे के लिए दुनिया को एक साथ लड़ने का आह्वान कर रही है। लेकिन दुनिया आज भी आतंकियों से लड़ने में एक जुट होने के बजाय बंटी हुयी है। आतंकवाद के नाग के शरीर को क्षत - विक्षत करने से वह पुनर्जीवित हो उठेगा , उसके फ़न को कुचलने की जरुरत है। और उसके लिए साझा प्रयास करना होगा , तभी सम्पूर्ण सफलता मिलेगी।
आज के दिन भारतवासियों के लिए एक और महान आत्मा को याद करने का दिन है , जिसे हम औपचारिकतावश भी याद करना भूल गए हैं। आज आचार्य बिनोबा भावे का जन्मदिन है. इन्हें गांधी जी ने प्रथम सत्याग्रही घोषित किया था। भारत को आज़ादी मिलने के बाद भूदान आंदोलन द्वारा इन्होने लाखों बेज़मीन और बेघर लोगों को जमीन और घर का पट्टा दिलवाया। भारत में जोत के जमीन के सम्यक वितरण की समस्या की ओर सबों का ध्यान आक्रिस्ट कर उसके समाधान खोजने के तरफ कदम बढ़ने कोप्रेरित किया। उन्होंने सर्वोदय आंदोलन की नीवं रखी। बुद्धिजीवियों के लिए रचनात्मक एवं सामाजिक कार्य की ओर बढ़ने के लिए "आचार्य कुल " नामक संस्था को प्रारम्भ किया। चलिए आज उन्हें भी याद कर लिया जाय। नौजवानं पीढ़ी एक बार गूगल सर्च कर ले कि बिनोबा कौन थे ? अगर समय मिले तो उनकी कही बातों को किताब में परिवर्तित की गयी पुस्तक " गीता प्रवचन " पढ़ लिया जाय तो खुद पर एक और अहसान हो जाएगा।
--ब्रजेंद्र नाथ मिश्र
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9/11, 2011, की 14 वीं वर्षी आज है , जिसे याद रखना चाहिए। इसकी खौफनाक तश्वीर जेहन में ताजी है जो आतंक के पूर्ण खात्मे के लिए दुनिया को एक साथ लड़ने का आह्वान कर रही है। लेकिन दुनिया आज भी आतंकियों से लड़ने में एक जुट होने के बजाय बंटी हुयी है। आतंकवाद के नाग के शरीर को क्षत - विक्षत करने से वह पुनर्जीवित हो उठेगा , उसके फ़न को कुचलने की जरुरत है। और उसके लिए साझा प्रयास करना होगा , तभी सम्पूर्ण सफलता मिलेगी।
आज के दिन भारतवासियों के लिए एक और महान आत्मा को याद करने का दिन है , जिसे हम औपचारिकतावश भी याद करना भूल गए हैं। आज आचार्य बिनोबा भावे का जन्मदिन है. इन्हें गांधी जी ने प्रथम सत्याग्रही घोषित किया था। भारत को आज़ादी मिलने के बाद भूदान आंदोलन द्वारा इन्होने लाखों बेज़मीन और बेघर लोगों को जमीन और घर का पट्टा दिलवाया। भारत में जोत के जमीन के सम्यक वितरण की समस्या की ओर सबों का ध्यान आक्रिस्ट कर उसके समाधान खोजने के तरफ कदम बढ़ने कोप्रेरित किया। उन्होंने सर्वोदय आंदोलन की नीवं रखी। बुद्धिजीवियों के लिए रचनात्मक एवं सामाजिक कार्य की ओर बढ़ने के लिए "आचार्य कुल " नामक संस्था को प्रारम्भ किया। चलिए आज उन्हें भी याद कर लिया जाय। नौजवानं पीढ़ी एक बार गूगल सर्च कर ले कि बिनोबा कौन थे ? अगर समय मिले तो उनकी कही बातों को किताब में परिवर्तित की गयी पुस्तक " गीता प्रवचन " पढ़ लिया जाय तो खुद पर एक और अहसान हो जाएगा।
--ब्रजेंद्र नाथ मिश्र
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