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#BnmRachnaWorld
कल 25दिसम्बर को जमशेदपुर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता, सुविख्यात समाज सेवी, तुलसी भवन, बिष्टुपुर के वर्तमान न्यासी और पूर्व मानद सचिव आदरणीय मुरलीधर केडिया जी के 75वर्ष पूरे होने परआदरनीय डा नर्मदेश्वर पाण्डेय जी के नेतृत्व मे सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से अमृत महोत्सव का आयोजन हुआ था। इसमें माननीय मन्त्री जी श्री सरयू राय जी विशिष्ट अतिथि के रूप में मन्चासीन थे। शहर के गन्य्मान्य नागरिकों, साहितीकों और सिंह भूम चैंबर के सदस्यों ने उन्के दीर्घ जीवन की कामना की। इस आयोजन में मैं भी शमील हुआ।
इस अवसर पर हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से अभिननदन ग्रन्थ के रूप में स्मारिका का विमोचन भी हुआ। उसमें मेरी कविता भी छपी है, जिसे मैं नीचे दे रहा हूं। कुछ तस्वीरें भी प्रस्तुत हैं :
श्री मुरली धर केडिया जी के अमृत महोत्सव ग्रन्थ के लिये लिखी गयी मेरी कविता :
नमन आपका है शतबार!
हे स्मितहास्य, हे मृदुभाषी।
हे सरल चित्त, हे सुखराशि।
हे स्वदेशी आन्दोलन के सूत्रधार।
केडिया जी, नमन आपका है शत बार!
आप तुलसी - भवन के दृढ़ स्तम्भ,
जहाँ साहित्य - सृजन लेता आकार।
आप सहज उप्लब्ध रहते सबको,
जो चाहे आपका साक्षात्कार।
नमन आपका है शतबार!
आप कर-प्रणाली-ज्ञान में निष्णात,
आप मानव-सूर्य के अरुण प्रभात।
आपसे आलोकित है पथ हमारा,
आपका निर्देशन हो हमें प्राप्त।
हे प्रेम, करुणा, सहिष्णुता, सेवा के विस्तार,
नमन आपका है शतबार!
हे स्वदेशी आन्दोलन के सूत्रधार,
नमन आपका है शतबार!
नमन आपका है शतबार!
-ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
सुन्दर गार्डन, संजय पथ, डिमना रोड, मानगो।
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कल 25दिसम्बर को जमशेदपुर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता, सुविख्यात समाज सेवी, तुलसी भवन, बिष्टुपुर के वर्तमान न्यासी और पूर्व मानद सचिव आदरणीय मुरलीधर केडिया जी के 75वर्ष पूरे होने परआदरनीय डा नर्मदेश्वर पाण्डेय जी के नेतृत्व मे सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से अमृत महोत्सव का आयोजन हुआ था। इसमें माननीय मन्त्री जी श्री सरयू राय जी विशिष्ट अतिथि के रूप में मन्चासीन थे। शहर के गन्य्मान्य नागरिकों, साहितीकों और सिंह भूम चैंबर के सदस्यों ने उन्के दीर्घ जीवन की कामना की। इस आयोजन में मैं भी शमील हुआ।
इस अवसर पर हिन्दी साहित्य सम्मेलन की ओर से अभिननदन ग्रन्थ के रूप में स्मारिका का विमोचन भी हुआ। उसमें मेरी कविता भी छपी है, जिसे मैं नीचे दे रहा हूं। कुछ तस्वीरें भी प्रस्तुत हैं :
श्री मुरली धर केडिया जी के अमृत महोत्सव ग्रन्थ के लिये लिखी गयी मेरी कविता :
नमन आपका है शतबार!
हे स्मितहास्य, हे मृदुभाषी।
हे सरल चित्त, हे सुखराशि।
हे स्वदेशी आन्दोलन के सूत्रधार।
केडिया जी, नमन आपका है शत बार!
आप तुलसी - भवन के दृढ़ स्तम्भ,
जहाँ साहित्य - सृजन लेता आकार।
आप सहज उप्लब्ध रहते सबको,
जो चाहे आपका साक्षात्कार।
नमन आपका है शतबार!
आप कर-प्रणाली-ज्ञान में निष्णात,
आप मानव-सूर्य के अरुण प्रभात।
आपसे आलोकित है पथ हमारा,
आपका निर्देशन हो हमें प्राप्त।
हे प्रेम, करुणा, सहिष्णुता, सेवा के विस्तार,
नमन आपका है शतबार!
हे स्वदेशी आन्दोलन के सूत्रधार,
नमन आपका है शतबार!
नमन आपका है शतबार!
-ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
सुन्दर गार्डन, संजय पथ, डिमना रोड, मानगो।
3 comments:
आदरणीय सर जी !
व्यक्ति विशेष पर कविता नहीं यह शब्दों की कविता रूपी माला अर्पित की है आपने ...अति सुन्दर !
आपका : एक प्रसंशक !
प्रिय प्रकाश जी, आपके अनुमोदन से मैं अभिभूत हूं। आप के सरहाना के शब्द मुझे नई उर्जा से भर देते हैं। आपके मन्तब्य का हमें हमेशा इन्तजार रहेगा। अपने कम्मेंट पोस्ट करते रहें। सादर आभार!
Kedia ji ke byaktitwa ko nirupit karti sundar rachana!
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