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Friday, June 1, 2018

जम्मु कश्मीर यात्रा वृतांत, 22-05-2018, मंगलवार, प्रथम दिन, Day 1)

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#TourtoJammuKashmir
जम्मु कश्मीर यात्रा संस्मरण, 22-05-2018,मंगलवार, प्रथम दिन, Day 1)
मित्रों, मैं अभी जम्मु कश्मीर की यात्रा पर हूँ। इस यात्रा के दौरान जिन अनुभवों से गुजर रहा हूँ, उसे मैं लिपिबद्ध करने की कोशिश कर रहा हूँ। जम्मु कश्मीर में डाटा जाम कर दिये जाने के कारण आज पहला पोस्ट डाल रहा हूँ, जो श्रीनगर के होटल के वाईफाई के मार्फत सम्भव हो पाया है। प्रस्तुत है पहले दिन का  यात्रा वृतांत:




22-05-2018, मंगलवार (प्रथम दिन, Day 1)
ऊँ हौं जुं स:। ऊँ भूर्भव: स्व:।
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टि वर्धनम।
उर्वारुकम बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।
स्व: भूर्भव: ऊँ। स: जुं हौं ऊँ।
जम्मु कश्मीर की यात्रा मेरे वर्तमान निवास स्थान वैशाली सेक्टर 4 से 2बजकर 46 मिनट अपराह्न से आरम्भ हुई। ओला कैब से नयी दिल्ली स्टेशन आकर जमशेदपुर से आये अन्य यात्रा के पथिकों के समूह में, मैं अपनी पत्नी के साथ शामिल हो गया। वे सभी करीब 1 बजे अपराह्न ही पहुंच चुके थे। उनसे ज्ञात हुआ कि उनकी यात्रा कल ही शुरु हो चुकी है। वे जमशेदपुर से बस द्वारा रांची आये और वहां से गरीब रथ ट्रेन से दिल्ली आ गये। ट्रेन दो घन्टे लेट थी। उनका लंच यहीं स्टेशन पर हुआ। मेरे जमशेदपुर निवास सुन्दर गार्डेन कैंपस से श्री ललन प्रसाद सिंह जी अपनी पत्नी, अपनी बहन और जीजा जी के साथ आये हैं। उन सबों से यहीं दिल्ली स्टेशन पर मुलाकात हुयी। मेरी इस यात्रा का उद्देश्य समूह में यात्रा का आनन्द लेना है। दूसरा अभी जब जम्मु कश्मीर में रमजान के महीने में सेना का आतक वादियों के विरुद्ध ओफ्फेन्सिव कार्य कलाप बंद है, तब स्थिति को करीब से जानना! इस यात्रा में यात्रा कोओर्दिनेटर हॉलिडे त्रैवेल्स के श्री उत्तम चौधरी का सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होने 6 बजे शाम के करीब मिक्चर और पेस्ट्री रोल के पैकेट पेश किया। इसके साथ हमलोगों ने चाय का आनन्द लिया।
आज आठ बजे जो यात्रा पर्ची प्रमाण परीक्षक आये, वे बहुत ही सजग दिखे। उन्होने टिकट का परीक्षण ही नहीं किया बल्कि सबों के आई डी प्रमाण पत्र की भी परीक्षा की। सामान्यत: ट्रेनों में हमलोग जैसे वरिष्ट नागरिकों से यात्रा प्रमाण पर्ची पर आबंटित सीटो की जानकारी लेकर आगे बढ़ जाते हैं। साथ ही अगर मेरी और मेरी पत्नी का एक ही पी एन आर में यात्रा पर्ची(टिकट) है, तो मेरा परिचय प्रमाण पत्र देखकर ही संतुष्ट हो जाते है। इन्होने मेरा और मेरी पत्नी दोनों का परिचय प्रमाण पत्र का परीक्षण किया। यह उनके कर्तब्य निरवहण के प्रति निष्ठा को दर्शाता है। ऐसे कर्तब्य परायण परीक्षक भारतीय रेल के प्रकाश स्तम्भ हैं। हाँ, बहुत से लोग होंगें जो उनके इस ब्यवहार को उनके पदाधिकारी जन्य अहंकार से जोड़ सकते हैं।
बड़ी विचित्र स्थिति है। जब कोई सरकारी पदाधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तब्य का निर्वाह चुस्ती से करता है, तो वह आम जन की नजरों में पद का अहंकार दिखा रहा होता है। जब वह ऐसा नहीं करता है तो लोग उसे ढीला ढाला घोषित कर देते हैं।
रात्रि यात्रा तृतीय श्रेणी के शयन स्थान पर श्री शक्ति एक्सप्रेस/मेल से यात्रा करते हुये सम्पन्न हुयी। पूरी ट्रेन लगभग भरी हुयी थी। इससमय स्कूलों में छुट्टियां होने के कारण कफ़ी यात्री वैश्नोदेवी यात्रा के साथ कस्मीर की यात्रा की भी योजना बनाते हैं। हमारे समूह में करीब 31 यात्री और 4 -5 को ओर्दिनेटोर के स्टाफ हैं। जम्मु से कतरा की यात्रा एक नया अनुभव साबित होती अगर यह दिन में होती। इस रेल खण्ड का निर्माण खुद मे एक तकनीक और अभियंत्रण के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। दिन में यात्रा करने पर रेल का पहाडों पर वादियों और सुरंगों को पार करते हुये देखना एक रोमांचकारी अनुभव होता।
क्रमश:,,,

1 comment:

Lalita Mishra said...

जम्मू कश्मीर यात्रा वृत्तांत के पहले दिन की यात्रा का अनुभव भी एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है। एक साधारण से अनुभव से भी जीवन की सीख निकाल लेना कोई लेखक से ही सीखे। बहुत सुन्दर वर्णन!

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