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Saturday, January 1, 2022

नव वर्ष में नव हर्ष के विस्तार का हो अभिनंदन (कविता)

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#newyearpoem

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परम स्नेही साहित्यान्वेषी सुधीजनों,

नमस्ते👏!

आपको और आपके पूरे परिवार , समस्त कुटुम्बीजनों और मित्रों को नव वर्ष की शुभकामनाएँ💐!

शुद्ध साहित्यिक रचनाओं के मेरे ब्लॉग से जुड़ने  पर मैं ब्रजेन्द्र नाथ आपका हार्दिक नववर्षाभिनन्दन करता हूँ | अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष का आरम्भ हो गया है | विगत वर्ष के दंशों और विकारों को विस्मृत कर इस वर्ष के हर्ष और उत्कर्ष के लिए प्रयासों और प्रयत्नों को सुनियोजित कर आगे विकास के उच्च पथ पर आइये बढ़ चलते हैं : मेरी इस रचना के ऐसे ही भाव हैं, आप सुनें --

आपके लिए यह वर्ष उल्लास और उमंगों से ओतप्रोत हो | आप उत्कर्ष के नए शिखरों को प्राप्त करें, यही मेरी शुभकामनाएं हैं |

*नव हर्ष के विस्तार का अभिनंदन*

नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।
नव हर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

सन इक्कीस के उस
दंश को भूलना है कठिन ।
हमने खाये तीर कई,
जिन्हें भूलना है कठिन ।
फिर भी नव संचार का करते हैं हम सर्जन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

नव वर्ष की नव रश्मियाँ
दे रहीं संदेश पल - पल।
सुधियाँ वही जो दे खुशी,
हो यही उद्घोष प्रतिपल।

नव स्फूर्ति के नवाचार का करते है संचरण।
नव स्पर्श के विस्तार का करते है अभिनंदन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

नव पल्लवों पर ओस की
बूंदें टिकती,  जैसे ज्योति।
पवन रचता है  हिंडोला
सीप में पलती है मोती।

नव - प्रकृति - आधार का करते हैं अवलोकन।
नव संस्पर्श के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

कोहरा छाया है गगन में,
सूरज का रश्मिरथ रुका।
किरणें फिर भी चीरती है,
लो रथ का पहिया चल पड़ा।

सदप्रयास के प्रचार का रुकता नहीं है कभी चरण।
नव उत्कर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनन्दन।

इस वर्ष देखेगा जमाना
नया एक हुंकार प्रबल।
इस वर्ष छायेगा जगत में
भारत का नवाचार निश्छल।

विश्व में हम व्यापार का देते है नव संस्करण।
नव अर्श के विस्तार का करते है अभिनंदन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

स्तुत्य है,  हमारे लिए लीं
सीने पे जिसने गोलियाँ।
उनकी जागती  रहती हैं आँखें
माएँ सुनाएँ लोरियाँ।
 
शौर्य है अपार उनका, करते है नितवंदन।
नव कंदर्प के विस्तार का करते है नित चयन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

नव स्थापनाओं के लिए
मन्तव्य का  मंथन करो।
शोध में नयी सोच का
विविध विश्लेषण करो।

विमर्श के स्वीकार का, करते हैं अन्वेषण।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।
©ब्रजेंद्रनाथ
यूट्यूब लिंक:

https://youtu.be/0FVj0o9qPSg

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ब्रजेन्द्रनाथ


16 comments:

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, नमस्ते👏! मेरी रचना को आज की चर्चा में सम्मिलित करने के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय रवींद्र जी, नमस्ते👏!मेरी इस रचना को आज की चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Meena Bhardwaj said...

नव पल्लवों पर ओस की
बूंदें टिकती, जैसे ज्योति।
पवन रचता है हिंडोला
सीप में पलती है मोती।

नव - प्रकृति - आधार का करते हैं अवलोकन।
नव संस्पर्श के विस्तार का करते हैं अभिनंदन
प्रकृति का मनोहर रूप निखर कर आया है कविता में..., आपकी लेखनी को नमन 🙏
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय मर्मज्ञ सर 🙏

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया, आपकी सराहना के शब्द सृजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे। सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Anita said...

नव वर्ष की नव रश्मियाँ
दे रहीं संदेश पल - पल।
सुधियाँ वही जो दे खुशी,
हो यही उद्घोष प्रतिपल।

आशा और विश्वास दिलाती सुंदर रचना, नए वर्ष की शुभकामनाएँ !

Jyoti Dehliwal said...

आशा का संचार करती बहुत सुंदर रचना।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया ज्योति जी, आपने मेरी रचना पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया देकर मुझे ऊर्जस्वित कर दिया है। आपका हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया अनिता जी, आपके अनुमोदन से मुझे सृजन की।प्रेरणा मिलती रहेगी। सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Manisha Goswami said...

सन इक्कीस के उस
दंश को भूलना है कठिन ।
हमने खाये तीर कई,
जिन्हें भूलना है कठिन ।
फिर भी नव संचार का करते हैं हम सर्जन।
नव वर्ष के विस्तार का करते हैं अभिनंदन।

बिल्कुल सही कहा आपने उम्मीद का प्रकाश हमेशा रखना चाहिए!
आशा का संचार करती बेहतरीन रचना!
नवजोत लिए,
नव आश लिए,
नवदीप का प्रकाश लिए,
नववर्ष आए आपके जीवन में
खुशियाँ अपार लिए 🙏🙏
नववर्ष की हार्दिक हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई🎉🎊 🙏

अनीता सैनी said...

वाह!सराहनीय सृजन।
सादर नमस्कार आदरणीय सर।
नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएँ।
सादर

कविता रावत said...

लाख काले बादल हो लेकिन उम्मीद के सूरज को बहुत देर तक नहीं ढँक सकते हैं
बहुत सुन्दर सकारात्मक प्रस्तुति
नववर्ष मंगलमय हो!

Bharti Das said...

बहुत बढ़ियां रचना
नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएं

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया भारती दास जी, नमस्ते👏! आपको सपरिवार नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ! मेरी इस रचना की सराहना के लिए हॄदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया कविता रावत जी, नमस्ते👏! आपके उत्साहवर्धन ने मुझे सृजन के लिए नई ऊर्जा से भर दिया है। नव वर्ष मंगलमय हो! हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया अनिता जी, सकारात्मक और उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए हृदय तल से आभार!नव वर्ष मंगलमय हो। --ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया मनीषा गोस्वामी जी, नमस्ते👏! आपको सपरिवार नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ!
आपने मेरी इस रचना पर विस्तृत टिप्पणी दी है। मैं आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ। हृदय की गहराइयों से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

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