#BnmRachnaWorld
#literary#recognition#award
प्रतिलिपि पर टॉप 250 लेखकों में मेरा चयन और ऐतिहासिक फिक्सन लेखन "कालचक्र" का परिणाम
परमस्नेही मित्रों,
मैं आपसे अपने आनंद के कुछ पलों को साझा करना चाहता हूँ। पिछले 10 जून का दिन मेरे लिए दो खुशियाँ लेकर आया।
पहली खुशी: दोपहर में ब्लू डार्ट कोरियर से एक बॉक्स मिला, जिसकी तस्वीर आपको स्क्रीन पर दिख रही होगी। मैंने इस पैकेट को खोला, तो उसमें से लिफाफे में बंद एक कार्ड मिला, जिसपर लिखा था,
"प्रिय लेखक, आपको हार्दिक बधाई! आप प्रतिलिपि परिवार के श्रेष्ठ 250 लेखकों में से एक हैं। आपके साथ हमने किस्से - कहानियों का यह लंबा और खूबसूरत सफर तय किया है। हम अत्यंत आभारी हैं और 1,00,000 लेखकों के प्रतिलिपि से जुड़ने की इस विशेष उपलब्धि की खुशी आपके साथ बाँटना चाहते हैं।
समस्त शुभकामनाएँ!
सादर,
टीम प्रतिलिपि (हिंदी)
तो सबसे पहले मैं प्रतिलिपि और इसकी पूरी टीम को एक लाख रचनाकारों के जुड़ने की हार्दिक बधाई देता हूँ। प्रतिलिपि ने स्थापित और नवोदित दोनों तरह के लेखकों के लिए एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहाँ उनकी रचनाओं को दुनिया भर के कई लाख पाठक पड़ सकते हैं और अपने विचार भी दे सकते हैं। मैं प्रतिलिपि के साइट से पिछले तीन वर्षों से जुड़ा हुआ हूँ, और मुझे इसपर गर्व है। उम्मीद है मेरा यह जुड़ाव आगे भी बना रहेगा। मैं बताता चलूँ कि इस बॉक्स की अन्य वस्तुओं में प्रतिलिपि द्वारा भेंट किया गया एक पेन, एक नोट बुक, और कुछ शीर्षक लिखे हुए कार्ड्स थे।
दूसरी खुशी : शाम होते-होते एक और सुसमाचार मिला और वह भी प्रतिलिपि से ही था। प्रतिलिपि द्वारा आयेजित ऐतिहासिक फिक्सन पर आधारित कहानियों की प्रतियोगिता "कालचक्र" का परिणाम आ चुका था। मेरी लिखी 6वीं शताब्दी की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी "प्रतिशोध का पुरस्कार" चौथे पुरस्कार (कुल पुरस्कारों की संख्या चार है) के लिए चयनित हुई है। इस कहानी का लिंक मैं नीचे दे रहा हूँ। इसके पहले इसी साइट द्वारा अक्टूबर 2016 में भी मुझे " बोलो कि लब आज़ाद है" प्रतियोगिता के अंतर्गत मेरी रचना "बेवाकीपन या बेहयापन" को भी पुरस्कार मिल चुका है। इसतरह प्रतिलिपि नए पुराने रचनाकारों का ऐसा साइट बन गया है, जो अब बिल्कुल अपना - सा, पारिवारिक लगने लगा है। प्रतिलिपि को नई ऊँचाइयाँ छूने की असीम, अनंत शुभकामनाएँ!
कुछ पंक्तियाँ इसी भाव से भावित होते हुए निवेदित हैं:
साहित्य जगत में प्रतिलिपि का वेबसाइट है स्थापित,
जहाँ आप अपनी रचनाएँ कर सकते हैं प्रकाशित।
आपकी रचनाओं को मिलेगा नया आकाश,
विश्व भर के पाठकों का प्रेम और विश्वास।
प्रतिलिपि नए और पुराने रचनाकारों का प्यारा है,
इसकी टीम में परिवार - सा अपनापन है,
लगता है बिल्कुल हमारा है।
प्रतिलिपि का साहित्याकाश में लहराता रहे परचम,
प्रतिलिपि के साथ हमारा विश्वास बना रहे हरदम।
मित्रों आप शुद्ध साहित्यिक रचनाओं के मेरे इस चैनल को सब्सक्राइब करें, लाइक और शेयर करें। बेल आइकॉन अवश्य दबा दे, ताकि अगर कोई नया वीडियो अपलोड हो, तो उसकी सूचना आपको मिल जाय। और हां, अपने विचार नीचे के कमेंट बॉक्स में अवश्य डालें, आपके वु हार मेरे लिए बहुमूल्य हैं।आपसे पुनः जुड़ता हूँ, एक निश्चित अंतराल के बाद! धन्यवाद!
YouTube link: https://youtu.be/_3ZafiuLfTo
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प्रतिलिपि पर टॉप 250 लेखकों में मेरा चयन और ऐतिहासिक फिक्सन लेखन "कालचक्र" का परिणाम
परमस्नेही मित्रों,
मैं आपसे अपने आनंद के कुछ पलों को साझा करना चाहता हूँ। पिछले 10 जून का दिन मेरे लिए दो खुशियाँ लेकर आया।
पहली खुशी: दोपहर में ब्लू डार्ट कोरियर से एक बॉक्स मिला, जिसकी तस्वीर आपको स्क्रीन पर दिख रही होगी। मैंने इस पैकेट को खोला, तो उसमें से लिफाफे में बंद एक कार्ड मिला, जिसपर लिखा था,
"प्रिय लेखक, आपको हार्दिक बधाई! आप प्रतिलिपि परिवार के श्रेष्ठ 250 लेखकों में से एक हैं। आपके साथ हमने किस्से - कहानियों का यह लंबा और खूबसूरत सफर तय किया है। हम अत्यंत आभारी हैं और 1,00,000 लेखकों के प्रतिलिपि से जुड़ने की इस विशेष उपलब्धि की खुशी आपके साथ बाँटना चाहते हैं।
समस्त शुभकामनाएँ!
सादर,
टीम प्रतिलिपि (हिंदी)
तो सबसे पहले मैं प्रतिलिपि और इसकी पूरी टीम को एक लाख रचनाकारों के जुड़ने की हार्दिक बधाई देता हूँ। प्रतिलिपि ने स्थापित और नवोदित दोनों तरह के लेखकों के लिए एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहाँ उनकी रचनाओं को दुनिया भर के कई लाख पाठक पड़ सकते हैं और अपने विचार भी दे सकते हैं। मैं प्रतिलिपि के साइट से पिछले तीन वर्षों से जुड़ा हुआ हूँ, और मुझे इसपर गर्व है। उम्मीद है मेरा यह जुड़ाव आगे भी बना रहेगा। मैं बताता चलूँ कि इस बॉक्स की अन्य वस्तुओं में प्रतिलिपि द्वारा भेंट किया गया एक पेन, एक नोट बुक, और कुछ शीर्षक लिखे हुए कार्ड्स थे।
दूसरी खुशी : शाम होते-होते एक और सुसमाचार मिला और वह भी प्रतिलिपि से ही था। प्रतिलिपि द्वारा आयेजित ऐतिहासिक फिक्सन पर आधारित कहानियों की प्रतियोगिता "कालचक्र" का परिणाम आ चुका था। मेरी लिखी 6वीं शताब्दी की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी "प्रतिशोध का पुरस्कार" चौथे पुरस्कार (कुल पुरस्कारों की संख्या चार है) के लिए चयनित हुई है। इस कहानी का लिंक मैं नीचे दे रहा हूँ। इसके पहले इसी साइट द्वारा अक्टूबर 2016 में भी मुझे " बोलो कि लब आज़ाद है" प्रतियोगिता के अंतर्गत मेरी रचना "बेवाकीपन या बेहयापन" को भी पुरस्कार मिल चुका है। इसतरह प्रतिलिपि नए पुराने रचनाकारों का ऐसा साइट बन गया है, जो अब बिल्कुल अपना - सा, पारिवारिक लगने लगा है। प्रतिलिपि को नई ऊँचाइयाँ छूने की असीम, अनंत शुभकामनाएँ!
कुछ पंक्तियाँ इसी भाव से भावित होते हुए निवेदित हैं:
साहित्य जगत में प्रतिलिपि का वेबसाइट है स्थापित,
जहाँ आप अपनी रचनाएँ कर सकते हैं प्रकाशित।
आपकी रचनाओं को मिलेगा नया आकाश,
विश्व भर के पाठकों का प्रेम और विश्वास।
प्रतिलिपि नए और पुराने रचनाकारों का प्यारा है,
इसकी टीम में परिवार - सा अपनापन है,
लगता है बिल्कुल हमारा है।
प्रतिलिपि का साहित्याकाश में लहराता रहे परचम,
प्रतिलिपि के साथ हमारा विश्वास बना रहे हरदम।
मित्रों आप शुद्ध साहित्यिक रचनाओं के मेरे इस चैनल को सब्सक्राइब करें, लाइक और शेयर करें। बेल आइकॉन अवश्य दबा दे, ताकि अगर कोई नया वीडियो अपलोड हो, तो उसकी सूचना आपको मिल जाय। और हां, अपने विचार नीचे के कमेंट बॉक्स में अवश्य डालें, आपके वु हार मेरे लिए बहुमूल्य हैं।आपसे पुनः जुड़ता हूँ, एक निश्चित अंतराल के बाद! धन्यवाद!
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