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#हर घर तिरंगा फहरायेंगे
आओ मनायें आजादी का अमृत महोत्सव
सन सैतालिस में तिरंगा जो लाल किले पे लहराया था.
उसमे शहीदों का लाल लहू पाँचवाँ रंग कहलाया था.
आजादी के संघर्षों का इतिहास याद कर लो प्यारो,
गोली खाकर खेत हुए, कुछ शूली पर चढ़ गए यारों.
याद करो आजाद, भगत, सुखदेव, राजगुरु, बिस्मिल को,
याद करो आजाद हिन्द वालों की क्रांति की बिगुल को.
याद करो जो जालियांवला बाग़ में खून बहाए थे.
याद उन्हें भी कर लेना जो अनाम शहीद कहाए थे.
भूल उन्हें भी मत जाना संथाल क्रांति के वीरों को,
सिद्धू - कान्हू, बिरसा मुंडा, फूलो - झामो के तीरों को.
मंगल पांडे, तात्या टोपे, वीर कुंवर, लक्ष्मीबाई को,
पीर अली, नाना साहेब, जैसे बांकुरों की अथक लड़ाई को.
बर्फ़ानी, बारिश में, आंधी में, रेतीले तूफ़ानों में,
घहराते युद्धक विमानों में, तोपों के विकट दहानों में.
जो चढ़ गए चोटियों पर, तनिक थकित भी नहीं हुए.
उन्हें याद करते हैं हम, तिरंगे के पांचवे रंग को मान दिया.
उन्हीं की शान में तिरंगा हर घर में फहराएँगे,
देशाभिमान निज स्वार्थ से ऊपर, राष्ट्र भक्त कहलाएंगे.
आजादी का अमृत पर्व है राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने का,
सत्य सनातन से सशक्त कर विश्व वंन्धुत्व भाव जगाने का.
स्वतंत्रता प्राप्ति का विजयोत्सव हर गली मोड़ पर मनाएंगे,
आजादी के अमृत पर्व का संदेश घर घर में फैलाएंगे.
राष्ट्रप्रेम की अलख जगाएं
हर घर तिरंगा लहारायें.
हर घर तिरंगा लहरायें.
©ब्रजेन्द्र नाथ