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Friday, November 22, 2019

वंचितों की दुनिया (कविता)

#BnmRachnaWorld
#poemdowntrodden





गत रविवार, 17 नवम्बर को नरवा पहाड़, जादूगोड़ा माइंस के शिव मंदिर परिसर में सिंहभूम हिंदी साहित्य सम्मेलन, तुलसी भवन जमशेदपुर और साहित्य संगम जादूगोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन सह वनभोज का आयोजन किया गया। इसी दिन बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के लिए खेल भी आयोजित किये गए। आप उसी समय ली गयी तस्वीरों का अवलोकन करें। इसमें प्राकृतिक छटा का दर्शन भी करें। इसमें आयोजित कार्यक्रम में पधारे गण्यमान्य अतिथियों और भाग लेने वाले कवियों एवं कवित्रियों के साथ उनके परिजनों को भी वन विहार में भाग लेते हुए देख सकते हैं।

मैंने जो कविता सुनायी उसके कुछ अंश यहाँ दे रहा हूँ। उस समय का वीडियो भी यहाँ देखें और अपने विचार अवश्य दें।

वंचितों की दुनिया
वंचितों की दुनिया में जिंदगी सहमी हुई है।
नीम अंधेरों में जैसे कोई रोशनी ठहरी हुई है।

गले में तूफ़ान भर लो, चीखें सुनाने के लिए,
शोर में दब जाती है,  गूंज भी गूंगी  हुई है।

मगरमच्छ हैं पड़े हुए उस नदी  में हर तरफ,
जो  खुशियों के समन्दर तक पसरी हुई है।

आह उठती है यहाँ, और पत्थरों से बतियाती है।
लहरों से टकराते हुए,  ये नाव जर्जर सी हुई है।

रेगिस्तां की आंधियों में इक  दिया टिमटिमाता है,
लौ थी थरथराती हुई, अब जाकर स्थिर हुयी है।

खुशबुएँ सिमट कर,  किसी  कोने में  नज़रबंद  थीं, 
उड़ेंगीं अब, हवाओ के  पंख में हिम्मत भरी हुई है।

उम्मीदों के फ़लक पर  आ गयी है जिंदगी,
सपनों के जहाँ की नींद भी सुनहरी हुयी है।

वंचितों की दुनिया भी अब है उजालों से भरी,
नीम अंधेरों  में भी अब  रोशनी पसरी हुयी है।
©ब्रजेंद्रनाथ
यूट्यूब लिंक: https://youtu.be/7zEqv_jNu0I

Tuesday, November 12, 2019

भारत भूमि की एकता के सूत्रधार (कविता)

#BnmRachnaWorld
#poem#patriotic#sardarpatel





03-10-19 को जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र की बैठक सरस्वती शिशु मंदिर, कदमा में हुई थी। उसमें कश्मीर का विलय दिवस, जो 26 अक्टूबर को मनाया जाता है, और 31 अक्टूबर, सरदार पटेल के जन्मदिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, और इसी दिन जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन की आधिकारिक घोषणा भी हुई, सारे दिवसों को सम्मिलित रूप से मनाया गया। मैंने सरदार पटेल पर लिखी अपनी कविता सुनाई, जिसे आप सरदार पटेल के जीवन वृत्तों का अवलोकन करते हुए सुनें।

सरदार पटेल पर कविता!

हे भारतभूमि की एकता के सूत्रधार,
है नमन तुझे मेरा शतबार!

कर्मपथ पर सजग,
जन की ब्यथा को अंदर समेटे,
यह कौन है, जो सुन रहा लोगो को,
लोगों के बीच जाकर ,
सेवा का समभाव, समरसता,
स्नेहसिक्तता को लपेटे।

वह कर्मयोगी,  लक्ष्य का  संधान करता
वह लोकसेवी रूप धर है प्राण भरता।
वह जहां जाता, एक नव संसार रचता,
वह जनहित की समस्याओं का निरंतर निदान करता।

हे निष्काम सेवा व्रती,
हे मानवता के ध्वजा वाहक,
हे जन जन के ह्रदय वासी,
हे वीर वसुंधरा के जननायक।

हे स्वातंत्र्य वीर, किसान आंदोलन का किया आयोजन
अंग्रेजों के दमन कानूनों के खिलाफ खड़ा किया संगठन।

अंग्रेजो को झुकाया, खेड़ा के किसानों का कर माफ करवाया,
आजादी के संघर्ष में अपना दे योगदान, देश का फर्ज निभाया।

हे लौह पुरुष, हे निर्णायक,
भारत के भाग्य - विधायक।
तूने रियासतों का किया भारत भूमि में विलय,
तेरी दृढ़ता से भारत बना अखंड, अजय।

जम्मू कश्मीर का विलय रह गया था अधूरा,
जिसे वर्तमान में मोदी सरकार ने किया पूरा।

यह सरदार की प्रेरणा ही हुई आज साकार,
भारत माता पुत्रों पर बरसा रही स्नेह धार।

आज हम विनयावनत हो, याद करते आपका प्यार,
अपनी आग जगाने को, समर्पित करते हैं उद्गार।
आपकी सद्प्रेरणा से आलोकित रहे हमारा संसार!
भारत रहे अखंड अभेद बने विश्व का खेवनहार।

हे सरदार, है नमन तुझे मेरा शतबार!
है नमन तुझे मेरा शतबार!

©ब्रजेंद्रनाथ

यूट्यूब लिंक: https://youtu.be/3B0zdsWbwsY

Friday, November 1, 2019

जगाने आ रहा हूँ (कविता)

#BnmRachnaWorld
#motivational#poemforyouth





 गत मंगलवार तारीख 29 अक्टूबर 2019 को अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जमशेदपुर के तत्वावधान में एस टाइप आदित्यपुर स्थित सिंहभूम ब्यॉयज क्लब के काली पूजा पंडाल के प्रांगण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यान्वेशी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मैने की और संचालन दीपक वर्मा जी ने किया। अन्य साहित्यकारों में आदरणीया उमा सिंह किसलय, सोनी सुगंधा, डॉ कुमारी मनिला, माधुरी मिश्रा, उमारानी पांडेय, सूरज सिंह राजपूत, बसंत कुमार, मनीष सिंह वंदन, सोनू पांडेय और जादूगोड़ा से आये बालकृष्ण आजमगढ़ी ने भी मंच की शोभा बधाई।
परिषद की संरक्षिका आदरणीया मंजू ठाकुर व संरक्षक जयंत श्रीवास्तव जी के साथ शशि प्रकाश, प्रकाश मेहता, संजीव सिंह, नीरू सिंह टुडू, संजय चाचरा और उपस्थित आयोजक मंडल के सदस्यगणऔर सुधी श्रोताओं ने कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ प्रदान की।
मैंने जो कविता सुनाई उसमें युवाओं को जागने का आह्वान किया गया है। कविता की कुछ पंक्तियाँ मैं दे रहा हूँ। पूरी कविता मेरे यूट्यूब चैनल के इस लिंक पर जाकर सुने और चैनेल को सब्सक्राइब करें, लाइक और शेयर करें। आपके विचार बहुमूल्य है, इसलिए कमेंट बॉक्स में अपने विचार अवश्य दें। सादर!
ब्रजेंद्रनाथ

जगाने आ रहा हूँ…

लोरियाँ सुन - सुन कर, सो चुके बहुत तुम,
रास के सपनों में, खो चुके बहुत तुम।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ।
जागरण के गीत, सुनाने आ रहा हूँ।


मैं एक हाथ से उठाके, सूर्य को उछाल दूँ।
मैं चाँद को भींचकर, पीयूष को निकाल दूँ।
धरती की काया है प्यासी,
फैलती जा रही घोर उदासी।
अमृत - रस कण - कण में, बहाने आ रहा हूँ।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ।
जागरण के गीत, सुनाने आ रहा हूँ।


सावधान, मिलावटी, मुनाफाखोरों,
सावधान, बेईमानों, रिश्वतखोरों।
शोणित भरे थाल से, काल के कपाल से,
लाल - लाल रक्त – कण, बहाने आ रहा हूँ।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ,
जागरण के गीत, सुनाने आ रहा हूँ।


कौन टोक सकता है, सत्य - सपथ मेरा?
कौन रोक सकता है, विजय - रथ मेरा?
ले मशाल हाथ में, अग्नि - पुंज साथ में,
क्रांति का प्रयाण गीत, गाने आ रहा हूँ।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ।
जागरण के गीत, सुनाने आ रहा हूँ।

अनाचार, अत्याचार देख, जो भी चुप रहता है,
उसकी रगों में रक्त नहीं, ठंढा - जल बहता है।
तेरी शिराओं में खून का,
उबाल उठाने आ रहा हूँ।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ।
जागरण के गीत, सुनाने आ रहा हूँ।


तेरी नसों में खून, शिवा का महान है।
सोच ले, दबोच ले, यहाँ जो भी शैतान है।
उठा खड्ग तू छेदन कर, ब्यूह का तू भेदन कर।
तेरे साथ शौर्य - गान, गाने आ रहा हूँ।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ।
जागरण के गीत, सुनाने आ रहा हूँ।

तेरी   लेखनी से, सिर्फ प्रेम - रस ही झरता।
तुझे वेब जाल पर, सिर्फ पोर्न ही है दिखता।
जवानी के दिनों को, मत यूँ ही निकाल दो,
मांसपेशियों को कसो तुम, फौलाद - सा ढाल दो।
तुझे मैं सृजनधर्मा, बनाने आ रहा हूँ।
जवानियाँ उठो तुझे, जगाने आ रहा हूँ।
जागरण के गीत सुनाने आ रहा हूँ।
©ब्रजेंद्रनाथ
यूट्यूब लिंक: https://youtu.be/x5F773eHvJ0

माता हमको वर दे (कविता)

 #BnmRachnaWorld #Durgamakavita #दुर्गामाँकविता माता हमको वर दे   माता हमको वर दे । नयी ऊर्जा से भर दे ।   हम हैं बालक शरण तुम्हारे, हम अ...