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Thursday, August 30, 2018

अमेरिका डायरी, इरवाइन, यू एस ए, 19 वाँ दिन (Day 19)

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22-07-2018, इरवाइन, यु एस ए 19 वाँ दिन (Day 19)
आज पोते ऋषभ, पत्नी, चिन्मय और पुत्र वधु के साथ सोसायटी कैम्पस के अंदर ही, तरण-ताल (Swimming pool) जाना हुआ। ऋषभ अपने लाइफ जैकेट के साथ ताल में घुस गया। पीछे-पीछे चिन्मय को भी उतरना पड़ा। पत्नी भी ताल में उतरी। उससमय दिन के 12 बज रहे थे। मैं किनारे की टेबल पर बैठा ताल के नीले जल में उनलोगों की और खासकर ऋषभ की जल कीड़ा देखता रहा। कुछ और बच्चे भी ताल में कूदकर जल-क्रीड़ा कर रहे थे। उन्हें खुश देखकर मुझे भी खुशी हो रही थी। ऋषभ ताल से निकलना नहीं चाह रहा था। काफी रो रहा था। एक तरह से जबर्दस्ती ही उसे वहाँ से निकालकर घर लाना पड़ा।
दोपहर के भोजन और थोड़ा  विश्राम के बाद हमलोगों का Chino Hills स्थित BAPS ( Bochasanwasi Shri Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha) द्वारा संचालित स्वमीणारायण मन्दिर जाना हुआ। हमलोग यहाँ से 5:20 बजे अपराह्न कार द्वारा Chino  Hills के लिए प्रस्थान किए। मैं, पत्नी, चिन्मय, बहू और पोता ऋषभ सभी साथ में चले। ऋषभ कार के  पीछे के एक स्पेशल बेबी सीट पर विराजमान थे। यहाँ बच्चे को अलग बेबी सीट पर बैठाकर सीट बेल्ट लगाकर ले जाना कानूनी रूप से जरूरी है, जिसका सभी पालन करते है। चिनो  हिल्स यहाँ से करीब 35 कि मी की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में Bernadino County, South California में स्थित है। यह मन्दिर हर धर्म और पंथ के लोगों के दर्शन के लिए खुला रहता है।
चौड़ी-चौड़ी सात-सात लेन  वाली सड़कों  से होते हुए, कई फ्लाई ओवर से गुजरते हुए वहाँ 7:10 बजे अपराह्न  पहुँचे। रास्ते में कई फोटोग्राफ और विडियो भी लिए। रास्ते पहाड़ों से होकर गुजर रहे थे। पहाड़ कम उँचे थे और उनपर हरियाली कम ही थी। धूप में गर्मी थी और भागते पहाडों के बीच से होते हुए रास्तों से नजारों का अवलोकन रोमांच भरा था। मन्दिर की पार्किंग में  गाड़ी खड़ी करके हमलोग मन्दिर के  प्रांगण की ओर बढ़े। भब्य लाल पत्थरों  से बना मन्दिर सूर्य की रश्मियों में दूर से ही चमक रहा था। जूते बाहर उतार कर मन्दिर के प्रांगण में  पहुँचते ही एक अनिर्वचनीय प्रशांति और निरभ्रता मिश्रित आध्यात्मिक अनुभूति का अहसास हो रहा था।
मन्दिर हिन्दुओं का पूजा स्थल होता है, जहाँ आध्यात्मिक शान्ति, ध्यान का केन्द्रीकरण और उर्जा का संचरण प्राप्त होता है। यह सामजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक क्रियाकलापों का जीवन्त केंद्र होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मन्दिर नदियों के मिलन स्थल, नदी के  किनारे, सरोवर के किनारे, पहाड़ों के ऊपर वृक्षों से घिरे वादियों में  बनाया जा सकता है। मन्दिर में अर्ध मंडप, मंडप, महामंडप, पूर्व गर्भगृह, गर्भगृह, प्रदक्षिणा, गुम्बद और ध्वज मुख्य अंग होते हैं।
यह मन्दिर दुनिया का पहला भूकम्प अवरोधी (Earthquake resistant) मन्दिर है। इसका निर्माण कार्य सितम्बर 2005 में शुरु हुआ और 2012 में पूर्ण हुआ। 20 एकड़ की जमीन पर बने इस मन्दिर में सांस्कृतिक केंद्र, जिम्नाजियम, योग तथा ध्यान के अभ्यास के लिये क्लास रुम है। प्रांगण में 91 फीट के कमल के आकार का सरोवर भी है। इसमें अनुमानत: 900 भारतीय-अमेरिकियों की दूसरी पीढी के स्वयंसेवकों सहित 1.3 मिलियन श्रम घन्टे इस मन्दिर के निर्माण में ब्यतीत हुए। यह मन्दिर सौर उर्जा द्वारा विद्युत उत्पादन कर पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाओं को भी कम करने में अपना योगदान दे रहा है। इस सौर उर्जा से करीब 1556 टन CO2 उत्सर्जन जो 62,244 वृक्षों को 25वर्ष तक लगाने के बराबर होता है, कम करता है।
इस मन्दिर के इतिहास पर अगर नजर डालें तो पता चलेगा कि शुरुआती दौर में इस मन्दिर के लिए जमीन प्राप्त करने में यहाँ के निवासियों को आश्वस्त करना कठिन कार्य था। साथ ही यहाँ के स्थानीय पंचायत या म्युनिसिपलिटी से भी समर्थन प्राप्त करना आवश्यक था। BAPS प्रमुख स्वामी महाराज के हर वर्ष यहाँ आगमन से मन्दिर निर्माण के प्रयास को बल मिलता रहा। जमीन के लिये Chino  Hills के 71 नम्बर की फ़्री वे के पास की जमीन की अनुशंसा स्वामी महाराज ने की थी। वहाँ के उससमय के मेयर लार्सन ने इसलिए विरोध किया था कि चिनो  हील्स के छोटे से कम्युनिटी में क्यों इस तरह का एक केंद्र स्थापित किया जाय, जहाँ शैलानियों का आना जाना बढ़ जायगा, जिससे आतंकी गतिविधियों की भी आशंका हो सकती है। बाद में स्वयंसेवकों द्वारा स्थानीय लोगों को आश्वस्त करने के  बाद उनका इस मन्दिर के निर्माण के लिए लिया गया, जिसमें उन्होने इसके लिए सहमति दी। इसके बाद ही मन्दिर का निर्माण कार्य आरम्भ हो सका। इन्हीं चर्चाओं के दौर में मन्दिर की अधिकतम ऊँचाई 78 फीट तय कर दी गयी।
इस मन्दिर का निर्माण 900 स्वयमसेवकों द्वारा सन 2004 में शुरु किया गया। इसमें करीब 35000 इटालियन Carraraa marble और Indian Pink Sandstone के प्रस्तर खंडों को हाथ से काटकर और छील कर बारीक नक्काशी की गयी। इसमें 5 शिखर, कन्गूरा या कलश (pinnacle), 2 बड़े गुंबद, 4 बाल्कोनी, 122 स्तम्भों और 129 महराब (archways), स्थित हैं। बाहरी दीवारों से लेकर भीतरी स्तम्भों (pillars), और छतों (ceillings) में सूक्ष्म नक्काशी किए हुए प्रस्तर-खण्ड लगे हैं। करीब 6600 हस्त शिल्पियों द्वारा की गयी नक्काशी में प्रेरणा, समर्पण और आस्था के साथ ऐतिहासिक तथ्यों को सूक्ष्मता से उकेरा गया है। इन सारे प्रस्तर खंडों को हिदुस्तान में बनाया गया और उसे अच्छी पैकिंग  में डालकर, यहाँ जहाज द्वारा लाया जाकर,  असेम्बल किया गक़या।
हमलोग मन्दिर के मुख्य द्वार से अंदर पूर्व मंडप और मंडप से होते हुए गर्भगृह के सामने पहुँच गए। स्तम्भों की नक्काशीदार प्रस्तर खंडों को पारदर्शी शीशे के आवरण मनुष्य की उँचाई, यानि करीब सात फीट तक ढंक हुआ है, ताकि लोग पत्थरों को हाथों से छूकर मलिन न कर दें। मन्दिर के अंदर कैमरा का प्रयोग वर्जित था, इसलिए अंदर की तस्वीरें नहीं ली जा सकीं। मन्दिर के अंदर शान्त वातावरण था। वहाँ राम-सीता, राधा-कृष्ण, शिव पार्वती की प्रतिमाओं के अतिरिक्त परमपूज्य स्वामीनारायण की मूर्ति मुख्य स्थान पर तथा अन्य स्थानों पर उनके अन्य उत्तराधिकारियों की मूर्तियाँ लगी थी। हमलोग 7:10 में शाम की ( हालांकी उससमय काफी रोशनी थी) आरती में शामिल हुए। सभी लोग पक्ति बद्ध होकर वहीं कार्पेट पर बैठे रहे। आठ बजे तक संस्कृत काए श्लोकों और गुजराती में आरती होती रही। स्वयंसेवक शान्ति बनाये रखने काए लिए इशारे करते रहे। आरती सब ओर दिखाये जाने के बाद, सभी भक्तों के सामने लायी गयी। हमलोगों ने भी आरती ली। कई लोग डालर में दान भी दिये।
वहाँ से हमलोग मन्दिर के निचले तल में गए। वहाँ मन्दिर काए बारे में एक प्रृदर्शिनी लगाई हुयी थी। इसमें मन्दिर के निर्माण से लेकर अबतक की कहानी चित्रों द्वारा दर्शायी गई थी। इसमें मन्दिरों के निर्माण के वास्तु शिल्प के बारे में भी बताया गया था। इसमें मन्दिर का महत्व, मूर्ति काए अभिषेक, पूजा-अर्चना और आरती काए महत्व काए बारे में दृश्य-श्रब्य माध्यम से टी भी स्क्रीन पर दिखाया जा रहा था। सबकुछ निश्चित पद्धति काए अनुसार सिलसिलेवार ढंग से प्रदर्शित किया गया था। मन्दिर में लम्बी पक्तियाँ और आपाधापी तथा शोरगुल का अभाव था, जिसे हमलोग भारत के मन्दिरों में देखते रहे हैं। पूरा वातावरण अद्भूत नीरवता और संपूर्णता लिए हुए था। हमलोग 8:30 बजे वापस चले तो हल्की-हल्की रोशनी भी थी। बाहर के जलपान गृह में हिन्दुस्तानी और गुजराती मिठाइयाँ सहित ढोकले सजे हुए थे। हमलोग श्रीखंड खरीदे। वहाँ से 9 बजे चलकर 45 मिनट में  वापस घर आ गए।
क्रमश:

Tuesday, August 28, 2018

अमेरिका डायरी, इरवाइन, यू एस ए 18 वाँ दिन (Day 18)

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21-07-2018, इर्वाइन, यु एस ए, 18वाँ दिन (Day 18)
आज Irvine Spectrum Centre की शैर पर आपको भी साथ लिये चलता हूँ। शैर करते हुए हमलोग इस spectrum centre के अस्तित्व में आने की कहानी भी जानेंगे और इसके महत्व को भी पहचानेन्गें।
इर्वाइन स्पेक्ट्रम केन्द्र इर्वाइन के दक्षिण पूर्व किनारे पर irvine कम्पनी के द्वारा स्थापित एक शॉपिंग केन्द्र है।
सन् 1989 में इर्वाइन कम्पनी ने दो 15 story का टावर ऑफ़िस स्पेस के लिये तैयार किया था। इसके साथ रिटेल और मनोरन्जन सेक्शन का निर्माण 1993 में शुरु हुआ था। मॉल के पहले चरण का निर्माण 1995 में सम्पन्न हुआ जिसमें Edwards सिनेमा जो 21 पर्दों (screen) का मल्टीप्लेक्स, ओयसिस फूड कोर्ट और Game Works को जनता के लिये खोला गया था।
दूसरा चरण 1998 में अस्तित्व में आया था। इसमें Carousal आया। यह एक merry-go-round तरह का मनोरन्जन (amusement) पार्क है, जो बच्चों के लिये , एक बड़े क्षैतिज तल में खिलौने जैसे रॉड से लटकते घोड़े पर बैठकर गोलाई में घूमने के लिए सुरक्षा इंतजामों के साथ बनाया गया है। साथ ही एक Giant Wheel 2001-02 में इसी खेलने के क्षेत्र में शामिल किया गया। इसमें Robinson May और Nordstorm के स्टोर खोले गये। Robinson May का 2006 में Macy's नाम से rebranding किया गया। 2006 में ही विस्तारीकरण के तहत Target मॉल स्थापित किया गया। हाल में 2016 में एक ऑफ़िस टावर उत्तर -पश्चिम छोर पर बना। यह टॉवर 323 फीट उँचा है। 2003 में Giant Wheel के पास स्केटिंग रिंक बनाया गया। Macy's store 2016 में बंद हो गया।
Esawards cinema 21-पर्दों (screens) वाला एक सिनेमा घर है जो पश्चिमी अमेरिका का सबसे बड़ा multiplex और मूवी थियेटर था। इसके 1995 में बनने के कई वर्षों बाद हाल में AMC (American Multiplex Cinema, Theatre Chain) का 30-पर्दों वाला Megaplex, The Outlet of Orange में आया।
हमलोग Irvine spectrum शाम में गये थे। Target Mall नमक मेगा स्टोर में घुसे। उसी में काफी समय बीत गया। Giant Wheel के पास पार्क में थोड़ी देर आराम किया। वहीं पर तीन लड़कों का एक समूह गिटार पर इंग्लिश धुन बजा और गा रहा था। यह बाज़ार का पूरा केन्द्र ब्रान्डेड सामग्रियों और maltiplex सिनेमा हाल के लिये जाना जाता है। इसमें इसी वर्ष हाल ही में एप्पल कम्पनी के नए खुले शोरुम में भी जाने का मौका मिला। पूरा शो रुम पारदर्शी शीशे का बना हुआ है। इसकी तस्वीर भी मैने ली।
इस मॉल का उपयोग "establishing shots" की प्रक्रिया के तहत डिज्नी चैनेल द्वारा बनाये गये सीरीज Austin and Ally में मॉल ऑफ़ Miami के दृश्य को पुनर्निम्मित (recreate) करने के लिय्व किया गया है।
"Establishing Shots" फिल्म मेकिंग या टी वी के लिये सीरियलों के निर्माण में वैसे दृश्यों के साथ सारे वस्तुओं को दिखाने की प्रक्रिया है, जिसे शुरु से लेकर बाकी के शूट में भी डाला जाता है। यह तरीका क्लासिक फिल्म मेकिंग के जमाने में बहुत कॉमन था। आज के जमाने में इसे स्किप किया जाता है ताकि दृश्यों को जल्दी घुमाया या बदला जा सके।

क्रमश: 

Saturday, August 25, 2018

अमेरिका डायरी, 20-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 17वाँ दिन (Day 17)

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20-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 17 वाँ दिन (Day 17)
दाना पॉइन्ट हार्बर की यात्रा
आज दाना पॉइन्ट हार्बर की यात्रा पर गये। यह इरवाइन से
37.5 किलो मीटर की दूरी पर है। इस दूरी को 36 मिनट में तय किया जा सकता है। यह surfing, white whale watching और Ocean Institute के लिये जाना जाता है।
इस शहर का नाम, Two Years Before the Mast नामक समुद्री यात्राओं पर आधारित पुस्तक के लेखक Richard Harry Dana Jr, (1835) के नाम पर रखा गया है। दाना ने अपनी इस पुस्तक में इस क्षेत्र का विस्तृत वर्णन किया है। उसी पुस्तक में San Juan Capistrano नामक इस जगह का जिक्र है, जिसकी यात्रा के रोमांच का बहुत रोचक सृजन हुआ है। यद्यपि कि दाना ने इस स्थान को जहाज को लंगर डालने (anchoring) के लिये ठीक नहीं माना था, फिर भी इसे हार्बर के रूप में विकसित किया गया। यहाँ के Ocean Institute में उसके द्वारा यात्रा में इस्तेमाल किये गये जहाज "The Pilgrim" का प्रतिरूप (replica) रखा गया है।
सन् 1926 में Los Angles Times के प्रकाशक Henry Chandler और General M H Sherman, Director Pacific Electric Co ने मिलकर Hollywood Hills नामक बड़े real estate समूह का निर्माण कर लॉस एंजेल्स जे Sidney H Woodruff नामक मशहूर गृह निर्माता को अनुबंधित किया। इन तीनों ने मिलकर Dana Point Syndicate बनाया। उन लोगों ने इसमें और लोगों को शामिल कर 1388 एकड़ जमीन खरीद ली। इसतरह यहां निर्माण कार्य शुरु हुआ था और दाना पॉइन्ट हार्बर कहेत्र और Lanturn विलेज का विस्तार किया गया।
दाना पॉइन्ट की भौगोलिक स्थिति के बारे में अगर दृष्टि डालें, तो दक्षिण-पूर्व में San Clemente, उत्तर-पूर्व में San Juan Capistrano, उत्तर-पश्चिम में Laguna Beach और उत्तर में Laguna Niguel पायेन्गें। दाना पॉइन्ट में समशीतोष्ण जलवायु है। यहाँ तापमान 26 डिग्री से (79 डिग्री फ) के आसपास बना रहता है। दिसम्बर सबसे ठंढा महीना होता है, जब तापमान 18 डिग्री से (65 डिग्री फा) होता है। कुहासा नहीं होता है, वर्षा औसतन 12 इंच (नवम्बर और मार्च के बीच में) होती है। यहाँ Ocean Institute है, जहाँ जमीन के तल के नीचे जाकर समुद्री जीवों का दृश्य देखा जा सकता है। यहाँ Great White Shark भी कभी-कभी देखा गया है।
यहाँ की आबादी बहुत कम 35,351 (2010में) है। यहाँ Festival if whales का आयोजन मार्च में होता है। देश के पश्चिमी तट के इस क्षेत्र में सितम्बर महीने में बडे-बड़े लम्बे जहाजों का जमावड़ा लगता है। यह सर्फिंग के लिये और और छोटे-छोटे जहाजों पर फ़िशिंग के लिये बहुत अच्छी जगह है। 1954 में यहाँ दुनिया का पहला सर्फिंग का रिटेल शॉप खोल गया था। Bruce Brown ने iconic Surfer film Endless Summer की शूटिंग दाना पॉइन्ट में ही की थी।
डणा पॉइन्ट हार्बर में उँची समुद्री लहरों को एक पत्थर की लम्बी दीवार से रोका जाता है। इसलिये दीवार से हार्बर पॉइन्ट तक लहरें नहीं होती। बडे-छोटे मोटर बोटों की कतारे आप तस्वीर में देख सकते हैं। एक खूबसुरत सा पार्क है, जिसमें Richard Henry Dana Jr की मूर्ति लगी हुई है। पास के होटलों में संगीत का शोर गूंज रहा है। दूर पूर्व में स्थित पहाड़ों पर सूरज की रोशनी थक्कों में जम गयी है। एक ऐसा मंजर सामने खुला पड़ा है, जिसे आंखों में कैद तो किया जा सकता है, लेकिन कैद करके रखा नहीं जा सकता है। ठंढी - ठंढी हवाओं में संगीत का उठता स्वर घुलता है और मानव-निर्मित सन्साधनों के साथ प्राकृतिक दृश्यों का मिलाजुला तिलस्म फैलता जाता है।
मैने कुछ दृश्यों और परिदृश्यों को अपनी इस कविता में पिरोने की कोशिश की है:

मैं आज खड़ा हूँ समुद्र तट पर वहाँ,
किनारे डाना हार्बर पॉइन्ट है जहाँ।

समुद्र है अपार, अनन्त है विस्तार
खो गये हैं हम करके ये विचार।

बादलों पर सूर्य की रोशनी टिकी
लाल पलाश की कलियाँ खिली।

दूर के पहाडों पर रोशनी का छल्ला,
दीपों का द्वीप है, उजालों का मेला।

समन्दर मिलता है दूर क्षितिज के छोर से,
पतंग से बादल बन्धे, किसकी डोर से?

कही वाद्य यन्त्रों का होटलों में शोर,
समन्दर की लहरों का टूटता है जोर।

कुछ दूर दीवाल है, रूकी है लहरें,
हार्बर - तट आते आते टूटती लहरें।

मोटर बोटों की हार्बर में लम्बी कतार,
समुद्र में फिसलने को कर रही इन्तजार।

चौडी सडकों पर दौड़ती कारों का कारवाँ,
जुगनुओं का थाल लैम्प पोस्टों का समाँ।

ब्रजेन्द्रनाथ
क्रमशः  

Friday, August 24, 2018

अमेरिका डायरी, 18-07 और 19-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 15 वाँ, 16वाँ दिन (Day 15,16)

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18-07-2018, इर्वाईन, यु एस ए, 15वाँ दिन (Day 15)
आज का दिन दो तीन कारणों से खास हो गया।
पहला: आज मैं, पत्नी और लड़के चिन्मय के साथ पास की सड़क के किनारे से होते हुये थोडा दूर पश्चिम-उत्तर की ओर के मनोरम पार्क के तरफ निकल गये। पार्क में चारो ओर हरियाली ब्याप्त थी। इसका एक क्षेत्र पुनर्नवीनिकरण के लिये बंद किया हुआ था। दूसरी तरफ का जो हिस्सा खुला था, उस ओर हमलोग बढ़ चले। जल्बून्द छिड़काव यन्त्र (Sprinkler) द्वारा जल के छिडकाव से घास गीली थी। बिना बारिश के ही, मिट्टी से बारिश के बाद आती सोंधी खुशबू, जिसमें घास की खास महक भी घुली थी, चारो ओर फैल रही थी। सारा वातावरण एक नैसर्गिक आनन्द से भरा था। पाइन पेड़ों के बीच से आती सूर्य की रोशनी, ओक के पत्तों पर ठहर-ठहर जाती थी। उन्हीं के बीच से घास के गुदगुदी गलीचे पर खाली पाँव चला जाय, तो कैसा लग सकता है? इसकी कल्पना से ही मन मौज मे आकर उड़ानें भरने लगता है। सुबह की शुरुआत अगर इतनी आनन्दभरी हो, तो क्या कहा जा सकता है? दिन शुरु हो गया आनंद के विस्फोट के साथ!!!
वहाँ से लौटते हुए, एक पतले पुल से गुजरना हुआ। पुल पैदल चलने वालों और साइकिल चलने वालों के लिये है। पुल के नीचे से (7-7) लेन वाली सड़क पर कारें बेतहाशा दौड़ लगा रही थी। ऊपर स्वर्गिक आनन्द और नीचे कारों पर रफ्तार का मानव-सृजित आनन्द, दोनों का सम्मिलित रूप ही सभ्यता के विकास का तिलस्म है।
दूसरा: आज सुबह के नास्ते में दोसा का आनन्द लिया गया। यहाँ दोसा बनाने की सारी सामग्री स्टोर में उपलब्ध है। बंगलुरु जैसा तैयार बार्टर तो नहीं मिलता, उसे मिश्रित कर तैयार करना पड़ता है। बस घोलने से ही तैयार हो जाता है। स्वाद बिल्कुल मौलिक,,,
तीसरा: आज बेते चिन्मय और बहु दोनो को, 6 बजे, शाम तो नहीं, अपराह्न ही कहा जायेगा, क्योंकि उससमय अपराह्न जैसी ही धूप है, पोते के स्कूल जाना हुआ। हमलोग भी कार में सवार हो गये। वे दोनों स्कूल के अन्दर परेंट्स कौन्सल्लीन्ग के लिये चले गये और मैं और मेरी पत्नी पोते रिषभ को लेकर पास के पार्क में आ गये। वहाँ बच्चों के खेलने की सारी सुविधायें थी। वहीं पर पुणे से आये मनीष से बात हुयी। उनकी पत्नी कौन्सेलिन्ग के लिये गयी थी और वे अपनी बच्ची के साथ यहां पार्क में आ गये थे। उनसे बात करते हुए पता चला कि वे भी उसी कम्पनी के लिये काम करते हैं, जहाँ मेरा लड़का काम करता है।
वहाँ पर पास में जाली से घिरा लॉन टेनिस का मैदान था, जहाँ दो लड़कियाँ, अफ्रीकन या कैरीबियाई मूल की लगी, टेनिस खेलने का अभ्यास कर रही थी। इतने में पार्क की ओर आते एक बुजुर्ग दम्पति पर नजरें पड़ीं। पति का नाम था बिरोली। वे टाटा मोटर्स, पुणे में काम करते थे। टाटा का नाम लेते ही एक जुड़ाव- सा महसूस हुआ, इसलिये मैने भी बातें करनी शुरु कर दी। उन्हें भी यहाँ के जल की ब्तवस्था पर बहुत आश्चर्य हो रहा था। बारिश बिल्कुल कम, फिर भी पानी की कमी नहीं। कैसे कर पाते हैं यह सब, यहाँ के लोग?
इतने में हमने खड़खड़ाती हुई एक चार कोच वाली एक ट्रेन गुजरते हुये देखी। चारो तरफ के हरे-भरे मैदान के बीच रेलवे ट्रैक भी था, इसका पता भी नहीं चलता था। उसी हरीतिमा के बीच से ट्रेन गुजर गयी। यह ट्रेन सिंगल ट्रैक पर, शायद यहाँ से लॉस एंजेलिस तक जाती है। इसके बाद चिन्मय के आने पर उसके साथ उसके ऑफ़िस से होते हुये लौटे।

19-07-2018, इरवाइन, यु एस ए , 16वाँ दिन (Day 16)
आज नाश्ते के बाद जब मैं कैम्पस के अन्दर ही पार्क की ओर निकला, तो एक बुजुर्ग से मिला। वे मिस्टर राव है, अपने लडके के यहाँ आये हुये हैं। वे करीब दस साल पहले ओ एन जी सी (O N G C) से सेवा निवृत्त हुए हैं। वे विशाखापटनम के पास के रहनेवाले हैं। करीब 19 वर्ष तक उन्होने ONGC में अपनी सेवायें दीं। उसके पहले वे भारतीय सेना में थे। उन्होने 1971 की लड़ाई कश्मीर के मोर्चे पर लड़ी थी। वे बताते हैं कि हमलोग 40 मील से अधिक तक पाकिस्तान की सीमा के अन्दर घुस चुके थे। उसी समय यहाँ और पाकिस्तान में फर्क साफ नज़र आता था। पाकिस्तान की सड़कें बदहाल, दूर-दूर तक वीरान खेत, जीवन जैसे वहाँ अन्तिम साँस ले रहा हो।
वहीं दूसरी ओर से शोलापुर, महाराष्ट्र से आये संजीव कुलकर्णी जी से भी बातें हुयीं। वे किसी न्यूज़ पेपर में काम करते थे। हम सबों के बच्चे- बच्चियाँ अच्छी जिन्दगी और अच्छे भविश्य की खोज में तकनीकी लेबर बनने के लिये आ गये हैं। यही आज के समय का बदलता विश्व है। दुनिया समतल है, जबतक ब्रेन का इसतरह माईग्रेशन होता रहेगा। The World is flat till brain is getting migrated like this.
दोपहर में तेलगु से हिन्दी में डब की हुई फिल्म "रुद्रमा देवी" देखी। यह एक सच्ची ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित कुछ नाटकीय तथ्यों को जोड़कर बनाई गयी एक रोचक फिल्म है। आन्ध्र के काकातिया वंश के राजा गनपतिदेव को पुत्र के रूप में एक सन्तान की जरूरत थी जो राजा के बाद साम्राज्य की शासन ब्यवस्था अपने हाथों में लेकर आगे चला सके। यह सम्मुनत राज्यों में से एक था। कहनी 1263 ईस्वी के आसपास की है। राजा को सन्तान के रूप में जब कन्या रत्न की प्राप्ति हुई तो राजा के महल से इसे पुत्र के रूप में प्रचारित किया गया, ताकि प्रजा को यह विश्वास हो जाय कि राज्य को उसका राजा मिल गया है। यह राज बाद में खुलकर सबों के सामने आता है, तबतक रुद्रमा राज काज चलाने में सक्षम बन चुकी होती है। रुद्रमा देवी ने सभी जातियों से योद्धाओं को लेकर एक मजबूत सैन्य संगठन तौयार किया। इसतरह शासन ब्यवस्था और युद्ध कला दोनों में उसने कुशलता हासिल की, विकट परिस्थितियो में कई युद्ध जीते और राज्य की ब्यवस्था को सुदृढ़ किया, जिसकी वीर गाथा अभी तक गायी जाती है।
 क्रमशः 

Wednesday, August 22, 2018

अमेरिका डायरी, 17-07-2018, इर्वाइन, यु एस ए, 14 वाँ दिन (Day 14)

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17-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 14 वाँ दिन (Day 14)
आज सुनह 8:40 बजे मेरे पोते, Grand son को बस स्टैंड पर विद्यालय बस में छोड़ना पड़ा। बस की सुरक्षा कितनी थी, उसे मैनें देखा। एक वीडियो जो स्कूल बस से उतरते बच्चों के समय ली गयी है, देखें। यद्यपि यह वीडियो जब मैं बस पर अपने पोते को छोडने गया, उस समय का नहीं है, लेकिन मैने इसकी प्रमाणिकता की जांच की। स्कूल बस बिल्कुल वैसे ही operate किया जैसा इसमें दिखाया गया है। बस आकर नियत स्थान पर रुकी। बस के आगे के बम्पर से एक बड़ा सा रॉड जैसा निकला, जो बस के समानान्तर सड़क के किनारे निकल गया, ताकि बस के आगे से कोई सड़क को पार नहीं कर सके। बस से एक महिला चालक उतरी। उसने बच्चे को बस के अन्दर तक पहुंचाया। बस की सीट पर बैठाकर सीट बेल्ट लगा दिया। बस में इक्के दुक्के ही बच्चे थे। बस पर ड्राईवर बैठ गयी। वहीं से स्तीरिन्ग व्हील के पास के हैन्डील से दरवाजा बन्द किया। उसके बाद आगे का निकला हुआ रॉड अन्दर बम्पर के पास चला गया। बस उसके बाद ही चली। बच्चों के लिये सुरक्षा के उपाय इस हद तक फूल्प्रूफ रखे गये हैं।
मैं इससे अपने यहाँ की ठूंस-ठूंस कर बच्चों को स्कूल ले जाते हुये टेम्पो में मिली सुरक्षा का ध्यान आता है, तो कितनी तकलीफ होती है। अपने यहाँ क्या बच्चों के लिये सुरक्षित विद्यालय पहुंचने के लिये बस की ब्यवस्था स्कूल और सरकार की शिक्षा ब्यवस्था का अंग नहीं होना चाहिये ? इसके लिये भी आन्दोलन, चक्का जाम और सड़क जाम करने की जरूरत है।
शाम में डोमिनॉस से मँगाई गई पिज़ा का आनन्द लिया गया। पिज्जा लेने मैं भी गया था। मेरे ग्रैंड सन को पिज़ा काफी पसन्द है। वहाँ मैने देखा कि एक पूरा मार्किट प्लेस ही है जहां पिज़ा, बिरियानी पॉट सहित कई जलपान गृह बने हुये हैं, जहाँ आप बैठकर साफ सुथरे टेबल पर डिसेज़ का लुत्फ उठा सकते है। पार्सल करवा कर घर ले जाने का भी विकल्प मौजूद है। पिज़्ज़ा की डिलीवरी घर पर भी होती है, कार के माध्यम से। परन्तु उसके लिये अलग से डालर खर्च करने होते हैं।
क्रमशः 

Monday, August 20, 2018

अमेरिका डायरी 15-07-2018, 16-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 12 वाँ और 13 वाँ दिन (Day 12,13)

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15-07-2018, इर्वाईन यु एस ए में 12वाँ दिन (Day 12)
आज के दिन भी सुबह आसमान बादलों से भरा था। ये बादल जल्दी ही छँट गये और 8 बजे तक चमकीली धूप फैल गयी। आज शाम को पास के Ralf मॉल जाना हुआ। उसकी तस्वीर यहां दे रहा हूँ।
मैं यहाँ बाज़ार के स्थान की ब्यवस्था के बारे में आज समझने की कोशिश की। यहाँ किराना स्टोर कहीं नहीं दिखेगा। या सब्जी का बाज़ार या फल का बाज़ार कहीं एक जगह नहीं है। मॉल सन्सकृति के द्वारा ही सामान और ग्राहक के बीच का सम्बन्ध जुड़ता है। अपार्टमेंट में भी कोई छोटा मोटा स्टोर नहीं है। अगर नमक भी लेना हो तो स्टोर जाना पड़ेगा।
यहाँ सबसे करीब में RALF नमक मॉल है। इससे थोड़ी दूरी पर COSTCO और WALLMART का बड़ा मॉल कम स्टोर है।
मॉल सन्सकृति और कार सन्सकृति दोनों एक दूसरे के पूरक है। मॉल अपके घर के पास तो रहेगा नहीं। और दूर जाने के लिये कार चाहिये। इसी को सपोर्ट करने के लिये, चौड़ी सड़कें, मॉल के लिये बाज़ार का स्थान भी चाहिये। उसी मार्किट प्लेस में हर चीज का बाज़ार है। कुत्ते - बिल्लियों जिन्हें यहां सम्मान सूचक शब्द देते हुये "पेट(Pet)" कहा जाता है, उसके रहने के घर सहित, पहनने, खाने और रखरखाव के लिये अन्य सामग्रियों का एक अलग बाज़ार है। या मॉल के ही विस्तार में एक बड़ा सा कोना इसी के लिये आबंटित है। यानि उसका एक बड़ा बाज़ार है, तभी तो उसके लिये सारी वस्तुयें उपलब्ध करायी गई हैं। इसकी पड़ताल भी हम कर सकते हैं। क्यों "पेट" के प्रति इतना अधिक प्रेम होता है। पशुओं से प्रेम मनुष्यों के प्रति प्रेम के नजरिये को विकसित करता है या बदल देता है, यह सोचने की बात है।



16-07-2018, इरवाइन यु एस ए , 13वां दिन (Day 13)
आज यु एस ए प्रवास का मेरा 13 वाँ दिन है। यहाँ इरवाइन के जलवायु के बारे में मैने अपने 11 वें दिन की डायरी के पन्ने में चर्चा की थी। आज उसी में कुछ आगे जोडने की कोशिश करता हूँ। 11 वें दिन की डायरी में मैने यहाँ की जलवायु में precipitation rain की प्रक्रिया का वर्णन किया था। यहाँ जाड़े में बरसात अधिक होती है। वर्ष के अन्य महीने सामान्यत: वर्षा विहीन ही होते हैं।
जाड़े में Santa Ana Mountains जो इरवाइन के उत्तर- पूर्व में स्थित है, वहाँ कभी-कभी बर्फ भी देखी जाती है। Santa Ana Mountain Range दक्षिणी कैलीफोर्निया के तट के किनारे 64 मील दक्षिण-पूर्व तक और ऑरेंज तथा रिवरसाइड काऊंटी जिले के बौर्डर तक फैला है।
इर्वाइन के नीचे के हिस्से में बर्फ अपवाद ही है। परन्तु कहा जाता है 1949 के जनवरी में इस क्षेत्र में 3 इंच बर्फ की चादर बिछ गयी थी। 1991 में एक Tornado नामक तूफान ने यहाँ दस्तक दी थी। कहा जाता है कि Tornado जैसा तूफान Orange County में सामान्यत: पांच साल में एक बार अवश्य आता है।
Tornado क्या होता है? Tornado एक तरह का तूफान होता है जो तूफान होते हुये भी तूफान से अलग होता है। इसमें कम दबाव का क्षेत्र, केन्द्र में पैदा होता है। इसे भरने के लिये चारो ओर से हवा दौड़ती है। यह उत्तरी गोलार्ध में घड़ी की सुई की विपरीत दिशा में और दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की सुई की दिशा में उठता है। अपने साथ यह कचरा, धूल आदि लेते हुये ऊपर उठता जाता है। इसकी गति 110 मील प्रति घन्टे से 300 मील प्रति घन्टे तक हो सकती है।
यह Cumulonimbus क्लाउड का एक formation होता है जो घना होता है और सीधे ऊपर की तरफ उठता हुआ लगता है। ये बादल अकेले भी हो सकते हैं और समूह में भी हो सकते हैं, जो ठंढी आवरण के साथ ऊपर उठते हैं। यह कुछ दूर करीब 24 मील तक चलकर दबाव कम होता जाता है और ठंढा होकर समाप्त हो जाता है।  क्रमशः

Friday, August 17, 2018

अमेरिका डायरी, 14-07-2018, इरवाइन, यु एस ए 11 वां दिन (Day 11)

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14-07-2018, इर्वाइन, यु एस ए ( अमेरिका में 11वां दिन, Day 11)
अपनी अमेरिका डायरी के पिछले पन्नों में मैने इर्वाईन, जहाँ मैं ठहरा हूँ, वहाँ की भौगोलिक स्थितियों के बारे में लिखा था। आज मैं यहाँ की जलवायु के बारे में बताना चहता हूँ।
यहाँ की जलवायु दक्षिणी कैलिफोर्निया में ब्याप्त जलवायु की स्थितियों से ही प्रभावित होता है। यहाँ बसन्त ऋतु (spring), देर से आती है। ग्रीष्म ऋतु (summer), पहले आ जाती है। यहाँ सुबह में बादल छाये रहते हैं, जबकि कभी-कभी बूंदाबांदी भी हो जाती है। ये सुबह में छाये बादल दिन चढ़ते चढ़ते छंटने लगते हैं और दोपहर तक अच्छी खासी धूप खिल जाती है। ग्रीष्म ऋतु काफी गर्म होती है। तापमान करीब 85/110 डिग्री फारेनहाइट तक पहुँच जाता है। ग्रीष्म ऋतु के बीतते - बीतते शिशिर (autumn) में मैक्सिको के पश्चिमी तट पर प्रशान्त महासागर में उठते तूफानों के कारण मौसम में नमी भी रहती है। जाड़े का मौसम शुष्क होता है। कोई भी कुहासा या तुशारपात नहीं होता है। Santa Ana wind के कारण जाड़े का मौसम गर्म भी हो जाता है।
इर्वाइन के समुद्र तट के नजदीक होने के कारण, इसके अलग-अलग हिस्सों में मौसम बदलता रहता है। जाड़े के दिनों में नमी बढ़ जाती है। द्रवीभूत बारिश कैसे होती है? नमी वाली हवा जब ऊपर के एक तल से ऊपर उठती है तो वह बादलों के रूप में घनीभूत हो जाती है, जिसे stationary front ( meteoro logical term) कहा जाता है। यही front घनीभूत बारिश के क्षेत्र में होता है, जो ऊपर उठती हवा को बन्धक बना लेता है। इसी में नमी शोषित होती है और घनीभूत बादल का रूप ले लेती है। इसी तरह के बादल में जलकण एक दूसरे में संश्लिष्ट (Coalesce) होकर बड़े होते जाते हैं और बूंदों के रूप में बरस जाते हैं। इस क्रिया को precipitation rain कहा जाता है। इस क्षेत्र में precipitation rain अधिक होता है। यद्यपि कि धरती पर कुल जल की मात्रा अधिकांशतः स्थिर होती है, तथापि जल का विभक्तिकरण बड़े झीलों में, बर्फ में, ताजा जल श्रोतों में या समुद्रीय नमकीन जल में होना जलवायु के कारकों पर निर्भर करता है।
वाटर साइकिल में उर्जा का विनिमय होता है जिससे तापमान में परिवर्तन होता है। जब जल का वाष्पीकरण होता है तो वातावरण से उर्जा का अवशोषण होता है और इसतरह पर्यावरण ठंढा हो जाता है। जब इसका घनीभूतिकरण होता है, तो यही अवशोषित उर्जा बाहर उत्सर्जित होती है और पर्यावरण उष्ण हो जाता है। यही ताप का विनिमय जलवायु को प्रभावित करता है। इस वॉटर साइकिल से जल का शुद्धिकरण होता है, जो धरती पर ताजे और पीने लायक जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है। इसीतरह बर्फ और जल का बहाव अपने साथ मिट्टी और खनिज बहा कर ले जाता है। यही पृथ्वी पर मिट्टी और चट्टानों के क्षरण(erosion) और अवसादन या तछटीकरण (sedimentation) की क्रियाओं से भौगोलिक स्थितियों का निर्माण होता है। यही जल वृत्त (water cyccle) इस ग्रह पर जीवन और पर्यावरण के रखरखाव करने की स्थितियों का द्योतक है। इसतरह इर्वाईन में जुलाई-अगस्त में 44 डिग्री सेंटीग्रेड के उच्चतम तापमान और दिसम्बर-जनवरी में 4/5 डिग्री न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया जाता है।
आज रथयात्रा है। शाम को हमलोग मन्दिर गये। यह एक स्टोरहाउस नुमा स्थान में किनारे-किनारे देवताओं की मूर्ति स्थापित है। बीच के स्थान में कार्पेट बिछाया हुआ है। यहाँ बाहर में छोटा सा रथ दिखा। रथयात्रा का कार्य क्रम संभवतः सुबह में सम्पन्न हुआ होगा। अन्दर में हमने जगन्नाथ जी के दर्शन किये। ग बाहर के लान में मुफ्त भोजन के लिये लोग पन्क्तिबद्ध थे। हमलोग भी लग गये। चावल, रोटी, दो सब्जियाँ और खीर, भरपेट भोजन का लाभ उठाया गया। मुझे पता चला कि यह पूरा आयोजन यहाँ के लोगों के दान पर ही चलता है। भारत से दूर भी एक भारत के होने का अहसास और उससे भी अधिक भारतीय संस्कारों के होने का अहसास बहुत बड़ी बात है। 
क्रमशः

Thursday, August 16, 2018

मैं अटल हूँ, ंंमैं जिन्दा हूँ (कविता)

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अटल विहारी बाजपेयी (श्रद्धांजलि स्वरुप)
मैं अटल हूँ, मैं जिन्दा हूँ।
मैं संसद में नहीं
राजपथ में भी नहीं।
मैं सडकों पर, गलियों में
फूलों में, कलियों में।
नित्य सलिला नदियों में
खेतों में, फलियों में।
मैं राष्ट्र गगन में उड़ता एक परिन्दा हूँ।
मैं अटल हूँ, मैं जिन्दा हूँ।

मैं नेताओं जैसी लफ्फाजी में नहीं
राजनीति की जीती हुयी बाजी में भी नहीं।
मैं अक्षरों में, शब्दों में,
वाक्यों में, गीतों में।
मैं हार में, ब्यवहार में,
अरियों में, मीतों में।
सुधा -पत्र का एक पुलिंदा हूँ।
मैं अटल हूँ, मैं जिन्दा हूं।

मैं राजनीति के शिखर में नहीं,
मैं कूटनीति के स्वर मे नहीं।
मैं बन्चितों की चीख में,
मैं भिखुओं की भीख में।
मै कतार में खड़े हर उस
अन्तिम आदमी की भूख में।
आज भी शर्मिन्दा हूँ।
मैं अटल हूँ, मैं जिन्दा हूं।

मैं विशिष्ट जनों के संघों में नहीं,
मैं परिजनों के स्वयं संघों में नहीं।

मैं कार्यकर्ताओं की ताकत के मूल में हूँ,
रास्ते की कण कण में, धूल में हूँ ।
गुलाबों की रंगत में नहीं, शूल में हूँ।
फलदार पेड़ों की शाखों में नहीं, बबूल में हूँ।
मैं उपवनों में, वनों में वृंदा हूँ।
मैं अटल हूं, मैं जिन्दा हूँ।

-ब्रजेन्दनाथ, इर्वाईन, कैलिफोर्निया, यु एस ए
तिथि: 16-15-2018
(अटल जी के देहावसान पर)

स्थानीय तुलसी भवन में सुनाई गई इसी कविता का यूट्यूब लिंक
https://youtu.be/sj_dGxAxk5E

Tuesday, August 14, 2018

अमेरिका डायरी, 13-07-2018, इर्वाईन, यु एस ए ंंमें 10 वां दिन(Day 10)

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13-07-2018, अमेरिका डायरी, इर्वाईन, दसवाँ दिन (Day 10)

आज यु एस ए में मेरे आवास का दसवाँ दिन है। जैसा कि मैने पहले भी बताया था, मैं जहां ठहरा हूँ, यानि इरवाइन, जो यहां के कैलिफोर्निया राज्य के Orange County (जिले) का हिस्सा है, उसी बारे में कुछ और जानने की कोशिश करते हैं।
मैने अपनी डायरी के पिछले पन्नों में इस बात का जिक्र किया था कि यह शहर योजनाबद्ध तरीके से विकसित और स्थापित शहर है। इरवाइन के उत्तर में Tustin, उत्तर-पश्चिम में Santa Ana, पूर्व में Lake Forest, दक्षिण-पूर्व में Laguna Hills और Laguna Woods, पश्चिम में Costa Mesa और दक्षिण - पश्चिम में New Port beach है। Orange का छोटा किनारा उत्तर की तरफ इसे छूता है।
San Diago Creek (झरने से बड़ी एक छोटी नदी) जो उत्तर-पश्चिम की ओर Upper New Port Bay (खाड़ी), की ओर बहती है, वही जल उपलब्धता का मुख्य श्रोत है। Peter Canyon (खड्ड या घाटी) Wash इस नदी का मुख्य tributory है। इसतरह पूरा इरवाइन एक समतल, चौड़ी घाटी की शक्ल में हैं, जो उत्तर में Loma Ridge और दक्षिण में San Joaquin Hill के बीच फैला है (दिये गये तस्वीर, map में देखें)। सुदूर उत्तर और दक्षिण में कई पहाड़, पहाड़ियां, पाठार और खड्ड(Canyon) फैले हैं।
लॉस एन्ज्लेस के वास्तुविद William Pereira और Irvine कम्पनी के कर्मचारी Raymond Watson ने इस शहर के निर्माण और विकास की रूप रेखा बनाई। उसने इसको कस्बों या मुहल्लों (townships), जिन्हें villages कहा गया, में विभाजित किया। बीच में कम-से-कम छ: लेन की सडकों और हर मुहल्ले में समान डिजाइन के घरों और ब्यवसायिक केन्द्रों, धार्मिक केन्द्रों(चर्चों), विश्वविद्यालयों और ब्यवसयिक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया। वास्तुविद पेरेरा ने पूरे क्षेत्र का वृत्ताकार डिजाईन, जिसमें कई मानव निर्मित झीलें होंती और बीच में विश्वविद्यालय होता, तैयार किया था। लेकिन इरवाइन कम्पनी ने खेती के मूल्यवान मैदानों को इसके लिये देने से इन्कार कर दिया। इसीलिये विश्वविद्यालय का क्षेत्र दक्षिणी तटीय पहाड़ों के तरफ स्थानान्तरित कर दिया। अब यह डिजाईन वृत्ताकार से बदलकर नेकलेस की शक्ल का हो गया, जिसमें villages दो समानान्तर मुख्य मार्ग की तरह हैं, जो University of California (UCI, Irvine), पर जाकर खत्म होता है। यानि UCI एक Pedant या लॉकेट की तरह है।
यहाँ दो बड़े ब्यवसायिक केन्द्र Irvine Business Complex पश्चिम की तरफ और Irvine Spectrum पूरब की तरफ स्थित हैं। मूल वृत्तनुमा डिजाईन को आप अब भी महसूस कर सकते हैं, जिसमें दो मानव निर्मित झीलें, South woodbridge और North woodbridge लेक (जिसकी चर्चा हम पहले भी कर चुके हैं, Day 5 में) और UCI university केन्द्र में स्थित हैं।
अब यहाँ, शहर के अन्दर की सडकों और उनके landscaping पर नज़र डालें। कम-से-कम छ: लेन की सड़कें, बीच में डिवाईडर पर भी लैंडस्केपिन्ग, साइड में दोनों तरफ 5 फीट चौड़ा पैदल चलने के लिये कंक्रीट से बना चिकना भ्रमण - पथ, दोनों तरफ पेड़ों की कतार, पेड़ों के कतार से पगडंडी तक landscaping, हेज भी करीने से तराशे हुए, एक खूबसूरत हरियाली का कारवाँ आपके साथ चलता हुआ प्रतीत होता है। इसके साथ ही दाहिनी ओर सायकिल चलाने के लिये सड़क का एक हिस्सा, छ: लेन के अतिरिक्त निर्धारित किया हुआ है। ये पूरी हरियाली का क्षेत्र और यहां के हर मुहल्ले में बना पार्क का पूरा क्षेत्र reclaimed water यानि रिहायशी इलाकों में प्रयोग के बाद जमा किये गये पानी को पुन: प्रयोग में लाये जाने लायक बनाकर एकत्रित पानी से ही हरा - भरा दीखता है। इसके लिये अलग से जल की ब्यवस्था नहीं करनी पडी है। अगर आप सुबह घूमने निकलें, तो सारा हरियाली का लैन्डस्केप वाला क्षेत्र जल से नहाया हुआ दिखेगा। लेकिन रात में कोई बरसात नहीं हुई, जिससे या जल - स्नान हुआ है। हर पेड़-पौधे के पास sprinklar या जल छिडकाव यन्त्र लगा हुआ है। रात में ही निर्धारित समय पर इस यन्त्र से जल छिडकाव हो जाता है। इसीलिये सुबह में सारे पौधे और पेड़ों की जड़ें जल से नहाई हुई लगती हैं।
यहाँ की जलवायु और मौसम के बारे में अगले पन्ने पर,,,
क्रमशः



Monday, August 13, 2018

"मुल्क" फिल्म की समीक्षा (लेख)

फिल्म "मुल्क" की समीक्षा:

आज मैनें ये फिल्म देखी। इस फिल्म की पूरी आत्मा कोर्ट के दृश्य में ही है। मुराद अली (ऋषि कपूर) अपने भतीजे का शव लेने से इन्कार कर देता है, क्योंकि वह पुलिस की गोली से मारा जाता है, जब कि उसके एक आतंकवादी वारदात में शामिल होने के पुख्ता सबूत पुलिस के पास थे।
एक सवाल इसमें यही उठाया गया है कि एक परिवार के एक लडके के आतंकवादी साबित होने से क्या पूरा परिवार आतंकवादी घोषित कर दिया जाना चाहिये?
यह सवाल बाद में उठता है, जब वह आतंकवादी वारदात को अंजाम दे चुका होता है। परिवार का कोई लड़का किस गतिविधिं में लिप्त हो रहा है, इसकी जिम्मेवारी भी परिवार की है। क्योंकि उसके कार्यों से परिवार की इज्जत जुड़ी हुई है और प्रभावित भी होती है। इसे भी इस फिल्म में स्थापित करने की कोशिश की गयी है, लेकिन कमजोर तरीके से।
एक सवाल और उठता है- मुल्क को "हम" और "वे "में विभाजित नहीं किया जा सकता। नहीं किया जाना चाहिये, इससे मुल्क की समाजिक मजबूती का धागा कमजोर होता है। कोई भी हम और वे मुल्क को कमजोर करता है। यहां ये भी साबित करने की कोशिश की गयी है कि 1947 में मुल्क के विभाजन के समय हिन्दुस्तान में वे ही रह गये जो अन्दर बाहर से राष्ट्रवादी थे, अपने को प्रतिबद्ध कर लिये थे।
1992 में अयोध्या में विवादत ढांचे के जमीन्दोज़ होने के समय तनाव ग्रस्त माहौल में  मुसलमानों के साथ उनके पड़ोसी हिन्दु भी खड़े थे, यह भी इस फिल्म का एक फ्लश्बैक दृश्य है। अब 1990 जनवरी के उस दृश्य को याद कीजिये जब कश्मीर घाटी के मस्जिदों से हिन्दुओं को घाटी छोडने का एलान किया जा रहा था। बाकी भारत के मस्जिदों से उससमय या उसके बाद कभी भी एक आन्दोलन की तरह यह एलान क्यों नहीं किया गया कि कश्मीर के हिन्दुओं घर मत छोड़ो, देखें कौन तुझे निकालता है? राजनेता चुप हो गये तो कौम भी चुप हो गयी। अब तो जिन्ना की तस्वीर कॉलेजों में लगायी जा रही है। हिन्दुस्तान तेरे टुकड़े होंगे, इंसाँ अल्ला। और तुम एक अफजल मारोगे, हर घर से अफजल निकलेगा,,,, वगैरह,!
आज युग की यह मांग है की राष्ट्र को कमजोर करने वाले हर तबके को उजागर किया जाय। आतंकवादी बौर्डर पार कर ही नहीं आता, वह हर ब्यक्ति उसी कटघरे में खड़ा है जो भ्रष्टाचारी है, मिलावटी है, मुनाफखोर और टैक्स चोर है, आततायी और बलात्कारी है, आय से अधिक सम्पत्ति इकट्ठी कर चुका है।
ब्रजेन्द्रनाथ

Saturday, August 11, 2018

अमेरिका डायरी ता: 12-07-2018, इर्वाइन यु एस ए ंंमें 9वां दिन(Day 9 )

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12-07-2018 , इर्वाईन, यु एस ए में 9वां दिन(Day 9 in U S A)
मित्रों, आज मैं अमेरिका में मनोरंजन ब्यवसाय से केन्द्र "हॉलीवुड" के अस्तित्व में आने के इतिहास पर दृष्टिपात करेंगे। हॉलीवुड (Hollywood) कैलिफोर्निया यु एस ए के पश्चिमी क्षेत्र में लॉस एंजिल्स के पास बसा हुआ है। यह एक सघन आबादी वाला वाला क्षेत्र यु एस ए के फिल्म उद्योग का गृह शहर है। यहाँ फिल्म उद्योग से सम्बन्धित कई फिल्म स्टुडियो स्थित हैं।
इसके इतिहास के बारे में पड़ताल करने पर पता चलता है कि यह 1853 और उसके पहले यह जगह मैक्सिकन नोपल कैक्टस(Maxican Nopal Cactus) से भरा हुआ था। 1870 तक यहाँ आकर बसे स्पैनिशों और चीनियों में से कृषि कार्य करने वाली प्रजाति विकसित हुई। यह क्षेत्र Cahuenga Valley जो Santa Monica Mountains के ठीक उत्तर में स्थित है, के नाम से जाना गया।
हॉलीवुड नाम कैसे पड़ा, इसकी एक दिलचस्प कहानी है। H J Whitley जिन्हें हॉलीवुड के पिता और संस्थापक के रूप में जाना जाता है, उनकी 1886 की डायरी में एक वाकया दर्ज था। वे लिखते हैं, " मैं आज अपनी पत्नी के साथ इस पहाड़ पर honeymoon (मधुयामिनी) मनाने आया हूँ। उपर से पूरी घाटी निहारते हुये अच्छा लग रहा है। मैंने एक wagon में लकड़ी ले जाते हुये चीनी से पूछा, 'क्या कर रहे हो?' उसने अपनी टूटी फूटी अन्ग्रेजी में कहा, ' I holly - wood ' उसके कहने मतलब है, 'मैं wood को haul यानि ले जा रहा हूँ।' यहीं से मुझे इस शहर का नाम मिल गया और मै इसे Hollywood नाम से सम्बोधित करने लगा।" शायद उसने सोचा होगा कि Holly से England, जिस देश से वह आया है, उसका बोध होता है और wood से Scotland का जहाँ उसकी जड़ें थी।
उसने वहीं पर करीब 480 एकड़ ranch की जमीन E C Hurd के साथ मिलकर खरीदी। उन्होंने आपस में मिलकर एक समझौता किया उस पूरे रैंच की एक कीमत तय की। अपनी योजना को उन्होने Los Angles Times के प्रकाशक General Harrison Gray Otis और उस क्षेत्र के ब्यवसायी Ivar Weid को बतायी। Dacida Wilcox जो Ivar Weid की पडोसी थी उस योजना की जानकारी अपने पति Wilcox को दी। उसने ये भी बताया कि Hollywood Canyon (Now Lake Hollywood) के लिये Hollywood नाम का प्रयोग शुरु हो गया था। Wilcox ने उस क्षेत्र में 120 एकड़ जमीन खरीद ली। इस प्रॉपर्टी का उसने Los Angles County के जमीन के दस्तावेज के नक्शे में Hollywood नाम से दर्ज करवा लिया। इसतरह hollywood अस्तित्व में आया।
उससमय 1990 में LA (Los Angles) इससे 10 मील दूर, पूर्व में स्थित था। LA और Hollywood के बीच Vineyards, barley fields, और citrus grooves फैले हुये थे। इस दस मील को तय करने में घोड़े से दो घन्टे लगते थे। फलदायी Citrus fruits के store को अस्तबल में परिवर्तित कर घोड़ों को रखने की ब्यवस्था हुई। इन्हीं घोड़ों को यातायात के साधन के रूप में उपयोग किया जाने लगा।
क्रमशः

Thursday, August 9, 2018

अमेरिका डायरी, 11-07-2018, इर्वाइन (यु एस ए ंंमें आठवां दिन, Day 8


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11-07-2018, इर्वाइन, साउथ कलिफोर्निया ( यु एस ए में आठवां दिन, Day 8)

आज का दिन अन्य दिनों से कुछ अलग बीता क्योंकि हमलोगों का ऑरेंज काऊंटी ग्रेट बैलून पार्क जाना हुआ। इस पार्क के लिये हमलोग सात बजे अपराह्न या सन्ध्या क्या कहूँ, समझ नहीं पा रहा हूँ, निकले। ज्ञात हो कि यहाँ साढ़े आठ बजे तक उजाला ही होता है। शाम तो उसके बाद ही आती है।
यह पार्क करीब 27.5 एकड़ में फैला हुआ खेल, कृषि और कला को समर्पित एक पब्लिक पार्क ( आम या सार्वजनिक उद्यान) है। इतिहास बताता है कि यह Marine Corps Air Station, El Toro के अन्तरराष्ट्रीय air field station को बंद किये जाने के बाद यहाँ की जनता ने इसे सार्वजनिक उद्यान में बदल दिये जाने के लिए पब्लिक ओपिनियन पोल में वोट किया था।
एयर फील्ड स्टेशन को बंद किये जाने के बाद यह सार्वजनिक विवाद में फँस गया था। 1940 से पहले यह एयर बेस था, जो युद्धक विमानों के ठहराव स्थल, इन्धनीकरण और उड़ान भरने के काम आता था। द्वितीय युद्ध की समाप्ति के बाद इसका उपयोग बिल्कुल कम हो गया। अब इस बड़े भूभाग का क्या उपयोग हो, इसपर विचार किया जाने लगा। इसके कुछ दूरी पर Orange County Airport जिसे 1979 में एक बड़े अभिनेता के नाम पर John Wyne Air Port नाम दे दिया गया, है। इस एयर पोर्ट की जगह पर नयी सुविधाओं के साथ इस बंद किये गये एयर बेस स्टेशन को नया civilian air port में बदल दिये जाने पर विचार किया जाना था। इसपर यहाँ के निवासियों में मतभेद था, इसलिये विवाद होना स्वाभाविक था।
प्रशासन यहाँ के स्थायी निवासियों का विचार जाने बिना यहाँ किसी भी नयी सुविधा को लाना सम्भव नहीं था। इस विवाद में जो इसे नये एयर पोर्ट में परिवर्तित करने पक्ष में थे, वे मूलतः उत्तरी क्षेत्र के लोग थे, जो अभी John Wyne Air port के आसपास विमानों के शोर से स्वयं को पीड़ित महसूस कर रहे थे। El Toro में नये एयर पोर्ट के विरोध में आसपास के Lake Forest, Laguna Niguel, Laguna Woods, Dana point और Mission Vego के निवासी थे। वे भी विमानों के परिचालन में आसन्न शोर से सामान्य जीवन में उत्पन्न होने वाले व्यवधान भयाक्रांत थे। इसीलिये यहां के निवासियों ने El Toro Reuse Planning Authority बनाया और इसका पुरजोर विरोध किया। इसतरह प्रशासन को इस बहिष्कृत या abandoned एयर स्टेशन को अन्ततः पार्क में बदले जाने का निर्णय लेना पड़ा। इसके बाद इसकी अच्छी प्लानिंग कर आधुनिक डिजाईन बनाया गया और यह पूरा क्षेत्र एक बैलून पार्क में विकसित हुआ।
इस एयर बेस को जब अन्ततः 1999 में स्थानान्तरित किया गया, तो पूरा क्षेत्र 4682 एकड़ का था। अभी 2018 में बनी योजना के अनुसार 688 एकड़ पार्क में तब्दील होगा। बचा हुआ भूखंड आधारभूत संरचनाओं के विकास और हाऊसिंग सुविधाओं के निर्माण के लिये डेवलपर को दिया गया। इस तरह यह बैलून पार्क अस्तित्व में आया।
हमलोग कार पार्क करने के बाद, कुछ दूर चलकर पार्क में प्रवेश किए। पार्क में हरियाली दूर तक फैली थी। लग रहा था कि हरी-हरी घास से भरा मैदान दूर क्षितिज में नीले आसमान से मिल गया हो। विस्तार इतना विस्तृत था कि मन विस्मय से भर गया। इस अनावृष्टि के क्षेत्र में इतनी हरियाली को सुरक्षित रख पाना एक अद्भुत प्रयास का ही प्रतिफल कहा जायगा।
घास भी इतनी करीने से तराशी हुई कि चलने पर उसमें पांव धंस जाते हैं, जैसे किसी गड्डे पर चल रहे हों। घास भी जंगल वाली नहीं, जो मोटी और कड़ी होती है। बिल्कुल दूब जैसी पतली और छोटी-छोटी, आंखों को शुकून देने वाली। मुझे दूबों के अवलोकन पर याद आता है वो मंजर जब सुबह - सुबह ओस से नहायी दूबों पर सूर्य की रश्मियाँ बिखर-बिखर जाती हैं, और इन पंक्तियों में बँधकर सँवर- सँवर जाती हैं:

ओस की बूंदें मोती - सी लगे,
दूबों पर टिकती हुई सोती - सी लगे।
उन्हें उंगलियों से छूना चाहूँ
मुट्ठियों में बंद करना चाहूँ।

रात सितारे आते अम्बर से
उन्हें धरा पर बिखरा जाते।
झोंके पवन के आते,
सहलाते, पसारते, छितरा जाते।

नहलाई हुई उन  बूंदों में
छल-छल करती आती भोर।
पत्तों पर गिरती, चमकाती 
अमृत-रस से करती सराबोर।

फूलों पर बूंदें ठहरी हुई
छूती-चूमती, नाचती है।
टिकती, टप-टप गिरती हुई
पराग चुरा ले जाती है।

आओ उंगलियों के पोरों में,
कर लूं कैद, ले भागूँ।
उनके बदले थोड़ी-सी
मोती गगन से मैं मांगू ।

यहाँ अब शाम धीरे - धीरे पूरे मैदान पर उतर रही है। सामने बड़ा- सा बैलून दिखाई दे रहा है। या बैलून, बैलून राईड में काम आता है। बड़े से प्लेटफॉर्म को बैलून से बाँधा जाता है। बैलून की हवा को गर्म किया जाता है, जिससे बैलून ऊपर उठता जाता है और वैसे ही उठान पर होता है बैलून से लगे प्लेटफॉर्म पर चढ़े लोगों का उत्साह! आज तो मौका नहीं मिला, शायद किसी दिन मौका मिले तो उसका अनुभव अवश्य साझा करूंगा।
इसी मैदान में छ: फुटबॉल मैदान हैं। इसमें से चार मैदान फुटबॉल लीग के मैचों के लिये है। बाकी के दो मैदान अभ्यास के लिये हैं। साथ ही बास्केटबॉल के कई मैदान हैं। खेल की इतनी सुविधायें हैं कि देखकर आश्चर्य होता है। यहाँ के लोगों को शायद आज खाने और कल के खाना जुटाने की चिन्ता नहीं है। इसलिये चिंतामुक्त होकर खेलना और उसमें आनन्द लेना एक फ़ेवरिट पास्टाईम है। इससे पता चलता है कि यहाँ के लोगों का हप्पिनेस्स इंडेक्स (Happiness Index) कितना उँचा है। इस नयनाभिराम सौंदर्य को उतरती शाम की पृष्ठभूमि में मोबाइल कैमरे में कैद करना और स्मृतियों को स्थाई तौर पर अंकित कर लेने का कार्य सम्पन्न हुआ। हमलोग नौ बजे रात्रि को वापस लौटे।
क्रमशः 

Monday, August 6, 2018

अमेरिका डायरी 10-08-2018, इर्वाईन ( यु एस ए में 7 वां दिन, Day 7)

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10-07-2018, इरवाइन, साउथ कैलिफ़ोर्निया (यु एस ए में सातवाँ दिन, Day 7)

मित्रों, मैने पिछली पोस्ट में USA के कलिफोर्निया राज्य के बारे में संक्षेप में कुछ बताने की कोशिश की थी। आप सबों का स्नेहपूर्ण रेस्पोन्स मिला, इसके लिये सबों को तहे दिल से शुक्रिया।
आज मैं जहाँ ठहरा हूँ, यानी IRVINE, इर्वाईन के बारे में कुछ बताना चहता हूँ। इसकी कहानी एक अनावृष्टि वाले, कम जल श्रोत के पेड़ - पौधा रहित क्षेत्र को एक हरे भरे सुनियोजित, सुब्यवस्थित शहर में बदले जाने के मानवीय प्रयास की कहानी है। कैसे यह सब सम्भव हुआ? आइये इसकी पड़ताल करने की कोशिश करें।
इर्वाईन, यु एस ए के कैलिफोर्निया राज्य के ऑरेंज काउंटी (Orange County) या जिला का एक हिस्सा है। 1960 के पहले यह बिल्कुल ही वैसा नहीं था, जैसा अभी देख रहे हैं । इसे इरवाइन नामक कम्पनी ने 1960 के दशक में मास्टर प्लान के तहत बनाना और विकसित करना शुरु किया जो आधिकारिक तौर पर दिसम्बर 1971 में बनकर तैयार हुआ। यह 66 वर्गमील या 170 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 2018 तक अनुमानत: इसकी कुल आबादी करीब तीन लाख हो जाने की सम्भावना है।
तकनीकी और सेमीकन्डक्टर (Technical and Semiconductor) कम्पनियों के राश्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय हेड्क्वार्टर भी यहीं हैं। यह स्थान उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये भी जाना जाता है। यहाँ University of California, Irvine (UCI), Irvine Valley College, The Orange County Centre of the University of Southern California (USC), and Campuses of California State University, Fullerton (CSUF), University of La Verne, and Pepperdine University
स्थित हैं।
कहा जाता है कि करीब 2000 वर्ष पहले Gabrieteno नामक मूलवासियों का समूह यहाँ रहा कर्ता था। गैस्पेर डे पोर्तोला (Gasper de Portola) नामक स्पैनिश यात्री, सन् 1769 ईस्वी में इस क्षेत्र में आये और यहाँ पशुपालन औए मिशनरी कार्यों की शुरुआत की। स्पेन के राजा ने उसे ही इन कार्यों के लिये पूरी जमीन दान में दे दी।
इस तरह या पूरा क्षेत्र स्पनिशों के नियन्त्रण में था। 1821 में मैक्सिको की स्पेन से आजादी हासिल कर लेने के बाद सरकार ने मिशनरियों की जमीन पर आधिकारिक तौर पर नियन्त्रण हासिल कर लिया। इसके बाद उसने मैक्सिको के नागरिकों से आवेदन माँगकर, उनके बीच वितरित कर दिया। इसलिये यहाँ तीन बड़े- बड़े खेती और पशुपालन के खेत (Ranch) स्पैनिश और मैक्सिको के लोगों के पास चले गये। उन्हें Rancho Santiago de Santa Ana, Rancho San Joaquin और
Rancho Lomas de Santiago नाम दिया गया। 1864 में Jose Andres Sepulveda ने Rancho San Joaquin (खेत का नाम) के 50,000 एकड़ जमीन ( 200 sq km), Benjamin, Thomas Flint, Llewellyn and James Irvine को 18000 डालर में भीषण अकाल में लिये गये ऋंण को अदा करने के लिये बेच दी।
अमेरिकन - मैक्सिकन युद्ध के बाद यह क्षेत्र अमेरिकियों के नियंत्रण में आ गया। उन्होने उस क्षेत्र को 4 हिस्सेदारों में विभाजित कर दिया। जेम्स इरवाइन भी उनमें एक थे। ये सारे रैंच 1870 से भेड़ों के पालन और कृषि कार्यों में प्रयोग में लाये जाने लगे।
1878 में जेम्स इरवाइन (James Irvine) ने अपने अन्य तीनों हिस्सेदारों से 150, 000 डालर देकर सारी जमीनें खरीद ली। इसतरह पश्चिम में प्रशान्त महासागर से लेकर पूरब में Santa Ana नदी तक 140, 000 एकड़ जमीन James Irvine की हो गयी। 1886 में उसकी मृत्यु के बाद उसके बेटे ने Irvine कम्पनी की स्थापना कर इस क्षेत्र को खेती, Olive tree plantation और Citrus crops के उगाने के लिये करना शुरु किया।
1953 में यह पूरा क्षेत्र James Irvine के पोते Myford के नियन्त्रण में आ गया। उसी समय राश्ट्रीय स्काउट की जम्बूरी ( Annual festival of Scouts and Guides is called Jambooree) आयोजन यहाँ हुआ था। उसी के नाम पर यहां Jamboree रोड भी है जो New Port Beach से Orange City तक लम्बा है। कहा जाता है कि उसी जम्बूरी में भाग लेने वाला एक लड़का David Sills जब बडा हुआ ती यहां का Mayor बना और उसने चार टर्मों तक यहां अपनी सेवायें दी। उससमय इस क्षेत्र का विकास हुआ और इसके लिये मास्टर प्लान की रूपरेखा बनाकर उसका क्रियान्वन किया गया।
1975 में वियतनाम में चले लम्बे युद्ध का अमेरिका के नागरिकों द्वारा मुखर विरोध के बाद जब अमेरिकी सेना वहाँ से वापस आयी तो अमेरिका को समर्थन देने वाले वियतनामी भी शरणार्थियों के रूप में यहाँ आये। उन्हें यहाँ आ जाने पर Fountain Valley क्षेत्र में बसाया गया। इसतरह यहाँ की आबादी का एक बडा हिस्सा एशियन अमेरिकन का है।
क्रमशः 

Friday, August 3, 2018

अमेरिका डायरी 09-07-2018, इरवाइन, कैलिफोर्निया (यु एस ए में छठवां दिन)

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09-07-2018, इर्वाइन (यु एस ए में छठवां दिन)
मित्रों, 04-07-2018 संध्या 8:30 की पोस्ट में मैने लिखा था कि मैं जहाँ ठहरा हूँ, वहाँ के बारे में मैं कुछ जानकारियाँ आपको साझा करून्गा। उसी के मुत्तलिक, मैं इर्वाइन, औरेंज काऊंटी, जो यु एस ए के कैलिफोर्निया राज्य में स्थित है, वहां के बारे में जो जानकारियाँ इकट्ठी कर सका हूँ उसे साझा करना चाहता हूँ।
सबसे पहले मैं कैलिफोर्निया राज्य के बारे में बताता चलूँ। कैलिफोर्निया यु एस ए के 50 राज्यों में से एक है। इसकी राजधानी स्क्रेमेन्टो है और लॉस एंजेल्स इसकी सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। यह यु एस ए के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। इस राज्य के पश्चिम में प्रशान्त महासागर, उत्तर में ओरेगोन राज्य, पूर्व में नेवदा, दक्षिण - पूर्व में कोलेराडो नदी है। यही नदी इस राज्य को अरिजोना से अलग करते हैं। दक्षिण में मेक्सिको देश है। चार करोड़ की आबादी वाला यह राज्य अमेरिका का तीसरा सबसे बडा राज्य है। इससे बड़े दो राज्य अलास्का और टेक्सास हैं।
इसे 1850 में अमेरिकन युनियन में 31 वाँ राज्य के रूप में शामिल किया गया था। इस राज्य के बड़े शहर लॉस एंजेल्स, सान दियागो, सान जोश, सान फ्रांसिस्को, स्करमेंटो, न्यू पोर्ट और ओकलैंड हैं। सोलहवीं शताब्दि में योरोपीय देशों द्वारा चलाये गये समूद्री यात्रा अभियानों में इसे स्पैनिशों द्वारा खोज गया था। इसके पहले से यह प्रदेश मूल अमेरिकियो जिन्हें कोलम्बस ने रेड इन्डियंस कहा था, का निवास स्थान था। वे सम्भवत: दक्षिण अमेरिकी मूल के ही प्रतिरूप थे। यहाँ रहने वाले करीब सौ से अधिक तरह के मूलवासी, पांच अलग-अलग तरह की भाषायें/बोलियाँ बोलते थे। 1769 में यह क्षेत्र स्पैनिशों द्वारा जीते जाने से स्पेन के राजा के साम्राज्य के अन्दर आ गया। 1810-21 में मैक्सिको स्वतन्त्रता संग्राम में यह मैक्सिको का हिस्सा बना।
1846-48 में अमेरिका और मैक्सिको के बीच लडाई में मैक्सिको की हार के बाद, अमेरिकियों ने मैक्सिको पर दबाव बनाकर उसे यह क्षेत्र छोडने पर विवश किया। इसतरह गुआड्स्नूप हिदाल्गो सन्धि के अन्तर्गत यह यु एस ए का हिस्सा हो गया। 1848-49 में ऐतिहासिक गोल्ड रश मे सोने की खोज की तमन्ना लिये करीब 90 हजार अमेरिकन सान फ्रांसिस्को आये। कुछ लोग तो अरब पति बन गये। बाकी लोग अपनी सम्पत्ति गंवा कर खाक पति बन बैठे। वे लोग यहां के मूलवासियों की जमीन, खरीद कर या हड़प कर यहीं बस गये। इसतरह यहां की आबादी स्पैनिशों, मैक्सिकन, पूर्व से आये अमीरिकी जिनमें फ़्रैंच, ब्रिटिश, डच, यहां के मूलवासी रेड इन्डियंस और अफ्रीकी, कैरीबियाई मूल के काले लोगों का मिलाजुला रूप है।
इस राज्य का अमेरिका की जी ड़ी पी में करीब 14% का योगदान है। यहाँ का मुख्य पेशा खेती, बिजली उत्पादन, पर्यटन, लेसर (leisure यानि ध्यान और अन्य अब्यवसायिक कार्य) हैं। यु एस ए के मुख्य आर्थिक केन्द्र जैसे लॉस एन्ज्ल्स (होलिवूड में मनोरन्जन, लेसर), केन्द्रीय घाटी (कृषि), सिलिकन घाटी (कम्प्युटर और तकनीक) और नपा घाटी (शराब) भी इसी राज्य में स्थित हैं।
ज्ञात हो कि मशहूर फिल्म उद्योग और विश्व का सबसे बड़ा मनोरंजन उद्योग "होलिवूड" इसी राज्य का हिस्सा है। यहाँ फिल्मों के कई विख्यात स्टुडियो और उनके प्रोडक्सन हाऊस जैसे वार्नर ब्रदर्स, कम्बोडिया पिक्चर्स, युनिवर्सल स्टुडियो, 20th सेंंन्चुरी


 फॉक्स आदि यहीं स्थित हैं। वाल्ट डिज्नी स्टुडियो और युनिवर्सल स्टुडियो का थीम पार्क भी यही होलिवूड, लॉस एंजेल्स के निकट ही स्थित है।
सिलिकोन वैली, जहाँ गूगल, आईबीऍम, ओरकल, सिस्को, इंटेल,अडोब आदि मशहूर हार्ड वेयर और सॉफ़्ट वेयर कम्पनियों के उत्पादों के उत्पादन स्थल और ऑफ़िस स्थित है, भी इसी राज्य में है। इसपर विशेष प्रकाश डायरी के अगले पन्नों में,,,
क्रमशः

Wednesday, August 1, 2018

अमेरिका डायरी 08-07-2018, इरवाइन (यु एस ए ंंमे पांचवां दिन)

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08-07-2018, रविवार, इर्वाईन (यु एस ए में पाँचवाँ दिंन)
कल की पार्टी में लेट नाइट तक जागरण के कारण, आज सुबह विलम्ब से जागना हुआ।
आज रविवार और चिन्मय की सप्ताहांत छुट्टी होने से उसके साथ ही सभी लोग रेलैक्श थे। खाना कुछ रात का बचा हुआ और कुछ ताजा तैयार कर लिया गया। इसतरह खाना बनाने के झंझट से दबाव मुक्त थे, सभी लोग। कहीं बाहर निकलने का अच्छा मौका था।
हमलोगों ने निर्णय लिया कि शाम को "वूड ब्रिज लेक" चला जाय। हमलोगों ने ओक ग्लेन अपार्टमेंट से बाहर निकल कर दाहिनी ओर की सडक पकड़ी। थोड़ी देर ड्राइव के बाद सिग्नल से बायीं ओर मुडकर बर्रन्का पार्क वे से होते हुए, क्रीक रोड सिग्नल से दाहिने मुड़कर, 10 मिनट में वूड ब्रिज लेक साइड में पहुँच गये। यह एक सुन्दर, बहुत अच्छी तरह से देखभाल कर सुरक्षित किया हुआ लेक है। चारो तरफ ओक पेड़ों की कतार से लगी हरी हरी घास, करीने से तराशा हुयी , जैसे हरियाली के बीच से नीले जल से भरा हुआ बड़े कटोरे जैसा झील प्रकट हो गया हो। जल पर तैरती बत्तखों की कतारे झील के नैसर्गिक सौन्दर्य में चार चाँद लगा रहे थे। जैसे - जैसे झील पर शाम उतरती जा रही थी, किनारे के होटलों के लैम्पों की रोशनी झील की शांत सतह पर सुनहरी रेखायें खींच दे रही थीं। मेरी कल्पना के उड़ान ने मेरे कवि मन को कुछ ऐसे भावों से भर दिया कि ये पन्क्तियाँ मेरे मन-मस्तिष्क में छा गयीं और खुद-ब-खुद उभरकर आ गयी :

जल का विस्तार लिये है यहां पर झील।
घोल दी हो किसी ने कुदरती सी नील।।

हरी हरी घास से निकला जल का कटोरा है,
झील सुंदरी ने फैलाया सौन्दर्य का सवेरा है।

बत्तखों की पन्क्तियाँ, जल तल पर तैरती हुई।
किसके बच्चे के घर में लोरी सुनाने जा रही?

बच्चे आते बत्तखों संग खिलखिलाने के लिये।
माता पिता आते सुकून के पल बिताने के लिये।

झील के चारो ओर भ्रमण पथ है फैला हुआ।
जल राशि को छूकर ही मन चैन पाता है यहाँ।

जल राशि पर रोशनी की कतारें थिरकती हुई।
विद्युत स्तम्भों की सुनहरी रेखायें चमकती हुई।

08-07-2018, ब्रजेन्द्रनाथ

मुझे यहाँ लग रहा है कि एक नया संसार रचा हुआ है। चारो ओर रिहायशी इलाके हैं। झील के किनारे कुछ होटल भी हैं। फिर भी झील के किनारे या कहीं भी कचरे का नामोनिशान नहीं है। यह तो मेरे लिये हैरानी की बात है। मैं श्रीनगर का डल झील देखकर आ रहा हूँ। उससे फैलाव में तो इस झील की कोई तुलना नहीं है। परन्तु सफाई और रखरखाव में डल झील इसके आगे कहीं नहीं ठहरता।
वूडब्रीज लेक के बारे में कुछ जानकारियाँ, जो मालूम हुयी हैं, उसे मैं साझा करना चाहता हूँ। यह लेक दो झीलों, उत्तरी और दक्षिणी झील का एकीकृत नाम है। इसका नाम वूड ब्रिज इसे लकड़ी के पदातिक पुलों से जोडने के कारण पड़ा है। झील का रखरखाव "लेक अस्सोसियेशन" द्वारा किया जाता है। उत्तरी झील 30 एकड़ और दक्षिणी झील 24 एकड़ में फैली है। झील की अधिकतम गहराई 10 फीट है।
झील की सतह पर कोई भी तैरता कचरा रखरखाव के लिये तैनात स्कीमर नावों द्वारा तुरत हटा दिया जाता है। झील के जाल का रसायनिक परीक्षण निश्चित समय सीमा पर रेगुलर किया जाता हौ ताकि जल जीवों के जीवन पर कोई खतरा ना आये।
घरेलू इश्तेमाल के बाद साफ किया गया जल और आसपास की ढलानों से एकत्रित जल इस झील के मुख्य जल श्रोत हैं। गर्मियों में क्लोरीन परिशोधित जल राशि लगून यानि खलीज या समुद्र से आये जल के परिशोधन कुण्ड के जल से इस झील में छोड़ी जाती है।
झील में शैवालों (Algae) का फैलाव रोकने के लिये रसायनिक रंग छोड़े जाते हैं ताकि सूर्य की किरणों के प्रभाव होने वाले फोटो संश्लेषण (photo synthesis) की क्रिया को धीमा करके शैवालों के विकास को नियन्त्रित करके कम किया जा सके। गोल्डेन अल्गी यहाँ काफी पाया जाता है। वैसे यह मनुष्यों के लिये नुकसानदेह नहीं है, लेकिन यहाँ के जल जीवों के लिये हानिकारक है। उन्हें रोकने के लिये यह प्रक्रिया आवश्यक है।
इस झील के एक किनारे बालुका राशि को जमा कर समुद्री किनारे का फील दिया गया है। वहां लेक संघ के सदस्य और उनकी अनुमति से लोग बीच का आनन्द ले सकते हैं। यहाँ आम लोगों को तैरना और मछली मारना मना है। सिर्फ सदस्य गण ही आधिकारिक तौर पर इसके लिये अधिकृत हैं।
हमलोगों ने झील के हर कोने का परिभ्रमण किया। रात बढ़ती जा रही थी और उसी के साथ हमारा आनन्द भी। घर लौटना था वरना रात भर यहीं आनन्द मनाते हुये भी रात छोटी पड़ जाती।
क्रमशः 

माता हमको वर दे (कविता)

 #BnmRachnaWorld #Durgamakavita #दुर्गामाँकविता माता हमको वर दे   माता हमको वर दे । नयी ऊर्जा से भर दे ।   हम हैं बालक शरण तुम्हारे, हम अ...