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Monday, October 5, 2020

गाँधी और शास्त्री जी की याद में (कविता)

 #BnmRachnaWorld

#gandhipoem #shastrijipoem

परम स्नेही साहित्यान्वेषी ब्लॉग से जुड़े परिजनों,

अभिवादन! अभिनन्दन!💐!

कृपया यह संदेश अवश्य पढ़ें:

 २ अक्टूबर को अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की जमशेदपुर इकाई की ऑनलाइन काव्य गोष्टी गूगल मीट के माध्यम से संपन्न हुई।  उस गोष्ठी की तस्वीरों, और भाग  लेने वाले कलमकारों के द्वारा सुनाई  गयी कविताओं की पूरी  रिपोर्ट पर आधारित यह वीडियो अवश्य देखें और अपने विचारों से अवगत कराएं।आपके विचार बहुमूल्य हैं। इसमें मेरे द्वारा कविता पाठ का ऑडीयो भी है। 

--ब्रजेन्द्रनाथ

Link: https://youtu.be/9t2DOtKfyEQ








गाँधी जी और शास्त्री जी की याद में

गाँधी की आँधी चली,
उड़ गया इंगलिस्तान।
शास्त्री जी के ब्रह्मास्त्र से,
उखड़ा पाकिस्तान।

गाँधी जी की अहिंसा,
नहीं कायरों की भाषा।
मौका देता है अरि को,
सुधरने कीअभिलाषा।

नहीं सुधरे तो शास्त्री जी
का शस्त्र झेलना होगा,
विषधर को क्यों दूध पिलाना,
अस्त्र बेधना होगा।

आज भी गाँधी प्रासंगिक है,
समरस समाज बनाना है।
भेद भाव, रंग भेद, युद्ध
का उन्माद मिटाना है।

सत्य ही है ईश्वर
गांधी ने था सिखलाया।
प्रेम का परिचय सबसे गहरा,
सबको था बतलाया।

गाँधी बोले थे देश का,
होगा मेरे शव पर विभाजन।
भारत अखंड है, रहेगा
मंजूर नहीं विखंडन।

परन्तु जिन्ना की शर्तों पर,
देश हुआ विभाजित ।
जब नेता मना रहा थे,
जश्ने आजादी दिल्ली में,
गाँधी थे नोआखाली में,
देश हुआ रक्त रंजित।

गाँधी के मूल्यों को कांग्रेस,
आजादी मिलते मोड़ चुकी,
गाँधी बापू को तस्वीरों में,
दीवालों पर छोड़ चुकी।

गाँधी के सपनो का भारत ,
आज बिलखता है।
गांधी के सपनों का भारत
कहीं नहीं दिखता है।

जनपथ को संघर्षों में आज,
कौन सुलगाता है?
लोगों का सुखभाग वह,
कहाँ छुपाता है?

भारत को आत्मनिर्भर बना,
उन्नत करना है स्वाभिमान को।
लोकल को वोकल करना है
ताकत देना है जवान और किसान को।
©ब्रजेन्द्रनाथ

24 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सारगर्भित प्रस्तुति।
गांधी जी और शास्त्री जी को नमन।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय कामिनी सिन्हा जी, कल मंगलवार 06-10-2020 के चर्चा अंक में मेरी रचना को चयनित करने लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय डॉ रूपचंद्र शास्त्री मयंक सर जी, नमस्ते👏! आपने मेरी रचना की सराहना की है, इसके लिए आपका हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Ravindra Singh Yadav said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 6 अक्टूबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Onkar said...

सुन्दर रचना

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

कोशिश रहे हमारी कि आने वाली पीढ़ियों को ऐसे कर्मयोगियों की सही तस्वीर दिखती रहे

Anita said...

गाँधी जी व शास्त्री जी के जीवन को रेखांकित करती सुंदर कविता

hindiguru said...

शास्त्री जी को नमन

anita _sudhir said...

सुंदर

अनीता सैनी said...

सराहनीय सर घटनाक्रम विचारक विचारधारा और साहित्य निशब्द करती अभिव्यक्ति।
सादर प्रणाम

कविता रावत said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति

Madhulika Patel said...


गाँधी के सपनो का भारत ,
आज बिलखता है।
गांधी के सपनों का भारत
कहीं नहीं दिखता है।,,,,,,,,,, बहुत सुंदर एंव सत्य ।आदरणीय प्रणाम ।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया मधुलिका जी, नमस्ते👏! आपके सराहना के शब्द मुझे सृजन की प्रेरणा देते रहेंगें। सादर आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया कविता रावत जी, सराहना के लिए बहुत बहुत आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदारणीया अनिता सैनी जी, नमस्ते👏! आपकी सकारात्मक समीक्षा से मुझे मार्गदर्शन प्राप्त होता है। हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...
This comment has been removed by the author.
Marmagya - know the inner self said...

आदारणीया अनिता सुधीर जी, नमस्ते 👏! आपके सकारात्मक उदगार के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय "हिंदीगुरु जी", नमस्ते👏! आपके स्नेहपूर्ण उदगारों से अभिभूत हूँ। सादर आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदारणीया अनिता जी, नमस्ते👏! आपके सराहना के शब्द सृजन के लिए ऊर्जस्वित कर देते हैं। हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय गगन शर्मा जी, आपने सही कहा हैं कि इसके लिए हमें इन महापुरुषों के जीवन को आगे आने वाली पीढ़ियों को बताना होगा। सकारात्मक उदगार के लिए हार्दिक आभार!---ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय ओंकार जी, आपका हृदय तल से आभार! --ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय रवींद्र नाथ यादव जी, हमारी रचना को पाँच लिंको के रचना काल में चर्चा के लिए चयनित करने के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

मन की वीणा said...

सार्थक विचार धारा प्रवाहित करती सारगर्भित रचना।
काश गांधी को सही समझ कर अपनाया जाता तो भारत की तस्वीर दूसरी होती।

Marmagya - know the inner self said...

आदारणीया कुसुम कोठारी जी, नमस्ते👏! आपकी टिप्पणी मेरे सृजन के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। आपका हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

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