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Saturday, May 1, 2021

चलो इस कोरोना काल में अजनबी बन जाएं हमदोनों (कविता)

 #BnmRachnaWorld

#coronapiem#parody#पैरोडी








फिल्मी गाने पर पैरोडी
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गीत के बोल: चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों
गीतकार: साहिर लुधियानवी
गायक: महेंद्र कपूर, संगीतकर -रवि, फ़िल्म: गुमराह

नज्म:
  इस कोरोना काल में अजनबी बन जाएं हम दोनों।

न मैं तुमसे मिलूं, ना नजदीक आऊं,
तुम मेरी तरफ देखो मगर कुछ दूर रहकर,
न तेरे अल्फाज लड़खड़ायें मास्क में फंसकर,
न लिपस्टिक वाले ओठ तुम्हारी उल्फत का राज खोले।

तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पास आने से,
मुझे भी डर लगा रहता है, तुमसे दूर जाने से।
बचा लिया है, इस जमाने में कई आशिकों के
मुहब्बत को, इस कोरोना ने, बदनाम होंने से।

जब कोई रोग आकर हो खड़ा
तो दूर रहना बेहतर
दूरी बनाना जीने का दस्तूर बन जाये
तो दूर रहना अच्छा।
ये कहानी जिसे मुकम्मल करना न हो मुमकिन
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर भूलना अच्छा।

चलो इस कोरोना काल में अजनबी बन जाएं हम दोनों।
©ब्रजेन्द्रनाथ


10 comments:

शिवम कुमार पाण्डेय said...

बहुत सुंदर।🌻

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय शिवम जी, नमस्ते👏! आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ। सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Ravindra Singh Yadav said...

नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (03-05 -2021 ) को भूल गये हैं हम उनको, जो जग से हैं जाने वाले (चर्चा अंक 4055) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है।

चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

PRAKRITI DARSHAN said...

लो इस कोरोना काल में अजनबी बन जाएं हम दोनों।---समय के अनुसार मूल विषय पर लेखन।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय रवींद्र जी, नमस्ते👏! मेरी रचना को 03-05 के चर्चा अंक के शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार व्यक्त करता हूँ। सादर!--ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय संदीप कुमार शर्मा जी, नमस्ते👏!
मेरी रचना की सराहना कर आपने मेरा उत्साहवर्धन किया है, उससे में अभिभूत हूँ। सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Prakash Sah said...

जी बढ़िया है...

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय प्रकाश जी, सुप्रभातं !👏! सराहना के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

जिज्ञासा सिंह said...

बहुत बढ़िया गीत बनाया आपने आदरणीय,इस कोरोना ने सभी को अत्यंत दुखी कर रखा है,उस स्थिति में ये गीत रुचिकर लगा । नमन आपको ।।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया जिज्ञासा जी, नमस्ते👏! आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ। हृदय की गहराइयों से सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

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