#gazal#love
#BnmRachnaWorld
दर्द चेहरे पर उभर आये हैं
दर्द जो दिल में छुपा रखे थे,
आज चेहरे पे उभर आये हैं।
जिन्होंने देने को संभाले रखा था
ये सारे गम, उसी के कुछ बकाये हैं।
लोगों ने साधे इतने निशाने मुझपर,
गिरता नहीं खूँ, इतने तीर खाये हैं।
कैसे कह दूं मैं हँसता ही रहूँगा
आंसू भी तो मेरी आँखों में समाये है।
कहीं भी शबनम सी बिखर जाती हो
कभी झांको मेरे दिल में भी सरमाये हैं।
छुआ था कभी होठों से मेरे होठों को
हम आज भी उसी याद को चिपकाये हैं।
सरमाया - मूलधन, पूंजी।
©ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
तिथि: 11-03-2017, वसई ईस्ट, मुम्बई।
#BnmRachnaWorld
दर्द चेहरे पर उभर आये हैं
दर्द जो दिल में छुपा रखे थे,
आज चेहरे पे उभर आये हैं।
जिन्होंने देने को संभाले रखा था
ये सारे गम, उसी के कुछ बकाये हैं।
लोगों ने साधे इतने निशाने मुझपर,
गिरता नहीं खूँ, इतने तीर खाये हैं।
कैसे कह दूं मैं हँसता ही रहूँगा
आंसू भी तो मेरी आँखों में समाये है।
कहीं भी शबनम सी बिखर जाती हो
कभी झांको मेरे दिल में भी सरमाये हैं।
छुआ था कभी होठों से मेरे होठों को
हम आज भी उसी याद को चिपकाये हैं।
सरमाया - मूलधन, पूंजी।
©ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
तिथि: 11-03-2017, वसई ईस्ट, मुम्बई।
1 comment:
Bahut sundar gazal...aanand aa Gaya...rachanakaar ko sadhuwaad!
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