Followers

Tuesday, January 3, 2017

नए वर्ष का करें अभिनन्दन (कविता)

#bnmpoems
इस वर्ष यानि 2017 के आगमन के पूर्व संध्या पर मैं हैदराबाद के katriya होटल में था। उसी समय मैं होटल के Jioनेट से किसी तरह इस कविता को FB पर पोस्ट कर पाया। लोगों ने इसे काफी सराहा। आपको अच्छा लगे तो अपना मन्तब्य अवश्य दे और इसे शेयर भी करें।

नव वर्ष 2017 के आगमन पर लिखी गयी मेरी ताज़ी कविता...

नए जोश से ओतप्रोत रहे हमारा जीवन,
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन!

कुछ ख़ास मंज़िलें, कुछ ख़ास रास्ते,
कुछ खास कर सकें आप इस जहाँ के वास्ते।
नए मुकाम पर, नए साल का करें  वरण।
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

जीत अगर सको, तो जीतो दुःख को।
मिटा अगर सके तो, मिटाओ भूख को।
नए वर्ष में उत्कर्ष के तय करें नये चरण।
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

हम मना रहे यहां पर  नव  वर्ष की  खुशियां
 और सीमा पर सेनानी झेल रहा है गोलियां
संगीनों के साए में जो तपा रहे तन मन
उनके लिए भी नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

देश लगा है कतार में, बदलाव की है ये दस्तक।
भ्रष्टाचार पर है आघात, अर्थ क्रांति के लिए सजग।
जयजयकार नहीं हम करते, हम इसे करें नमन।
नए उल्लास से नए वर्ष का करें अभिनन्दन।

स्वच्छ हो देश, शुचिता ब्याप्त हो अंदर बाहर
क्लेश, द्वेष मिट जाएँ, स्नेह सिंचन हो आठों प्रहर।
चमन रहे महफूज हमेशा, गूंजता रहे  अज़ान भजन
नए उल्लास से नए वर्ष का करें  अभिनन्दन।
--ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
 तिथि : 31-12-2016.
 संप्रति : हैदराबाद में।

No comments:

पुस्तक समीक्षा - दीवार में एक खिड़की रहती थी

  दीवार में एक खिड़की रहती थी:  पाठकीय विचार  –ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र  विनोद कुमार शुक्ल (अभी उम्र 89 वर्ष) की यह पुस्तक अभी इसलिए चर्चित हो गई...