#BnmRachnaWorld
#Bipin Rawat
परम स्नेही मित्रों,
नमस्कार!👏
सी डी एस विपिन रावत जी के दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में आकस्मिक निधन से हम सब आहत हैं, स्तब्ध हैं। मैं अपने उदगार इन पंक्तियों में व्यक्त करना चाहता हूँ। आपके मन में भी कुछ ऐसे ही भाव उठ रहे होंगे। शायद मेरे इन शब्दों में आप भी अपने भावों की अभिव्यक्ति की अनुगूंज सुन सकें...
वह जहाँ निकल जाता था,
वहसी ब्याघ्र विवर्ण हो जाते थे।
वह जिधर था पाँव बढ़ाता,
गिद्धों के गर्व चूर्ण हो जाते थे।
सिंह के कंधे सा सुपुष्ट
वज्र- सा था कबंध उसका।
भारत माता की रक्षा का
एक ही था अनुबंध उसका।
युद्ध में नेतृत्व जिधर किया
मारा अरि को कीट - पतंगे सा।
भूभागों की रक्षा की उसने,
गगन रंगीन हो उठा तिरंगे - सा।
जबसे वह तीनों सेनाओं
का बना मुख्य सैन्य अधिकारी।
अंतर सैन्य सहयोग बढ़ा,
अजेय सेना बन गयी हमारी।
आदेश दिया,उसने दुश्मन के
खेमे में घुसकर वार करो।
आतंकियों के सारे ठिकाने को
ध्वस्त करो, संहार करो।
दुश्मन देशों के सैन्य बल
काँपते थे उसके उद्घोष से।
सेनाओं में खलबली मची ,
मारक राफेल - ब्रह्मोस् से।
हम उस सेनानी के निधन से
आहत है, पर आंसू नहीं बहाएंगे।
शपथ लेते हैं आज हम
उस जैसा हर सेनानी को बनाएंगे।
©ब्रजेंद्रनाथ √√
मेरे यूट्यूब चैनल marmagya net के इस लिंक पर ऊपर दी गयी कविता को अवश्य सुनें...सादर आभार!
https://youtu.be/LB5hxz1kOx0
13 comments:
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१०-१२ -२०२१) को
'सुनो सैनिक'(चर्चा अंक -४२७४) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
आदरणीया अनिता सैनी जी, नमस्ते👏! मेरी इस रचना को चर्चा अंक - 4274 में चयनित करने के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
हम उस सेनानी के निधन से
आहत है, पर आंसू नहीं बहाएंगे।
शपथ लेते हैं आज हम
उस जैसा हर सेनानी को बनाएंगे।
बहुत सटीक अभिव्यक्ति।
आदरणीया ज्योति जी, उत्साहवर्धन के लिए हॄदय की गहराइयों से साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ
हम उस सेनानी के निधन से
आहत है, पर आंसू नहीं बहाएंगे।
शपथ लेते हैं आज हम
उस जैसा हर सेनानी को बनाएंगे।
मार्मिक अभिव्यक्ति सर,सत सत नमन उन वीरों को 🙏
आदरणीया कामिनी जी, सकारात्मक टिप्पणी के लिए हृदय तक से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति सर।
सैनिकों को श्रद्धापुष्प अर्पित करने वाले हर आँख नम हैं।
नमन।
सादर।
बेहद हृदयस्पर्शी सृजन।
आदरणीया अनुराधा जी, उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
आदरणीया श्वेता सिन्हा जी, सचमुच यह अपूरणीय क्षति है। मेरी रचना की सराहना के लिए हॄदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
अश्रु पूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए भी मन गर्व से आलोकित है ।
क्षति अपूरणीय है,नमन नमन नमन।🙏🏼
आदरणीया, आपने सही लिखा है कि मन गर्व से आलोकित है। मेरी कविता पर सुंदर प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
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