#BnmRachnaWorld
#magahi #मगही काविता N
चैत में
निमवा के पतिया, निमन लगs हइ,चैत में।
सहजन के सहेज के रख लिह चैत में,
पीली घंटी के फुलवा
गोकर्ण के सफेद, गुलाबी
आउर बैंगनी रंग चैत में।
गंधराज के सफेद रंग भाव हइ चैत में।
लाल पैगोडा के लाल रंग,
विरुचि के लाल, सफेद
पीला आउर गुलाबी रंग
बेला के सफेद रंग भरमाव हइ चैत में।
अमावां के टिकोरवा, इमलिया के खटतुरुष
स्वाद मन - भाव s हइ चैत में।
भोरे भिनुसरवा ,
अमवां के बगिया में,
कोयलिया के कुहू कुहू
सुतल पियवा के,
जगावs हइ चैत में।
पिपरा के पतवा जैसन मनवा कांप हइ,
हियरा में हिलकोर उठाव हइ चैत में।
गर्मी में लू के थपेड़न से
सत्तू और अमवां के स्वाद ,
पियास मिटावs हइ चैत में।
राम भक्त के टोली, हनुमान भक्त के बोली
रामनवमी में जोश जगावs हइ चैत में।
देवी मइया के अंचरा में
भक्त लोग के जियरा
नेह से सराबोर ठौर पावs हइ चैत में।
नेह से सराबोर ठौर पावs हइ चैत में।
©ब्रजेंद्रनाथ
14 comments:
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(२२-०४ -२०२२ ) को
'चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं'(चर्चा अंक-४४०८) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
वाह! चैत की सुगंध जैसे हवाओं में भर गयी हो, सुंदर लोक रचना
आदरणीया अनिता जी, नमस्ते👏! एक अंतराल के बाद ब्लॉग लिख पा रहा हूँ। आपने आज शुक्रवार, 22 अप्रैल के चर्चा अंक के लिए मेरी रचना का चयन किया, इसके लिए हृदय तल से आभार! सादर!
आदरणीया अनिता जी, मेरी रचना आपको पसंद आई, मेरा प्रयास सफल हुआ। आपके सराहना के शब्दों से ऊर्जस्वित हूँ। सादर आभार!
आंचलिक भाषा में चेत का गुणगान....बहुत ही सुंदर मधुर गीत,बहुत दिनों बाद आपकी कविता पढ़कर अच्छा लगा,सादर नमन आपको
गर्मी में लू के थपेड़न से
सत्तू और अमवां के स्वाद ,
पियास मिटावs हइ चैत में।
..बहुत सुन्दर तभी तो चैत में मैत की बड़ी याद आती है
आदरणीया कविता रावत जी, नमस्ते👏! आपकी सराहना के शब्द सृजन के लिये मुझे प्रेरित करते रहेंगे। सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, नमस्ते👏! मेरी इस रचना के लिए आपके उत्साहवर्धक उदगारों से अभिभूत हूँ। सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
वाह! आनंद आ गया!
सुंदर अभिव्यक्ति,वाह वाह वाह!
आदरणीय ओंकार जी, नमस्ते👏!मेरी रचना की सराहना के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
आदरणीय विश्वमोहन जी, नमस्ते👏!आपके स्नेहिल उदगारों के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
वाह । चैत का श्रृंगार करती सुंदर आंचलिक रचना । बधाई आदरणीय।
आदरणीया जिज्ञासा जी, आपके सराहना के शब्द सृजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे। सादर आभार!👏! --ब्रजेंद्रनाथ
Post a Comment