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सत्य शोधित मन हो मेरा |
शिव समर्पित तन हो मेरा
उदधि में अथाह हो जल,
पतवार तू चलाता चला चल।
उठती लहरों से डरो मत
बाजुओं में भरो हिम्मत।
उत्साह भर नाविक बढ़ो,
पास देखोगे किनारा।
बढ़ चलो...
गीता ज्ञान का नित्य चिंतन
नीति पथ पर धर चरण।
अविद्या - तम का हो विनाश,
सत्य का फैला हो प्रकाश।
जीना उसी का है सार्थक,
जिसने इन्हें जीवन में उतारा।
बढ़ चलो प्रगति पथ पर
हो तेरा संकल्प न्यारा।
शिव समर्पित तन हो मेरा,
सत्य शोधित मन हो मेरा।
तपस्वी की हो तितीक्षा,
प्रखरता की हो परीक्षा।
कल्याणकारी पथ के राही
चलो निरंतर सबका प्यारा।
बढ़ चलो प्रगति पथ पर
हो तेरा संकल्प न्यारा।
ताम्र पात्र में भर गंगाजल
चल काँवरिया चल चला चल.
बोल बम का स्वर निनादित,
अभिषेक का बीते न पल.
शिव शंभू, औघड़ दानी
देंगे हर पल तुझे सहारा.
बढ़ चलो...
सावन में हो रुद्राभिषेक
शंभू की होंगी कृपा विशेष
दूर होंगी सब बाधाएं
लक्ष्य पर दृढ हो निगाहें.
शिव आराधन में मगन मन
दृष्टि पथ में ध्रुवतारा.
बढ़ चलो...
©ब्रजेन्द्र नाथ
मेरी आवाज में इस रचना को मेरे यूट्यूब चैनल "marmagya net" के इस लिंक पर सुनें :
https://youtu.be/PkgIw7YRzyw
15 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-07-2022) को "काव्य का आधारभूत नियम छन्द" (चर्चा अंक--4506) पर भी होगी।
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कृपया अपनी पोस्ट का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय, सादर नमस्कार 🙏❗️मेरी इस रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार!-- ब्रजेन्द्र नाथ
भक्तिभाव से पूर्ण सुंदर सृजन
आदरणीया अनीता जी, नमस्ते 🙏❗️आपके सराहना के शब्द सृजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे. सादर आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
शिव समर्पित तन हो मेरा,
सत्य शोधित मन हो मेरा।
बहुत ही सुन्दर सन्देश देती भावपूर्ण अभिव्यक्ति आदरणीय सर 🙏
सादर नमस्कार सर।
बहुत सुंदर भक्तिमय अभिव्यक्ति सराहनीय।
सादर
आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, नमस्ते 🙏❗️आपके उत्साहवर्धक उदगारों से अभिभूत हूँ. हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीया अनीता सैनी जी, नमस्ते 🙏❗️ आपके सराहना के शब्द मुझे सृजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे.
सुंदर रचना
हार्दिक आभार, आदरणीय ओंकार जी!
कृपया इस लिन्क पर मेरी रचना मेरी आवाज में सुनें, चैनल को सब्सक्राइब करें, कमेंट बॉक्स में अपने विचार अवश्य दें! सादर!
https://youtu.be/PkgIw7YRzyw
ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीय ओंकार जी, मेरी रचना पर सकारात्मक टिप्पणी देने के लिए हार्दिक आभार!
कृपया इस लिन्क पर मेरी रचना मेरी आवाज में सुनें, चैनल को सब्सक्राइब करें, कमेंट बॉक्स में अपने विचार अवश्य दें! सादर!
https://youtu.be/PkgIw7YRzyw
ब्रजेन्द्र नाथ
"अविद्या - तम का हो विनाश, सत्य का फैला हो प्रकाश", यही मूल मंत्र होना चाहिये हमारे जीवन का
सुंदर रचना । जय शंभू ।
आदरणीय सुनील दीपक जी, नमस्ते 🙏❗️ मेरी रचना के बारे में व्यक्त आपके उत्साहवर्धक विचारों से अभिभूत हूँ. मेरी ब्लॉग पर अन्य रचनाओं को पढ़कर अपने विचार अवश्य दें. मेरी यूट्यूब चैनल पर जाएँ और मेरी रचनाओं को सुनें/ देखें. हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीय आदर्श कुमार पटेल जी,नमस्ते 🙏❗️ मेरी रचना के बारे में व्यक्त आपके उत्साहवर्धक विचारों से अभिभूत हूँ. मेरी ब्लॉग पर अन्य रचनाओं को पढ़कर अपने विचार अवश्य दें. मेरी यूट्यूब चैनल पर जाएँ और मेरी रचनाओं को सुनें/ देखें. हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
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