विश्वकर्मा भगवान का वंदन
सृष्टि के प्रथम शिल्पी का करते हैं अभिनन्दन।
हाथ जोड़ विश्वकर्मा भगवान का करते हैं हम वंदन।
आपने शिल्प कर्म को कौशल की आभा दी है,
श्रमवीरों को स्वाभिमान से जीने की श्लाघा दी है।
इस जगत में सर्वत्र व्याप्त, आपकी सुंदर संरचना,
निर्माण हुआ या हो रहा, सब आपकी ही है प्रेरणा।
धर्म पथ पर बढ़ चलें हम, शुद्ध हो मेरे आचरण,
सृष्टि के प्रथम शिल्पी का करते हैं अभिनन्दन।
हाथ
जोड़ विश्वकर्मा भगवान का करते हैं हम वंदन।
ब्रह्मांड सारा आपसे गतिमान है पथ पर अपना,
आपसे ही जीवों का पूरा हो रहा घर का सपना।
सारी संरचनाओं में साकार हो रही आपकी प्रेरणा,
जग का विस्तार आपसे है, है निर्माण की कल्पना.
प्रगति पथ प्रशस्त करता, बढ़ते चले मेरे चरण।
सृष्टि के प्रथम शिल्पी का करते हैं अभिनन्दन।
हाथ जोड़ विश्वकर्मा भगवान का करते हैं हम वंदन।
ब्रह्माण्ड में तेरा ही राज, भक्तों की रखना तू लाज,
भाव मैं अर्पित करूँ, झुके नहीं कभी सच का ताज।
हम अभिमानी, मूर्ख, पूजा विधि से हैं अनजान.
अपनी शरण में ले लो प्रभु, हम तेरी ही हैं संतान।
बढ़ें चले प्रगति पथ पर, करके तेरा स्मरण.
सृष्टि के प्रथम शिल्पी का करते हैं अभिनन्दन।
हाथ जोड़
विश्वकर्मा भगवान का करते हैं हम वंदन।
©ब्रजेन्द्रनाथ
यूट्यूब लिंक :
https://youtu.be/unyI6v1UDQM
8 comments:
सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-9-22} को विश्वकर्मा भगवान का वंदन" (चर्चा अंक 4555) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
आदरणीया कामिनी सिन्हा जी,नमस्ते 🙏❗️ मेरी s रचना को कल क़े चर्चा अंक में सम्मिलित करने क़े लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
सृष्टि के प्रथम शिल्पी, अभियंता के अभिनंदन में सुंदर पावन सृजन।
विश्वकर्मा पूजा पर अनंत शुभकामनाएं 🌹🌹
बेहतरीन रचना
बहुत सुन्दर
आदरणीया कुसुम कोठारी (मन की वीणा)जी, नमस्ते 🙏❗️आपके सराहना क़े शब्दों से अभिभूत हूँ. हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीया अभिलाषा जी, नमस्ते 🙏❗️ मेरी रचना पर आपके विचार सृजन क़े लिए प्रेरित करते हैं. सादर आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीय ओंकार जी,नमस्ते 🙏❗️मेरी रचना पर आपके विचार प्रेरित करते है.हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
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