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नाविक ले चल पार
उदधि है अपार, असीम है विस्तार,
नाविक ले चल पार, नाविक ले चल पार!
आँधी में, हवाओं में कैसे तेरा बस चले?
धाराएँ प्रतिकूल हों, कैसे तेरा बस चले?
हिम्मत भरो अपार, नाविक चलो उस पार!
नाविक ले चल पार, नाविक ले चल पार!!
नाव चलाओ साथी मेरे, लहरों से चलो खेलें,
उमंगों की ऊंचाइयों पर, उर के बंध खोलें।
नेह - रथ पर सवार, नाविक चलो उस पार!
नाविक ले चल पार, नाविक ले चल पार!!
क्षितिज पर इंद्रधनुष, रंगों का लगा मेला है,
साथी चलो मेघ संग, बूंदों का लगा रेला है।
किसका है इंतजार, नाविक चलो उस पार!
नाविक ले चल पार, नाविक ले चल पार!!
तप्त ह्रदय आँगन में, स्नेह की बौछार करो,
प्लावित हो जाये मन, तृप्ति का संचार करो.
खिल जाये बहार, नाविक चलो उस पार.
नाविक ले चल पार, नाविक ले चल पार.
लहरों के पार लक्ष्य है, तूफानों से क्या डरना है,
आगे बढ़ते जाना है, मंजिल पर ही दम लेना है.
टूटे ना जोश का तार, नाविक चलो उस पार.
नाविक ले चल पार, नाविक ले चल पार.
@ब्रजेन्द्र नाथ
कविता मेरी आवाज में इस लिंक पर सुनें :
https://youtu.be/E62rpJNb_Ak
10 comments:
सुंदर गीत, भूपेन हज़ारिका की याद दिला रहा है
आदरणीया अनिता जी, नमस्ते 🙏❗️
आपने सही लिखा है. यह गीत भूपेंन हजारिका को एक ट्रिब्यूट है. आपकी टिप्पणी बहुत सार्थक है. मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार!🙏❗️
कृपया मेरे ब्लॉग marmagyanet.blogspot.com पर "पिता" पर लिखी मेरी कविता और मेरी अन्य रचनाएँ भी अवश्य पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं.
पिता पर लिखी इस कविता को मैंने यूट्यूब चैनल पर अपनी आवाज दी है. उसका लिंक मैंने अपने ब्लॉग में दिया है. उसे सुनकर मेरा मार्गदर्शन करें. सादर आभार ❗️ --ब्रजेन्द्र नाथ
सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (6-11-22} को "करलो अच्छे काम"(चर्चा अंक-4604) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, नमस्ते 🙏❗️
मेरी इस रचना को कल 6 नवंबर के चर्चा अंक - 4604 के लिए चयनित करने के हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ. सादर!--ब्रजेन्द्र नाथ
सुंदर रचना
आदरणीय ओंकार जी, नमस्ते 🙏❗️ सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार ❗️
कृपया मेरे ब्लॉग marmagyanet.blogspot.com पर "पिता" पर लिखी मेरी कविता और मेरी अन्य रचनाएँ भी अवश्य पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं.
पिता पर लिखी इस कविता को मैंने यूट्यूब चैनल पर अपनी आवाज दी है. उसका लिंक मैंने अपने ब्लॉग में दिया है. उसे सुनकर मेरा मार्गदर्शन करें. सादर आभार ❗️ --ब्रजेन्द्र नाथ
वाह-वाह...बहुत बेहतरीन।
आदरणीय सर,नमस्ते 🙏❗️आपसे अनुमोदन मिलना, मेरे लिए पुरस्कार के समान है. आपका ह्रदय तल से आभार!
बहुत ही सुन्दर रचना
आदरणीया अभिलाषा जी, नमस्ते 🙏❗️
आपके सराहना के शब्द मुझे सृजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे. सादर आभार!--ब्रजेन्द्र नाथ
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