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अटल होते आज अगर
पीर पंजाल का नाम होता
पञ्चालधारा पर्वत माला?
पी ओ जे के होता भारत में,
गिलगिट पर फहराता तिरंगा निराला?
अटल होते आज अगर
रग रग हिन्दू मेरा परिचय,
भारत का वेद वाक्य होता
सत्य सनातन ही
देश का अभिनव साक्ष्य होता.
अटल होते आज अगर
धर्म कोई भी ना होता
देशधर्म ही होता धर्म एकमात्र.
विपक्ष भी क्या होता सुसंस्कृत,
धर्म रक्षित, होता सुपात्र?
अटल होते आज अगर
जनसंख्या नियंत्रण पर
क्या बदलता संविधान ?
क्या होता एन आर सी पर
विस्तृत और संशोधित विधान?
अटल होते आज अगर
क्या चुनाव प्रक्रिया में
होता व्यापक सुधार?
क्या निर्वाचितों को वापस
बुलाने का मिलता अधिकार?
अटल होते आज अगर
क्या कानूनों में होता
आमूल चूल परिवर्तन?
क्या गुलाम भारत के कानूनों
का समाप्त होता चलन?
अटल होते आज अगर
क्या मदरसों के विद्यालयों
में भी लागू होती राष्ट्रीय शिक्षा नीति?
क्या पूरे भारत में एक सिलेबस
से होते सभी विद्वान और ना होती राजनीति?
ये सभी सवाल तब भी होते
आज भी खोज रहे हैं उत्तर.
देश को विकास के पथ पर
ले जाने को हो अगर तत्पर.
©ब्रजेन्द्र नाथ
9 comments:
अटल जी को विनम्र श्र्द्धांजलि!
आदरणीया अनीता जी, नमस्ते 🙏❗️मेरी इस रचना के द्वारा अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए सादर, स्नेहिल आभार ❗️-ब्रजेन्द्र नाथ
इन प्रश्नों के उत्तर तो न तब थे जब अटल जी थे । और शायद अभी भी नहीं हैं । हमारे नेताओं ने संविधान को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है ।
प्रश्न करती अच्छी रचना । अटल जी को सदर नमन ।
सादर *
बहुत सुंदर रचना 👌👌
अटल जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि 🙏
आदरणीया संगीता स्वरुप जी, नमस्ते 🙏❗️
आपने अटल जी के माध्यम से मेरी इस रचना में उठाये गए प्रश्नों को पढ़ा और उनके उत्तर खोजने पर ध्यानाकर्षित हुए, मुझे अपनी रचना का पुरस्कार मिल गया. ह्रदय तल से आभार 🌹❗️--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीया रूपा सिंह जी, नमस्ते 🙏❗️आपके व्यक्त किए गए उदगार मुझे सृजन के लिए प्रेरित करते रहेंगे. ह्रदय तल से आभार ❗️--ब्रजेन्द्र नाथ
बहुत सुंदर रचना चिंतनपरक प्रश्न
नमन अटल जी को ।
आदरणीया सुधा देवरानी जी, नमस्ते 🙏❗️आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ. ह्रदय तल से आभार 🌹❗️--ब्रजेन्द्र नाथ
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