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#दुर्गामाँकविता
माता हमको वर दे
माता हमको वर दे।
नयी ऊर्जा से भर दे ।
हम हैं बालक शरण तुम्हारे,
हम अबोध हैं, प्यारे - प्यारे।
आत्मशुद्धि पर हो ध्यान हमारा,
बुद्धि मेरी प्रक्षालित कर दे ।
माता हमको वर दे।
शक्ति दो कि हम हों बलवान,
भक्ति दो कि हम हैं नादान।
अंतरतम के गह्वर में
साधना - बल प्रखर दे।
माता हमको वर दे ।
माँ, तुझमें ब्रह्माण्ड लय है,
तेरे भ्रूभंग में विकट प्रलय है।
जीवन में सतत प्रगति का,
भाव सदा तू भर दे ।
माता हमको वर दे ।
मेरी त्रुटियों को दूर करो,
मेरी कमियों को दूर करो।
मैं अपने देश का मस्तक,
उन्नत करूँ, बल भर दे।
माता हमको वर दे ।
राष्ट्रप्रेम की उत्कट इच्छा,
अग्नि पथ पर प्रबल परीक्षा।
कोई विपदा आ जाये तो
रण नाद का वारिद स्वर दे।
माता हमको वर दे।
©ब्रजेन्द्र नाथ
11 comments:
वाह
माँ से सुंदर प्रार्थना
बहुत सुंदर रचना
माँ की ममता सब पर बनी रहे
बहुत सुंदर
प्रिय रवीन्द्र जी को मेरी रचना को पाँच लिंको के आनंद में स्थन देने के लिए हार्दिक आभार ❗आज व्यस्तता के कारण थोड़ा विलम्ब से पटल पर आया हूँ. मैं सभी रचनाओं को अवश्य पढूँगा. सादर 🙏❗
आदरणीय सुनील कुमार जोशी जी, उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार 🙏❗
आदरणीया अनिता जी, उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार 🙏❗--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीय हरीश कुमार जी, उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार 🙏❗--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीय गगन शर्मा जी, उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार 🙏❗--ब्रजेन्द्र नाथ
आदरणीय ओंकार जी, उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार 🙏❗--ब्रजेन्द्र नाथ
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