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Monday, September 7, 2020

सीमा पर सजग जवान हैं (कविता)

 #BnmRachnaWorld

#patrioticpoem


यह कविता शुद्ध साहित्यिक रचनाओं के मेरे यूट्यूब चैनल marmagya net के नीचे दिए गए लिंक पर जाकर सुनें, चैनल को सब्सक्राइब करें, यह बिल्कुल फ्री है।

Link: 

https://youtu.be/jPpIzovZ5oA










सीमा पर सजग जवान हैं


आँखें नहीं दिखा सकता
सीमा पर सजग जवान हैं।

आँधी हो, बादल गरजे
या बारिश तूफान हो।
बर्फीली बह रही हवाएं,
टूटता हिम - चट्टान हो।

सांसें अर्पित हैं मेरी माँ
तेरे लिए ही जान है।
आँखें नहीं दिखा सकता
सीमा पर सजग जवान हैं।

कदम बढ़ाऊंगा मैं आगे,
उबल रहा है उष्ण खून,
गंध मधुर अब रोक नहीं,
काँटों में बोने चला प्रसून।

फर्ज पुकार रहा माँ का
मुट्ठी में सारा जहान है।
आँखें नहीं दिखा सकता
सीमा पर सजग जवान हैं।

रेतीले ऊँचे टीले हों, या
आँधी में हो भरी धूल।
दूर तलक है नजर हमारी,
वैरी विनष्ट होगा समूल।

दुश्मन की हर चाल से
नहीं कभी अनजान हैं।
आँखें नहीं दिखा सकता
सीमा पर सजग जवान हैं।

देश के नेताओं से कह दो,
लोकतंत्र में है विश्वास।
तो राष्ट्रहित की बात करें,
जनता में फैले उल्लास।

जयचंदों को पकड़, बता दे,
उनकी जगह श्मशान हैं।
आँखें नहीं दिखा सकता
सीमा पर सजग जवान हैं।

©ब्रजेन्द्रनाथ

14 comments:

विकास नैनवाल 'अंजान' said...

भावपूर्ण कविता....सीमा पर जवानों की सजकता के कारण ही हम लोग आराम से सो पाते हैं....

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय विकास नैनवाल "अंजान" जी, नमस्ते! आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ। आपका हृदय तल से आभार। आपका नाम मैन अपने ब्लॉग के रीडिंग लिस्ट में जोड़ दिया है। आप भी मेरा ब्लॉग का लिंक: marmagyanet.blogspot.com अपने रीडिंग लिस्ट में जोड़ दें। आप मेरे ब्लॉग की अन्य रचनाओं पर भी अपने बहुमूल्य विचारों से अवश्य अवगत कराएँ।
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https://youtu.be/Q2FH1E7SLYc
ब्रजेन्द्रनाथ

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर और सारगर्भित।

Rakesh said...

बहुत सुंदर

दिगम्बर नासवा said...

देश प्रेम के ओजस्वी भाव से परिपूर्ण रचना ...
हर छंद लाजवाब ...

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय डॉ रूपचंद्र शास्त्री "मयंक" सर, आपके उत्साहवर्धक उदगार मेरे लिए पारितोषिक की तरह है। सादर आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय हिंदी गुरु जी, मेरी इस रचना की सराहना के लिए हृदय तल से आभार!-- ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय दिगंबर नासवा जी, आपके सकारात्मक और उत्साहवर्धक उदगार के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल said...

आपका ब्लॉग विविधताओं से परिपूर्ण है, सिर्फ मुग्धता ही मुग्धता, मेरे ब्लॉग में पधारने हेतु आपका आभार - - नमन सह।

virendra sharma said...

Good imagery the tough 24x7 alertness where there is hairline distance between death and life but for the nation ,they are by choice and determiantion .

गोपेश मोहन जैसवाल said...

बहुत सुन्दर !

वीर तुम बढे चलो !

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी, नमस्ते👏!आपके उत्साहवर्धक उदगारों से अभिभूत हूँ। आपका हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय वीरेंद्र शर्मा जी, नमस्ते👏!आपके इंग्लिश में व्यक्त किये गए उत्साहवर्धक उदगारों से अभिभूत हूँ। आपका हॄदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय शांतनु सान्याल जी, नमस्ते👏!मेरे ब्लॉग को विजिट करने के लिए आपका हृदय तल से आभार!सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ

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