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Friday, February 25, 2022

हाथों में जुगनू उगाते है

 #BnmRacbnaWorld

#motivationalpoem

#jugnuugatehain






(एक ग़ज़लनुमा कविता)

जुगनू उगाते हैं


चलो हाथों में कुछ जुगनू उगाते है,

रेखाओं से परे, किस्मत जगाते हैं।


उन्हीं तस्वीरों पर रोया करते है लोग,

जीवन में जो दूसरों के काम आते है।


कोई तो सूरत होगी इस भीड़ में कहीं,

जिन आंखों से आप आंखें मिलाते हैं।


मैं भटकता हूँ नहीं, तिश्नगी में कहीं,

होगा कोई, जो प्यासे के पास जाते हैं।


कुछ लोग तो होंगे सफर में ऐसे भी,

जो दूसरों का बोझ अपने सर उठाते हैं।


चलो हाथों में कुछ जुगनू उगाते है,

रेखाओं से परे, किस्मत जगाते हैं।


©ब्रजेंद्रनाथ



11 comments:

शिवम कुमार पाण्डेय said...

वाह।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय रवींद्र जी, मेरी रचना को 27 फरवरी के चर्चा अंक के लिए चयनित करने पर हृदय से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय शिवम पाण्डेय जी, मेरी रचना की सराहना के लिए हॄदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

विश्वमोहन said...

वाह! लाजवाब रचना! सही कहा,

"उन्हीं तस्वीरों पर रोया करते है लोग,

जीवन में जो दूसरों के काम आते है।"

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय विश्वमोहन जी, आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ। हृदय तल से आभार!

Satish Saxena said...

बहुत खूब , बधाई आपको !

Marmagya - know the inner self said...

प्रिय सतीश जी,आपकी सराहना के स्नेहिल शब्दों से अभिभूत हूँ। हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

कुछ लोग तो होंगे सफर में ऐसे भी,

जो दूसरों का बोझ अपने सर उठाते हैं।

लाजवाब ग़ज़ल । काश जुगनू उगा ही लेते ।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया संगीता स्वरूप (गीत) जी नमस्ते!👏! आपने मेरी इस रचना पर बहुत अच्छी टिप्पणी दी है। आपके उत्साहवर्धन के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

रेणु said...

चलो हाथों में कुछ जुगनू उगाते है,
रेखाओं से परे, किस्मत जगाते हैं।
उन्हीं तस्वीरों पर रोया करते है लोग,
जीवन में जो दूसरों के काम आते है।//
हरेक शेर अपने भीतर एक कहानी छिपाये हुये है।भावपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए बधाई और शुभकामनाएं आदरनीय सर 🙏

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया रेणु जी,मेरी इस रचना पर आपकी सटीक और सार्थक सराहना से अभिभूत हूँ। हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

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