#BnmRachnaWorld
#2020greetingspoem
परमस्नेही मित्रों,
मैं शुद्ध साहित्यिक रचनाओं के अपने चैनल "marmagya net" के इस एक वर्ष के सफल सफर के लिए अपने सभी श्रोताओं और दर्शकों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। आपका स्नेह और जुड़ाव बना रहे यही मेरी कामना है। आज, 2019 में किये अपने शुभकार्यों का विश्लेषण और उपलब्धियों पर आनन्दित होने का दिन है तो आगे आने वाले वर्ष के लिए नए लक्ष्यों और ध्येयों के लिए संकल्पित होने का दिन है।
नव वर्ष के अभिनंदन के लिए मेरी यह कविता प्रस्तुत है:
नव वर्ष अभिनन्दन!
नवीन कल्पना, नवीन साधना
नवीन प्रेरणा, नवीन स्पंदन।
नव वर्ष अभिनन्दन।
नव प्रीत हो, नव मीत हो,
मुस्कान हो हर होठ पर,
और ख़ुशी के गीत हो।
नव उपासना, नवीन प्रार्थना,
नव प्रभात का हो नवीन वंदन,
नव वर्ष अभिनन्दन।
नव स्पर्श हो, नव हर्ष हो
नए शिखर कि ओर, नवीन उत्कर्ष हो
नयी फुहार हो, नयी बहार हो ,
नयी पौध का हो नवीन सिंचन।
नव वर्ष अभिनन्दन।
नए क्षितिज की ओर नयी उड़ान हो
नए आयाम के लिए
प्रण महान हो
किसी गली में न हो
उदास बचपन।
नव वर्ष अभिनन्दन।
न मन निराश हो, न दिल हताश हो,
स्फूर्ति हो तन में, नवीन स्वांश हो,
न हो अत्याचार, न हो बलात्कार,
न खौफ हो मन में,
न लगे कहीं ग्रहण।
नव वर्ष अभिनन्दन।
न आक्रोश हो, न विध्वंश हो,
न अग्नि की ज्वाला हो, न विभेद का दंश हो।
न युवाओं को दिग्भमित करने का षडतंत्र हो,
न राष्ट्र चेतना में विष का अंश हो।
देश निर्माण के लिए सजग हों सभी,
विजय पथ पर हो, सतत ऊर्ध्व गमन।
नाव वर्ष अभिनंदन! नव वर्ष अभिनन्दन!
©ब्रजेंद्रनाथ
आज रात्रि 2019 के कैलेंडर का अंतिम पृष्ठ उतरते ही 2020 के नए पृष्ठ का उजास झांकता नजर आएगा। इस नए वर्ष के अभिनन्दन के लिए आप मेरी कविता मेरी आवाज में YouTube चैनल के इस लिंक पर सुनें:
Link: https://youtu.be/vg2QltoOXdY
#2020greetingspoem
परमस्नेही मित्रों,
मैं शुद्ध साहित्यिक रचनाओं के अपने चैनल "marmagya net" के इस एक वर्ष के सफल सफर के लिए अपने सभी श्रोताओं और दर्शकों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। आपका स्नेह और जुड़ाव बना रहे यही मेरी कामना है। आज, 2019 में किये अपने शुभकार्यों का विश्लेषण और उपलब्धियों पर आनन्दित होने का दिन है तो आगे आने वाले वर्ष के लिए नए लक्ष्यों और ध्येयों के लिए संकल्पित होने का दिन है।
नव वर्ष के अभिनंदन के लिए मेरी यह कविता प्रस्तुत है:
नव वर्ष अभिनन्दन!
नवीन कल्पना, नवीन साधना
नवीन प्रेरणा, नवीन स्पंदन।
नव वर्ष अभिनन्दन।
नव प्रीत हो, नव मीत हो,
मुस्कान हो हर होठ पर,
और ख़ुशी के गीत हो।
नव उपासना, नवीन प्रार्थना,
नव प्रभात का हो नवीन वंदन,
नव वर्ष अभिनन्दन।
नव स्पर्श हो, नव हर्ष हो
नए शिखर कि ओर, नवीन उत्कर्ष हो
नयी फुहार हो, नयी बहार हो ,
नयी पौध का हो नवीन सिंचन।
नव वर्ष अभिनन्दन।
नए क्षितिज की ओर नयी उड़ान हो
नए आयाम के लिए
प्रण महान हो
किसी गली में न हो
उदास बचपन।
नव वर्ष अभिनन्दन।
न मन निराश हो, न दिल हताश हो,
स्फूर्ति हो तन में, नवीन स्वांश हो,
न हो अत्याचार, न हो बलात्कार,
न खौफ हो मन में,
न लगे कहीं ग्रहण।
नव वर्ष अभिनन्दन।
न आक्रोश हो, न विध्वंश हो,
न अग्नि की ज्वाला हो, न विभेद का दंश हो।
न युवाओं को दिग्भमित करने का षडतंत्र हो,
न राष्ट्र चेतना में विष का अंश हो।
देश निर्माण के लिए सजग हों सभी,
विजय पथ पर हो, सतत ऊर्ध्व गमन।
नाव वर्ष अभिनंदन! नव वर्ष अभिनन्दन!
©ब्रजेंद्रनाथ
आज रात्रि 2019 के कैलेंडर का अंतिम पृष्ठ उतरते ही 2020 के नए पृष्ठ का उजास झांकता नजर आएगा। इस नए वर्ष के अभिनन्दन के लिए आप मेरी कविता मेरी आवाज में YouTube चैनल के इस लिंक पर सुनें:
Link: https://youtu.be/vg2QltoOXdY
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