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Thursday, April 16, 2020

मिला नव स्पर्श है (कविता)

#BnmRachnaWorld
#poemonmaa




विषय: चित्र आधारित सृजन
चित्र: माँ बच्चे को चूमती हुई।








मिला नव स्पर्श है

शिशु - नयन की भाषा में,
माँ के उल्लसित हृदय में,
संचरित हो रही ममता की
अविचल धार निलय में।
माँ के जीवन की बगिया में छाया नव हर्ष है।
माँ का शिशु की साँसों को मिला नव स्पर्श है।

यह भाषा अलिखित सी,
मौन भी है मुखरित हुआ।
माँ के मुस्कानों में दिखता
शिशु प्रेम पल्लवित हुआ।
पुष्प खिला सुंदर, सर्वत्र आंगन में उत्कर्ष है।
माँ का शिशु की सांसों को मिला नव स्पर्श है।

बालक माँ की पढ़ लेता
प्यार ममत्व की भाषा को।
आनन पर छायी विश्रान्ति
थकान और निराशा को।
माँ के दुलार में ही हमारे जीवन का अर्श है।
माँ का शिशु की सांसों को मिला नव स्पर्श है।

कितना सुकून है माँ के
आँचल में बीते बचपन।
माँ तेरी ममता से सिंचित
हो मेरे प्राणों का पोषण ।
शिशु के सुदृढ आलय का माँ ही तो फर्श है।
माँ का शिशु की सांसों को मिला नव स्पर्श है।

माँ मेरे तू रहती पास
स्नेह की देती शीतल छाँह,
माँ मेरी विघ्नों पर देती,
समाधान की त्वरित सलाह।
माँ तू ही मेरे समस्त जीवन का निष्कर्ष है।
माँ का शिशु की साँसों को मिला नव स्पर्श है।

©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र

1 comment:

अनीता सैनी said...

जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(१८-०४-२०२०) को 'समय की स्लेट पर ' (चर्चा अंक-३६७५) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी

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