#childrenpoem
बच्चों में खुशहाली
लड़का लटका डाल से
मचता रहा धमाल।
बाकी दोस्त ताकते
उसका देख कमाल।।
बच्चे करते तड़ाग में
जमकर जल विहार।
गरमी के इस जलन से
राहत मिलता यार।।
सूरज ऊपर तप रहा,
सोखे ताल तलैया ।
पानी की बूंदे दे दो,
फुदक रही गोरैया ।।
गर्म हवाओं से जल रहे
धरती और गगन।
बाहर निकलने के पहले
ढंके सिर और बदन।।
छाछ पियें, आमरस पीएं,
और पियें जल जीरा।
मस्त मेलन, तरबूज औ'
खाएँ ककड़ी खीरा।
सूखने दो समंदर को,
और बनने दो बादल।
दौड़ लगाएंगे पावस में,
बरसे बूंदे छल छल।।
पेड़ लगाओ धरा में
छा जाए हरियाली।
पर्यावरण निर्मल हो,
बच्चों में खुशहाली ।।
©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र
मचता रहा धमाल।
बाकी दोस्त ताकते
उसका देख कमाल।।
बच्चे करते तड़ाग में
जमकर जल विहार।
गरमी के इस जलन से
राहत मिलता यार।।
सूरज ऊपर तप रहा,
सोखे ताल तलैया ।
पानी की बूंदे दे दो,
फुदक रही गोरैया ।।
गर्म हवाओं से जल रहे
धरती और गगन।
बाहर निकलने के पहले
ढंके सिर और बदन।।
छाछ पियें, आमरस पीएं,
और पियें जल जीरा।
मस्त मेलन, तरबूज औ'
खाएँ ककड़ी खीरा।
सूखने दो समंदर को,
और बनने दो बादल।
दौड़ लगाएंगे पावस में,
बरसे बूंदे छल छल।।
पेड़ लगाओ धरा में
छा जाए हरियाली।
पर्यावरण निर्मल हो,
बच्चों में खुशहाली ।।
©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र
2 comments:
बहुत सुन्दर रचना. बधाई.
आदरणीया डॉ जेन्नी शबनम जी, नमस्ते!
मेरी रचना पर उत्साहवर्धक उदगार व्यक्त करने के लिए हृदय तल से आभार! आप मेरी अन्य रचनाएँ भी पढ़कर अपने विचार व्यक्त करें। आपके विचार मेरे लिए बगुमूल्य हैं।--ब्रजेन्द्रनाथ
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