#shivapoem#lordshivadoha
शिव जी पर पांच दोहे
शशि सुशोभित सिर पर है, आशुतोष भगवान।
माथे से गंगा बहे, मुनि जन करते ध्यान।। (1)
अरि का करते नाश हैं, ले कर हाथ त्रिशूल।
शिव करते उद्धार हैं, मिटता विघ्न समूल।। (2)
जाप करें कैलाश पर, ले कर प्रभु का नाम।
ओम-ओम होता रहे, गूँजे आठों याम।। (3)
शंकर भोलेनाथ हैं, जग के पालनहार।
अपने भक्तों का सदा, करते हैं उद्धार।। (4)
शिव का नाम जपे चलो, पास न आये काल।
करेंगें सुरक्षा सबकी, गणदेव महाकाल।। (5)
©ब्रजेन्द्रनाथ
शशि सुशोभित सिर पर है, आशुतोष भगवान।
माथे से गंगा बहे, मुनि जन करते ध्यान।। (1)
अरि का करते नाश हैं, ले कर हाथ त्रिशूल।
शिव करते उद्धार हैं, मिटता विघ्न समूल।। (2)
जाप करें कैलाश पर, ले कर प्रभु का नाम।
ओम-ओम होता रहे, गूँजे आठों याम।। (3)
शंकर भोलेनाथ हैं, जग के पालनहार।
अपने भक्तों का सदा, करते हैं उद्धार।। (4)
शिव का नाम जपे चलो, पास न आये काल।
करेंगें सुरक्षा सबकी, गणदेव महाकाल।। (5)
©ब्रजेन्द्रनाथ
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