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Saturday, July 11, 2020

सावन में सहलाती झड़ी है (कविता) #nature

#BnmRachnaWorld
#poemnarure




















सावन की सहलाती झड़ी

सावन की सहलाती झड़ी है।
बूंदों की लहराती लड़ी है।

मेघों का शामियाना तान,
सजने लगा है आसमान।
सूरज  छुपा ओट में कहीं,
इंद्रधनुष का फैला वितान।

धुल गए जड़ - चेतन, पुष्प,
सद्यःस्नाता लताएं खड़ी हैं।
सावन की सहलाती झड़ी है।
बूंदों की लहराती लड़ी है।

धुल गई धूल -भरी पगडंडी,
चट्टानों पर बूंदें बिखर रहीं।
गूंज उठे कजरी के गीत,
पर्दे के पीछे गोरी संवर रही।

झूले पड़े, अमवाँ की डालों पर
पिक की कूक हूक सी जड़ी है।
सावन की सहलाती झड़ी है।
बूंदों की लहराती लड़ी है।

यक्ष दूर पर्वत पर अभिशप्त
खोज रहा बादल का टुकड़ा।
भेजूं संदेश कैसे प्रिया को?
प्रतीक्षा-रत, म्लान है मुखड़ा।

कंपित है गात, तृषित है मन
आंगन के कोने में बेसुध पड़ी है।
सावन की सहलाती झड़ी है।
बूंदों की लहराती लड़ी है।

मोर के शोर से गूंजित उपवन,
उमंगों का नहीं ओर छोर है।
कृषक चला खेतों की ओर,
बंध चली आशा की डोर है।

आनंद का मेला लगा है,
गाँव की ओर उम्मीदें मुड़ी है।
सावन की सहलाती झड़ी है।
बूंदों की लहराती लड़ी है।

--ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र

10 comments:

Sandeep Murarka said...

सावन की अद्भुत अभिव्यक्ति

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय संदीप मुरारका जी, मेरी रचना की सराहना के लिए हार्दिक आभार! आप जैसे सुधी साहित्यान्वेषी ही इतनी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दे सकते हैं। सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ

Pushpa Sinha said...

सावन की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति इस कविता के माध्यम से की गई है
अति सुन्दर रचना ��

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया पुष्पा सिन्हा जी, आपके सराहना के शब्द नवीन सृजन की प्रेरणा देते रहेंगे। हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

लाजबाब रचना, महोदय।

अनीता सैनी said...

वाह!लाजवाब सृजन आदरणीय सर.
सावन का शब्द चित्र सराहनीय अभिव्यक्ति ....
सादर

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया अनिता जी, मेरी इस रचना पर उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार! आपके उदगारों से सृजन की प्रेरणा मिलती है। --ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय पी सी गोंडियाल 'परचेत'जी, आपके उत्साहवर्धन से अभिभूत हूँ। हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Rakesh said...

लाजवाब रचना

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय राकेश (Hindi Guru) जी, आपके उत्साहवर्धक उदगार नवीन सृजन के लिए ऊर्जस्वित कर देते हैं। हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

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