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Wednesday, September 12, 2018

अमेरिका डायरी, 27-07-2018, इरवाइन यू एस ए में 24 वाँ दिन (Day 24)

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27-07-2018, इरवाइन, यू एस ए में 24 वाँ दिन (Day 24),

लॉस एंजेल्स के अतीत पर नज़र डालें, तो हमें सबसे पहला नाम समुद्री यात्री और खोजी (Maritime explorer), Juan Rodriguez Cabrillo का स्मरण आता है, जो 1542 मेँ स्पैनिश सम्राट के आदेश के तहत कैसे Southern California की धरती पर साम्राज्य स्थापित करते हुए, उत्तर की ओर बढते गए और नए स्पेन के लिये नई कालोनी की स्थापना मेँ सतत प्रयत्नशील रहे। उनके बाद सन 1769 में Gasparade Portola और संत फ्रांसिस ऑफ़ असीसी के क्रिश्चियन अनुयायी, जिन्हें Franciscan कहा जाता है, Juan Crespi के साथ लॉस एंजेल्स पहुँचे। 1771 मेँ Franciscan friar Junipero Serra ने Mission San Gabriel Arcangel, जो इस क्षेत्र में ईसाइयत के प्रचार के लिए पहला मिशन था, की स्थापना की।
सबसे पहले 1781 मेँ इस समूह के 44 settlers ने मिलकर "The town of Our Lady the queen of the Angels of Porceuncula " की स्थापना की। आज इस शहर मेँ अमेरिका का सबसे बड़ा रोम कैथोलिक Archido cese है। इन बसने वालों में दो तिहाई अफ्रीकन और स्थानीय तथा यूरोपियन माता पिता की संतानें थी।
यहाँ दशकों तक उनके आवास मैदान में, खेतों मेँ छोटे-छोटे घरों जैसे ही रहे। आज भी pueblo settlement एक Historical Monument के रूप में लॉस एंजेल्स प्लाजा के रूप में LA के सबसे पुराने सेक्शन में शुमार होता है। यह शहर के केंद्र मेँ स्थित है जो 1781-1821 तक स्पैनिश के अधिकार मेँ, 1821-1847 तक मैक्सिकन के अधिकार मेँ और 1847 के बाद USA काए अधिकार मेँ रहा है।
1850 मेँ जब कैलिफ़ोर्निया USA का हिस्सा बन गाया, LA एक शहर के रूप में विकसित हुआ। 1880-1890 के बीच आबादी 11,200 से 50,400 तक पहुँच गई। जैसे-जैसे शहर बढ़ता गया, ब्यवसायिक और सांस्कृतिक केंद्र यहाँ से दक्षिण की ओर, इस प्लाजा से हटकर, spring स्ट्रीट और main street की ओर बनते चले गए।
प्लाजा और old paeblo (पुराने घरों) के चारो ओर के 44 एकड़ भूमि को ऐतिहासिक पार्क के रूप में विकसित किया गया। इसी मेँ Spring, Macy, Ala meda, Arcadia Streets और Cesar Chavez Boulvard (formerly Sunset Boulevard) स्थित हैं। इस district मेँ Los Angeles Church (1822), Avila Adobe(1818), the Olvera Street Market. और Old Plaza Fire Station (1884) बने हुए हैं। इन सभी पुराने मकानों को सुरक्षित रखते हुए अभी अजायब घरों(Museum) की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
LA के अतीत की इतनी जानकारी देने काए बाद मैं बताता चलूँ कि आज आषाढ़ पूर्णिमा है, जिसे हिन्दू गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। आज ही के दिन महाग्रंथ "महाभारत" के रचयिता ''वेद व्यास' का जन्म हुआ था। इस विशेष दिन को मनाने के लिए हमलोग फिर आज उसी स्टोरनुमा घर के अंदर मूर्तियों की स्थापना कर मन्दिर का रूप दिये गए मन्दिर मेँ गए।
वहाँ गुरू पर्व मनाया जा रहा था। एक तरफ "साईं महाराज, शिरडी वाले" को गुरू के रूप में स्थापित कर उनकी पूजा हो रही थी और घोशणाकार पण्डित जी अंग्रेजी और संस्कृत में उच्चारण कर मन्त्र बोले जा रहे थे। साथ ही पूजा विधि का निर्देश भी दे रहे थे। बीच-बीच मेँ मन्त्रों के संक्षिप्त अर्थ भी बताते चल रहे थे। काफी लोग वहाँ एकत्रित थे। हमलोग 9 बजे तक वहीं रहे। उसके बाद ही घर के लिये वापस चले।
क्रमशः 

1 comment:

Lalita Mishra said...

अमेरिका के स्थानीय इतिहास का सुन्दर वर्णन! अवश्य पठनीय।

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