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Sunday, July 26, 2020

दिलों में बसा लें (कविता) #kargilwar

#BnmRachnaWorld
#kargilwarpoem






















1999 में कारगिल में जीत को  "विजय दिवस" के रूप में मनाए जाने के उपलक्ष्य पर:

बसा ले दिलों में

जो बर्फ की चोटियों पर चढ़ गए,
जो अस्त्र शस्त्र लेकर भिड़ गए।

अरि जो बैठा था टाइगर हिल ऊपर
शस्त्र मशीन गन, छुपा बनाये बंकर।

यह युद्ध था मौसम के उठते तूफान से
यह युद्ध था, विकट तोपो की दहान से।

शत्रु अस्त्र सजाए था बैठा ऊंचाई पर,
सैनिकों पर बरस रहे गोले जब थे वे चढ़ाई पर।

यह युद्ध था लंबा खिंचता जा रहा,
सैनिकों का धैर्य सिमटता जा रहा।

वायु सेना ने बरसाए गोले ठिकानों पर,
दुश्मनों की व्यूह रचना आ गयी निशानों पर।

घेर कर, चढ़कर जीत ली सारी चोटियाँ,
दुश्मन की बिखर गई एक एक बोटियाँ।

पत्थरों पर बिछ गयीं, 
दुश्मन के लाशों की बोरियाँ,
सो गए कुछ वीर, देकर 
अपने प्राणों की आहुतियों।

उनकी शहादत का जश्न मना ले,
आग को सुलगाये रखने के लिये।
आओ उन्हें बसा ले दिलों में, 
देशप्रेम जगायें रखने के लिए।
©ब्रजेंद्रनाथ
इस कविता को मेरी आवाज में मेरे यूट्यूब
चैनल marmagya net के इस लिंक पर सुनें, चैनल को सब्सक्राइब करें, यह बिल्कुल फ्री है: 
https://youtu.be/1nt6MZpsOzg


15 comments:

अनीता सैनी said...

मन को छूता हमेशा ही लाजवाब सृजन होता है आपका आदरणीय सर ।शत-शत नमन 🙏

Marmagya - know the inner self said...

आ अनिता जी, नमस्ते! मेरी रचना पर आपके उत्साहवर्धक उउदगार से अभिभूत हूँ। सादर आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Kamini Sinha said...

सादर नमस्कार,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा मंगलवार (२८-७-२०२०) को
"माटी के लाल" (चर्चा अंक 3776)
पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है

Sawai Singh Rajpurohit said...

Jai hind

Rakesh said...

जय हिन्द जय हिन्द की सेना

Marmagya - know the inner self said...
This comment has been removed by the author.
Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया स्वाति सिंह राजपूत जी, मेरी इस रचना पर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीय हिंदीगुरु (श्रीवास्तव) जी, मेरी रचना पर आपके उदगारों के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, मेरी इस रचना को चर्चा अंक में शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

दिगम्बर नासवा said...

ओजस्वी ... समर्पण निस्वार्थ हर किसी के बस में कहाँ ...
नमन है मेरा अमर बलिदानियों को ...

Marmagya - know the inner self said...

आ दिगंबर नासवा जी, रचना पर सकारात्मक उदगार व्यक्त करने के लिए ह्रदय तल से आभार ! --ब्रजेन्द्र नाथ

Anuradha chauhan said...

बेहतरीन रचना आदरणीय, शहीदों को मेरा नमन।

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया अनुराधा चौहान जी, मेरी रचना पर आप के उत्साहवर्धक उदगार मुझे सृजन की प्रेरणा देते रहेंगें। सादर आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

Satish Saxena said...

वाह, बहुत खूब ..

Marmagya - know the inner self said...

आ संतीश सक्सेना जी,नमस्ते! आपके सकारत्मक विचार मुझे नवीन सृजन की प्रेरणा देते रहेंगे! सादर आभार!--ब्रजेन्द्रनाथ

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