#poemmotivational
तू बाँटता चल अपनी मुस्कराहटें
जो ना मिला तुझे उसका गिला न कर,
जो कुछ मिले किसी से लेता चला चल।
तू बांटता चल सबों से अपनी मुस्कराहटें,
हो सके तो आंसुओं को छुपाता चला चल।
जो लेता दूसरों से याद रख उम्र भर,
जो देता है तू उसे भुलाता चला चल।
तू कुछ दे सका है, ये उसकी नेमत है,
शकून बांटता चल, सौगातें लुटाता चल।
जिंदगी कि परतें कुछ गीत लिख गयीं,
तू राही है उसे गुनगुनाता चला चल।
एक राग - सी फाग में उभर के उठी है,
एक उत्सव है जिंदगी मनाता चला चल।
मिलना बिछड़ना, बिछड़ना फिर मिलना,
सफर का सिलसिला है, भुलाता चला चल।
धुंध छँटी, उग रहा सूरज क्षितिज पर
तमस के कुहे को मिटाता चला चल।
©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र
जो ना मिला तुझे उसका गिला न कर,
जो कुछ मिले किसी से लेता चला चल।
तू बांटता चल सबों से अपनी मुस्कराहटें,
हो सके तो आंसुओं को छुपाता चला चल।
जो लेता दूसरों से याद रख उम्र भर,
जो देता है तू उसे भुलाता चला चल।
तू कुछ दे सका है, ये उसकी नेमत है,
शकून बांटता चल, सौगातें लुटाता चल।
जिंदगी कि परतें कुछ गीत लिख गयीं,
तू राही है उसे गुनगुनाता चला चल।
एक राग - सी फाग में उभर के उठी है,
एक उत्सव है जिंदगी मनाता चला चल।
मिलना बिछड़ना, बिछड़ना फिर मिलना,
सफर का सिलसिला है, भुलाता चला चल।
धुंध छँटी, उग रहा सूरज क्षितिज पर
तमस के कुहे को मिटाता चला चल।
©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र
यूट्यूब लिंक: https://youtu.be/c3wMNDRYiyE
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