#patriotichindipoem
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चीर नापने नभ को
(भारतीय वायुसेना में तीन महिलाओं, अवनि चतुर्वेदी, मोहना सिंह जितवाल, भावना कंठ को 2016 में पहली बार पायलट बनने पर।)
चल पड़ी वह लाँघ देहरी,
चीर नापने नभ को,
अग्नि-दाह से भस्म करने
अरि-समूह-शलभ को।
पहन वेश सेनानी का
वह बनी देश की शान है।
धूल चटाने दुश्मन को
छिड़ा समर - अभियान है।
देखो वह नीले पथ पर,
गगन में भर रहा उडान।
घहरात पवि - सा विराट
स्वर ध्वनित गुंजायमान।
वह वायु-युद्ध की सेनानी,
बरसाएगी अग्निवाण।
भयाक्रांत विवर्ण शत्रु का
मर्दन करेगी मिथ्या मान।
अम्बर में गरजा विमान,
घिर गया गिद्धों का झुंड।
ध्वस्त हुए आतंक - शिविर
बिखर गये उनके नर मुंड ।
शत्रु की छाती का शोणित
रण चंडी बन पान करेगी।
भारत माँ की बिन्दी को
पुत्रियाँ प्रभावान करेगी।
©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र
(भारतीय वायुसेना में तीन महिलाओं, अवनि चतुर्वेदी, मोहना सिंह जितवाल, भावना कंठ को 2016 में पहली बार पायलट बनने पर।)
चल पड़ी वह लाँघ देहरी,
चीर नापने नभ को,
अग्नि-दाह से भस्म करने
अरि-समूह-शलभ को।
पहन वेश सेनानी का
वह बनी देश की शान है।
धूल चटाने दुश्मन को
छिड़ा समर - अभियान है।
देखो वह नीले पथ पर,
गगन में भर रहा उडान।
घहरात पवि - सा विराट
स्वर ध्वनित गुंजायमान।
वह वायु-युद्ध की सेनानी,
बरसाएगी अग्निवाण।
भयाक्रांत विवर्ण शत्रु का
मर्दन करेगी मिथ्या मान।
अम्बर में गरजा विमान,
घिर गया गिद्धों का झुंड।
ध्वस्त हुए आतंक - शिविर
बिखर गये उनके नर मुंड ।
शत्रु की छाती का शोणित
रण चंडी बन पान करेगी।
भारत माँ की बिन्दी को
पुत्रियाँ प्रभावान करेगी।
©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र
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