#poemonramvanvaas
#रामवनगमन #ramvangaman
परम स्नेही मित्रों,
पिच्छले २९ सितम्बर को डॉ राधानंदन सिंह जी के आमंत्रण पर मैं मारुती सत्संग मंडल पुणे के वेबिनार से जुड़ा। डॉ राधा बाबू के कर्मफल सिद्धांत पर दिए गए प्रेरक वक्तव्य के बाद मैंने अपनी दो भक्तिपूर्ण रचनाएँ प्रस्तुत की। एक योगेश्वर श्री कृष्ण पर और दूसरी भगवान राम के वन गमन पर। इसी का यूट्यूब वीडियो लिंक मैं दे रहा हूँ। आपके बहुमूल्य विचारों का स्वागत है। सादर:
--ब्रजेंद्र नाथ
यूट्यूब लिंक: https://youtu.be/fJES-jIN7cw
छोड़ महल चले वीराने को
पिता का वचन निभाने को
रघुकुल का मान बचाने को।
राम, लखन सीता समेत
छोड़ महल, चले वीराने को।
पुष्प सभी थे विस्मित
रोये अश्व, रोयी मैना।
चेतन की कौन कहे वहाँ
बहे नीर जड़ के नैना।
चेतना शून्य, दौड़ी जनता,
रोती रह गयी माँ की ममता।
करुणा का बादल बरस पड़ा,
यह हाहाकार नहीं थमता।
हमें छोड़, मुंह को न मोड़,
हे प्रभु राम, अयोध्यानाथ।
हमने किया कोई अपराध ?
तो क्यों कर रहे हमें अनाथ?
गर है अपराध नहीं मेरा
क्यों दंडित किये जाते हो?
नैनों के अमृत वर्षण से,
क्यों वंचित किये जाते हो?
क्या परिवार के वचनों का है
अधिक महत्व, पूछे जनता?
क्या जनता के लिए कर्तव्यों
का कोई महत्व नहीं होता?
हे राम, अवध की प्रजा से
बड़ा नहीं कोई भी वचन।
जनता के लिए रुकना होगा,
तोड़ तुम्हें सारे बंधन।
प्रजा का मत सबसे ऊपर
हम साथ चलेंगे जग होगा।
जहां चलेंगें अवधनाथ
जनता का वहीं अवध होगा।
©ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
पिता का वचन निभाने को
रघुकुल का मान बचाने को।
राम, लखन सीता समेत
छोड़ महल, चले वीराने को।
पुष्प सभी थे विस्मित
रोये अश्व, रोयी मैना।
चेतन की कौन कहे वहाँ
बहे नीर जड़ के नैना।
चेतना शून्य, दौड़ी जनता,
रोती रह गयी माँ की ममता।
करुणा का बादल बरस पड़ा,
यह हाहाकार नहीं थमता।
हमें छोड़, मुंह को न मोड़,
हे प्रभु राम, अयोध्यानाथ।
हमने किया कोई अपराध ?
तो क्यों कर रहे हमें अनाथ?
गर है अपराध नहीं मेरा
क्यों दंडित किये जाते हो?
नैनों के अमृत वर्षण से,
क्यों वंचित किये जाते हो?
क्या परिवार के वचनों का है
अधिक महत्व, पूछे जनता?
क्या जनता के लिए कर्तव्यों
का कोई महत्व नहीं होता?
हे राम, अवध की प्रजा से
बड़ा नहीं कोई भी वचन।
जनता के लिए रुकना होगा,
तोड़ तुम्हें सारे बंधन।
प्रजा का मत सबसे ऊपर
हम साथ चलेंगे जग होगा।
जहां चलेंगें अवधनाथ
जनता का वहीं अवध होगा।
©ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र
No comments:
Post a Comment