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Wednesday, May 6, 2020

मतवाला हो झूम-झूम (कविता) मदिरालय के आगे लंबी लाइन पर

#BnmRachnaWorld
#poemonlongqueue
#queuenearwineshop
परम स्नेही मित्रों,
कुछ दिन पहले लॉक डाउन को थोड़ा ढीला करने पर लोग मदिरा क्रय के लिए  लंबी लाइनों में लगे दिखे। उसी को मैंने अपनी कविता का विषय बनाया है। आप भी पढ़ें और अपने विचारों से अवगत कराएं:








मतवाला हो झूम-झूम


लॉकडाउन के बाद आज
जब थोड़ी दी गयी ढील।
सोचे पीने वाले चलकर
कंठ थोड़ी करते हैं गील।

मधुशाला के बाहर बाहर
लोग पंक्ति में रहे खड़े।
बोतल मिलने की आस
में घाम, धूप में रहे अड़े।

पीने की खुशी इतनी कि
चलन, नियम भी गए भूल।
दूरी रखनी कितनी जरूरी
कोरोना क्षय होगा समूल।

घर वापसी की टिकट पर
कैसा घमासान है जारी?
मदिरालय में लगी पंक्ति पर
दिखा रहे अपनी लाचारी।

आतंकी से लड़ रहे जवान
प्राण कर रहे अपने अर्पण।
मदिरा की घूंट के पहले,
राष्ट्र-उन्नयन का हो प्रण।

राष्ट्र - भूमि, राष्ट्र- किरीट
इसको भी तू चूम - चूम।
देशप्रेम का प्याला लेकर,
मतवाला हो झूम झूम।

©ब्रजेंद्रनाथ मिश्र

8 comments:

Meena Bhardwaj said...

सादर नमस्कार,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (08-05-2020) को "जो ले जाये लक्ष्य तक, वो पथ होता शुद्ध"
(चर्चा अंक-3695)
पर भी होगी। आप भी
सादर आमंत्रित है ।

"मीना भारद्वाज"

Marmagya - know the inner self said...

आदरणीया मीना भारद्वाज जी,मेरी रचना को 8 मई के चर्चा मंच 3695 में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार! --ब्रजेंद्रनाथ

अनीता सैनी said...

घर वापसी की टिकट पर
कैसा घमासान है जारी?
मदिरालय में लगी पंक्ति पर
दिखा रहे अपनी लाचारी।

आतंकी से लड़ रहे जवान
प्राण कर रहे अपने अर्पण।
मदिरा की घूंट के पहले,
राष्ट्र-उन्नयन का हो प्रण।

लाजवाब सृजन आदरणीय सर.
अंतस में उठी टीस का मार्मिक चित्रण.
सादर

अनीता सैनी said...

देशभक्ति भी एक नशा है जिसे भारत माता के रखवाले अनुभव करते रहेंगे, अपनी क़ुर्बानी के लिए झूमते रहेंगे.
मदिरा के लिए लोगों की बेताबी ऐतिहासिक घटना की तरह दर्ज हुई है.
बहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय सर.
सादर.

akhilesh shukla said...

सादर नमस्कार ,
हमारे शुरवीरों को समर्पित रचना है आपकी ।

मन की वीणा said...

सामायिक व्यंग्य ।
अभिनव।

मन की वीणा said...

सामायिक व्यंग्य।
अभिनव।

Marmagya - know the inner self said...

आ मन की वीणा जी, आपके उत्साहवर्धन के लिए हृदय तल से आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

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