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Thursday, August 9, 2018

अमेरिका डायरी, 11-07-2018, इर्वाइन (यु एस ए ंंमें आठवां दिन, Day 8


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11-07-2018, इर्वाइन, साउथ कलिफोर्निया ( यु एस ए में आठवां दिन, Day 8)

आज का दिन अन्य दिनों से कुछ अलग बीता क्योंकि हमलोगों का ऑरेंज काऊंटी ग्रेट बैलून पार्क जाना हुआ। इस पार्क के लिये हमलोग सात बजे अपराह्न या सन्ध्या क्या कहूँ, समझ नहीं पा रहा हूँ, निकले। ज्ञात हो कि यहाँ साढ़े आठ बजे तक उजाला ही होता है। शाम तो उसके बाद ही आती है।
यह पार्क करीब 27.5 एकड़ में फैला हुआ खेल, कृषि और कला को समर्पित एक पब्लिक पार्क ( आम या सार्वजनिक उद्यान) है। इतिहास बताता है कि यह Marine Corps Air Station, El Toro के अन्तरराष्ट्रीय air field station को बंद किये जाने के बाद यहाँ की जनता ने इसे सार्वजनिक उद्यान में बदल दिये जाने के लिए पब्लिक ओपिनियन पोल में वोट किया था।
एयर फील्ड स्टेशन को बंद किये जाने के बाद यह सार्वजनिक विवाद में फँस गया था। 1940 से पहले यह एयर बेस था, जो युद्धक विमानों के ठहराव स्थल, इन्धनीकरण और उड़ान भरने के काम आता था। द्वितीय युद्ध की समाप्ति के बाद इसका उपयोग बिल्कुल कम हो गया। अब इस बड़े भूभाग का क्या उपयोग हो, इसपर विचार किया जाने लगा। इसके कुछ दूरी पर Orange County Airport जिसे 1979 में एक बड़े अभिनेता के नाम पर John Wyne Air Port नाम दे दिया गया, है। इस एयर पोर्ट की जगह पर नयी सुविधाओं के साथ इस बंद किये गये एयर बेस स्टेशन को नया civilian air port में बदल दिये जाने पर विचार किया जाना था। इसपर यहाँ के निवासियों में मतभेद था, इसलिये विवाद होना स्वाभाविक था।
प्रशासन यहाँ के स्थायी निवासियों का विचार जाने बिना यहाँ किसी भी नयी सुविधा को लाना सम्भव नहीं था। इस विवाद में जो इसे नये एयर पोर्ट में परिवर्तित करने पक्ष में थे, वे मूलतः उत्तरी क्षेत्र के लोग थे, जो अभी John Wyne Air port के आसपास विमानों के शोर से स्वयं को पीड़ित महसूस कर रहे थे। El Toro में नये एयर पोर्ट के विरोध में आसपास के Lake Forest, Laguna Niguel, Laguna Woods, Dana point और Mission Vego के निवासी थे। वे भी विमानों के परिचालन में आसन्न शोर से सामान्य जीवन में उत्पन्न होने वाले व्यवधान भयाक्रांत थे। इसीलिये यहां के निवासियों ने El Toro Reuse Planning Authority बनाया और इसका पुरजोर विरोध किया। इसतरह प्रशासन को इस बहिष्कृत या abandoned एयर स्टेशन को अन्ततः पार्क में बदले जाने का निर्णय लेना पड़ा। इसके बाद इसकी अच्छी प्लानिंग कर आधुनिक डिजाईन बनाया गया और यह पूरा क्षेत्र एक बैलून पार्क में विकसित हुआ।
इस एयर बेस को जब अन्ततः 1999 में स्थानान्तरित किया गया, तो पूरा क्षेत्र 4682 एकड़ का था। अभी 2018 में बनी योजना के अनुसार 688 एकड़ पार्क में तब्दील होगा। बचा हुआ भूखंड आधारभूत संरचनाओं के विकास और हाऊसिंग सुविधाओं के निर्माण के लिये डेवलपर को दिया गया। इस तरह यह बैलून पार्क अस्तित्व में आया।
हमलोग कार पार्क करने के बाद, कुछ दूर चलकर पार्क में प्रवेश किए। पार्क में हरियाली दूर तक फैली थी। लग रहा था कि हरी-हरी घास से भरा मैदान दूर क्षितिज में नीले आसमान से मिल गया हो। विस्तार इतना विस्तृत था कि मन विस्मय से भर गया। इस अनावृष्टि के क्षेत्र में इतनी हरियाली को सुरक्षित रख पाना एक अद्भुत प्रयास का ही प्रतिफल कहा जायगा।
घास भी इतनी करीने से तराशी हुई कि चलने पर उसमें पांव धंस जाते हैं, जैसे किसी गड्डे पर चल रहे हों। घास भी जंगल वाली नहीं, जो मोटी और कड़ी होती है। बिल्कुल दूब जैसी पतली और छोटी-छोटी, आंखों को शुकून देने वाली। मुझे दूबों के अवलोकन पर याद आता है वो मंजर जब सुबह - सुबह ओस से नहायी दूबों पर सूर्य की रश्मियाँ बिखर-बिखर जाती हैं, और इन पंक्तियों में बँधकर सँवर- सँवर जाती हैं:

ओस की बूंदें मोती - सी लगे,
दूबों पर टिकती हुई सोती - सी लगे।
उन्हें उंगलियों से छूना चाहूँ
मुट्ठियों में बंद करना चाहूँ।

रात सितारे आते अम्बर से
उन्हें धरा पर बिखरा जाते।
झोंके पवन के आते,
सहलाते, पसारते, छितरा जाते।

नहलाई हुई उन  बूंदों में
छल-छल करती आती भोर।
पत्तों पर गिरती, चमकाती 
अमृत-रस से करती सराबोर।

फूलों पर बूंदें ठहरी हुई
छूती-चूमती, नाचती है।
टिकती, टप-टप गिरती हुई
पराग चुरा ले जाती है।

आओ उंगलियों के पोरों में,
कर लूं कैद, ले भागूँ।
उनके बदले थोड़ी-सी
मोती गगन से मैं मांगू ।

यहाँ अब शाम धीरे - धीरे पूरे मैदान पर उतर रही है। सामने बड़ा- सा बैलून दिखाई दे रहा है। या बैलून, बैलून राईड में काम आता है। बड़े से प्लेटफॉर्म को बैलून से बाँधा जाता है। बैलून की हवा को गर्म किया जाता है, जिससे बैलून ऊपर उठता जाता है और वैसे ही उठान पर होता है बैलून से लगे प्लेटफॉर्म पर चढ़े लोगों का उत्साह! आज तो मौका नहीं मिला, शायद किसी दिन मौका मिले तो उसका अनुभव अवश्य साझा करूंगा।
इसी मैदान में छ: फुटबॉल मैदान हैं। इसमें से चार मैदान फुटबॉल लीग के मैचों के लिये है। बाकी के दो मैदान अभ्यास के लिये हैं। साथ ही बास्केटबॉल के कई मैदान हैं। खेल की इतनी सुविधायें हैं कि देखकर आश्चर्य होता है। यहाँ के लोगों को शायद आज खाने और कल के खाना जुटाने की चिन्ता नहीं है। इसलिये चिंतामुक्त होकर खेलना और उसमें आनन्द लेना एक फ़ेवरिट पास्टाईम है। इससे पता चलता है कि यहाँ के लोगों का हप्पिनेस्स इंडेक्स (Happiness Index) कितना उँचा है। इस नयनाभिराम सौंदर्य को उतरती शाम की पृष्ठभूमि में मोबाइल कैमरे में कैद करना और स्मृतियों को स्थाई तौर पर अंकित कर लेने का कार्य सम्पन्न हुआ। हमलोग नौ बजे रात्रि को वापस लौटे।
क्रमशः 

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