#BnmRachnaWorld
#americatourdiary
17-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 14 वाँ दिन (Day 14)
आज सुनह 8:40 बजे मेरे पोते, Grand son को बस स्टैंड पर विद्यालय बस में छोड़ना पड़ा। बस की सुरक्षा कितनी थी, उसे मैनें देखा। एक वीडियो जो स्कूल बस से उतरते बच्चों के समय ली गयी है, देखें। यद्यपि यह वीडियो जब मैं बस पर अपने पोते को छोडने गया, उस समय का नहीं है, लेकिन मैने इसकी प्रमाणिकता की जांच की। स्कूल बस बिल्कुल वैसे ही operate किया जैसा इसमें दिखाया गया है। बस आकर नियत स्थान पर रुकी। बस के आगे के बम्पर से एक बड़ा सा रॉड जैसा निकला, जो बस के समानान्तर सड़क के किनारे निकल गया, ताकि बस के आगे से कोई सड़क को पार नहीं कर सके। बस से एक महिला चालक उतरी। उसने बच्चे को बस के अन्दर तक पहुंचाया। बस की सीट पर बैठाकर सीट बेल्ट लगा दिया। बस में इक्के दुक्के ही बच्चे थे। बस पर ड्राईवर बैठ गयी। वहीं से स्तीरिन्ग व्हील के पास के हैन्डील से दरवाजा बन्द किया। उसके बाद आगे का निकला हुआ रॉड अन्दर बम्पर के पास चला गया। बस उसके बाद ही चली। बच्चों के लिये सुरक्षा के उपाय इस हद तक फूल्प्रूफ रखे गये हैं।
मैं इससे अपने यहाँ की ठूंस-ठूंस कर बच्चों को स्कूल ले जाते हुये टेम्पो में मिली सुरक्षा का ध्यान आता है, तो कितनी तकलीफ होती है। अपने यहाँ क्या बच्चों के लिये सुरक्षित विद्यालय पहुंचने के लिये बस की ब्यवस्था स्कूल और सरकार की शिक्षा ब्यवस्था का अंग नहीं होना चाहिये ? इसके लिये भी आन्दोलन, चक्का जाम और सड़क जाम करने की जरूरत है।
शाम में डोमिनॉस से मँगाई गई पिज़ा का आनन्द लिया गया। पिज्जा लेने मैं भी गया था। मेरे ग्रैंड सन को पिज़ा काफी पसन्द है। वहाँ मैने देखा कि एक पूरा मार्किट प्लेस ही है जहां पिज़ा, बिरियानी पॉट सहित कई जलपान गृह बने हुये हैं, जहाँ आप बैठकर साफ सुथरे टेबल पर डिसेज़ का लुत्फ उठा सकते है। पार्सल करवा कर घर ले जाने का भी विकल्प मौजूद है। पिज़्ज़ा की डिलीवरी घर पर भी होती है, कार के माध्यम से। परन्तु उसके लिये अलग से डालर खर्च करने होते हैं।
क्रमशः
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17-07-2018, इरवाइन, यु एस ए, 14 वाँ दिन (Day 14)
आज सुनह 8:40 बजे मेरे पोते, Grand son को बस स्टैंड पर विद्यालय बस में छोड़ना पड़ा। बस की सुरक्षा कितनी थी, उसे मैनें देखा। एक वीडियो जो स्कूल बस से उतरते बच्चों के समय ली गयी है, देखें। यद्यपि यह वीडियो जब मैं बस पर अपने पोते को छोडने गया, उस समय का नहीं है, लेकिन मैने इसकी प्रमाणिकता की जांच की। स्कूल बस बिल्कुल वैसे ही operate किया जैसा इसमें दिखाया गया है। बस आकर नियत स्थान पर रुकी। बस के आगे के बम्पर से एक बड़ा सा रॉड जैसा निकला, जो बस के समानान्तर सड़क के किनारे निकल गया, ताकि बस के आगे से कोई सड़क को पार नहीं कर सके। बस से एक महिला चालक उतरी। उसने बच्चे को बस के अन्दर तक पहुंचाया। बस की सीट पर बैठाकर सीट बेल्ट लगा दिया। बस में इक्के दुक्के ही बच्चे थे। बस पर ड्राईवर बैठ गयी। वहीं से स्तीरिन्ग व्हील के पास के हैन्डील से दरवाजा बन्द किया। उसके बाद आगे का निकला हुआ रॉड अन्दर बम्पर के पास चला गया। बस उसके बाद ही चली। बच्चों के लिये सुरक्षा के उपाय इस हद तक फूल्प्रूफ रखे गये हैं।
मैं इससे अपने यहाँ की ठूंस-ठूंस कर बच्चों को स्कूल ले जाते हुये टेम्पो में मिली सुरक्षा का ध्यान आता है, तो कितनी तकलीफ होती है। अपने यहाँ क्या बच्चों के लिये सुरक्षित विद्यालय पहुंचने के लिये बस की ब्यवस्था स्कूल और सरकार की शिक्षा ब्यवस्था का अंग नहीं होना चाहिये ? इसके लिये भी आन्दोलन, चक्का जाम और सड़क जाम करने की जरूरत है।
शाम में डोमिनॉस से मँगाई गई पिज़ा का आनन्द लिया गया। पिज्जा लेने मैं भी गया था। मेरे ग्रैंड सन को पिज़ा काफी पसन्द है। वहाँ मैने देखा कि एक पूरा मार्किट प्लेस ही है जहां पिज़ा, बिरियानी पॉट सहित कई जलपान गृह बने हुये हैं, जहाँ आप बैठकर साफ सुथरे टेबल पर डिसेज़ का लुत्फ उठा सकते है। पार्सल करवा कर घर ले जाने का भी विकल्प मौजूद है। पिज़्ज़ा की डिलीवरी घर पर भी होती है, कार के माध्यम से। परन्तु उसके लिये अलग से डालर खर्च करने होते हैं।
क्रमशः
1 comment:
बहुत अच्छा वर्णन!
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